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कनाडा की प्रेरितिक यात्रा पर विमान से उतरते संत पापा फ्रांँसिस कनाडा की प्रेरितिक यात्रा पर विमान से उतरते संत पापा फ्रांँसिस 

कजाखस्तान में पोप की यात्रा अंतरधार्मिक संवाद व शांति को बढ़ावा

संत पापा फ्राँसिस जब अगले मंगलवार को कजाखस्तान की प्रेरितिक यात्रा पर जाने वाले हैं वाटिकन प्रेस कार्यालय ने उनकी 38वीं प्रेरितिक यात्रा की विस्तृत जानकारी प्रकाशित की है, जिसके अनुसार वे नूर सुलतान में विश्व के नेताओं एवं परम्परागत धर्मों के धर्मगुरूओं के साथ सम्मेलन में भाग लेंगे, साथ ही छोटे ख्रीस्तीय समुदाय के प्रति अपना सामीप्य व्यक्त करेंगे।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

संत पापा फ्राँसिस 13-15 सितम्बर को कजाखस्तान की प्रेरितिक यात्रा करेंगे जो वाटिकन प्रेस कार्यालय के निदेशक के अनुसार विश्व के धर्मगुरूओं को शांति को बढ़ावा देने में मदद करने का नवीनतम भाव है।

शुक्रवार को प्रेस ब्रीफिंग के दौरान वाटिकन प्रेस कार्यालय के निदेशक ने संत पापा की 38वीं प्रेरितिक यात्रा को प्रस्तुत किया। मध्य एशियाई देश कजाखस्तान 57वाँ देश होगा।

अगले सप्ताह अपनी यात्रा में संत पापा फ्राँसिस अपने पूर्वाधिकारी संत पापा जॉन पौल द्वितीय के पद चिन्हों पर कजाखस्तान की यात्रा करेंगे, जिन्होंने 11 सितम्बर को अमरीका के ट्वीन टावर एवं पेंटागन में हमले के कुछ ही दिनों बाद यात्रा की थी। अपनी यात्रा में संत पापा जॉन पौल द्वितीय ने विभिन्न धर्मों एवं जातियों जैसे कजाख, रूसी, यूक्रेनी और देश के अंदर अन्य लोगों से एक साथ शांतिपूर्वक रहने का आह्वान किया था।   

संत पापा जॉन पौल द्वितीय के पद चिन्हों पर

ब्रूनी ने गौर किया कि संत पापा जॉन पौल द्वितीय एक मात्र पोप हैं जिन्होंने कजाखस्तान की यात्रा की है और संदेश दिया है कि धर्म संघर्ष स्थल नहीं हो सकते। उन्होंने शांति के राज का आह्वान किया था।  

ब्रूनी ने यह भी याद किया कि आजादी प्राप्त नये देश एवं कम्यूनिष्ट शासन के अधीन लम्बे समय तक अत्याचार की शिकार, स्थानीय कलीसिया में पोप जॉन पौल द्वितीय की यात्रा के पूर्व किसी दूसरे पोप ने यात्रा नहीं की थी।  

कजाखस्तान रूस के दक्षिण में है, और अन्य पूर्व सोवियत गणराज्यों के साथ-साथ चीन और कैस्पियन सागर की सीमा पर स्थित हैं। भूभाग के आधार पर यह विश्व का 9वाँ सबसे बड़ा देश है और दुनिया का सबसे बड़ा भूमि से घिरा देश है। यहाँ मध्य एशिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है तथा कारागांडा में स्थित एकमात्र काथलिक सेमिनरी है।

विश्व के नेताओं एवं परम्परागत धर्मों के धर्मगुरूओं का 7वाँ सम्मेलन   

संत पापा फ्राँसिस कजाखस्तान, खासकर, विश्व के नेताओं एवं परम्परागत धर्मों के धर्मगुरूओं के 7वें सम्मेलन में भाग लेने कजाखस्तान जा रहे हैं, जहाँ से उन्होंने नागरिक अधिकारियों एवं कजाखस्तान की कलीसिया से भी निमंत्रण प्राप्त किया है।

यात्रा के दौरान संत पापा राजधानी नूर सुलतान (पहले असताना के नाम से जाना जाता था) में ठहरेंगे।

सम्मेलन में भाग लेते हुए वे सभा को सम्बोधित करेंगे, मौन प्रार्थना करेंगे तथा ग्रैंड इमाम के अल अजहर अल ताय्येब सहित अन्य धर्मगुरूओं से व्यक्तिगत विचार-विमर्श करेंगे। उम्मीद की जा रही है कि धार्मिक नेता एक घोषणा जारी करेंगे।

सम्मेलन की शुरूआत 2003 में हुई है और हरेक तीन साल में कजाख की राजधानी में आयोजित की जाती है। सम्मेलन को पिछली बार 2018 में होना था किन्तु महामारी के कारण नहीं हो पाया था।  

छोटा किन्तु सक्रिय काथलिक समुदाय

शुक्रवार को वाटिकन प्रेस कार्यालय के निदेशक ने संकेत दिया कि पोप फ्राँसिस इताली भाषा में सम्बोधित करेंगे और इसका अनुवाद किया जाएगा।

दूसरा महत्वपूर्ण अवसर होगा देश के काथलिक समुदाय के लिए ख्रीस्तयाग का अनुष्ठान। यह छोटा काथलिक समुदाय के लिए, जिसकी संख्या देश की कुल आबादी 19 मिलियन का करीब 1 प्रतिशत है, एक प्रोत्साहन का अवसर होगा।

कजाखस्तान में सुन्नी मुसलमानों की संख्या 70 प्रतिशत और ख्रीस्तीयों की संख्या  जिसमें रूसी ऑर्थोडॉक्स प्रमुख हैं 26 प्रतिशत है।

यात्रा के दौरान संत पापा के साथ अंतरधार्मिक वार्ता, ख्रीस्तीय एकता को बढ़ावा देने हेतु निर्मित विभाग, सुसमाचार एवं ओरिएंटल कलीसिया के लिए बने विभाग के अध्यक्ष भी होंगे।  

यात्रा के दौरान उम्मीद की जा रही है कि संत पापा पत्रकारों का अभिवादन करेंगे एवं रोम लौटते समय प्रेस सम्मेलन करेंगे जैसा कि उन्होंने जुलाई में कनाडा की प्रेरितिक यात्रा के दौरान किया था। पोप के साथ करीब 70 से अधिक पत्रकार यात्रा करनेवाले हैं। संत पापा शाम लगभाग 8 बजे फ्यूमिचिनो हवाई अड्डे से रोम लौटेंगे।

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10 September 2022, 14:36