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प्रेमोनस्ट्रेटेन्सियन ऑर्डर के सदस्यों से मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस प्रेमोनस्ट्रेटेन्सियन ऑर्डर के सदस्यों से मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस 

मिशनरी मनोभाव प्रेम से उत्पन्न होता है, पोप

प्रेमोनस्ट्रेटेन्सियन ऑर्डर की स्थापना की 900वीं वर्षगाँठ के अवसर पर संत पापा फ्राँसिस ने ऑर्डर के सदस्यों को प्रोत्साहन दिया कि वे अपने समुदाय के इतिहास पर चिंतन करें एवं भविष्य की ओर देखें तथा अपने जीवन को, यूखरिस्त और सुसमाचार में निहित भाईचारापूर्ण सहअस्तित्व के साथ मिशनरी के रूप में जीयें।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

प्रेमोनस्ट्रेटेन्सियन ऑर्डर की स्थापना की 900वीं वर्षगाँठ पिछले साल मनायी गई। ऑर्डर की स्थापना संत नोर्बर्ट ने 1120 में फ्रांस के प्रेमोंत्रे में की थी जो जल्द ही यूरोप के अन्य प्रांतों में फैल गया।

संत अगुस्टीन के मठवासी नियम एवं सिस्टरसियन के सक्रिय समर्पित जीवन की विचारधारा से प्रभावित होकर, प्रेमोनस्ट्रेटेन्सियन, चिंतनशील जीवन और सक्रिय जीवन को एक साथ जीते हैं।

वाटिकन में बृहस्पतिवार को ऑर्डर के सदस्यों का स्वागत करते हुए संत पापा फ्राँसिस ने मानव इतिहास में कठिनाइयों एवं सपलताओं के बीच आशा के "प्रकाशस्तम्भ" की तरह फैलने एवं उपस्थित रहने की क्षमता के लिए उनकी सराहना की। 

समुदाय का केंद्रबिन्दु ˸ मिशन और दृढ़ता

अपने सम्बोधन में संत पापा ने ऑर्डर के लम्बे इतिहास पर प्रकाश डाला तथा गौर किया कि ऑर्डर के कई समुदायों ने अपने पूरे इतिहास में दृढ़ता और मिशन की महान भावना प्रदान की है।

संत पापा ने कहा कि प्रत्येक मठ अपने स्थानीय प्रांत के "आनन्द और कठिनाई" दोनों से गहराई से जुड़ा था, और दृढ़ता एवं मिशन का जीवन, एक स्थान एवं सुसमाचार प्रचार में कैसे एक साथ चल सकते हैं उसकी झलक प्रदान करता है। 

"धर्मबहनों या धर्मबंधुओं के समुदाय की उपस्थिति परिवेश में एक चमकते हुए प्रकाशस्तंभ की तरह है।"

अतः समुदाय का कारिज्म अपनी एक मिशनरी उपस्थिति एवं एक स्थिरता की भावना  के साथ समुदायों में मजबूत था।

मिशनरी भावना

ख्रीस्त में एक भाई या बहन होने के नाते, एक मिशनरी जो प्रभु की इच्छा के लिए खुला होता, प्रार्थनाओं एवं यूखरिस्त की सहभागिता पर आधारित होता है।

सामुदायिक प्रार्थना एक भाईचारापूर्ण सहअस्तित्व की संस्कृति प्रदान करता है जो सच्चे मिशनरी आतिथ्य के लिए प्रेरित करते हुए अजनबियों को भाई और बहन बनाता है। 

अपने पूरे इतिहास में ऑर्डर ने मिशनरी भावना दी है जो अपने आपमें प्रेम के कारण एक साहस एवं आत्मत्याग की कहानी है, जिसने मिशन भूमि में समुदायों को मजबूत बनाया।

इस पृष्टभूमि पर संत पापा ने सदस्यों को निमंत्रण दिया कि वे अपने लम्बे इतिहास पर चिंतन करें, सीख लेने के लिए, न केवल अतीत से बल्कि एक दूसरे से भी।

समुदाय की आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक भूमिका

संत पापा ने कहा कि किसी धर्मसमाजी समुदाय की आर्थिक क्रियाशीलता, मिशन की सेवा एवं समुदाय के कैरिज्म को जीने के लिए होना चाहिए। "यह अपने आपमें अंत नहीं है, बल्कि एक आध्यात्मिक लक्ष्य की ओर उन्मुख है।"

इसके अलावा, पोप फ्राँसिस ने "पर्यावरण और उनके साथ रहनेवाले लोगों को ध्यान में रखते हुए" स्थिरता के महत्व पर जोर दिया ताकि "प्रभावी प्रेरितिक देखभाल और सुसमाचार की विश्वसनीय घोषणा के लिए स्थितियाँ" तैयार की जा सकें।

"समुदाय की स्थिरता और लंबा अनुभव दीर्घकालिक विकल्पों के परिणामों की भविष्यवाणी करने में मदद करता है। सामाजिक न्याय के रूप में स्थिरता एक महत्वपूर्ण मानदंड है।"

यूखरिस्त को जीना

संत पापा ने कहा कि यूखरिस्त ने ऑर्डर के जीवन में केंद्रीय भूमिका निभाया है।

"भाइयो और बहनो, आप वही बनें जिसको आप मनाते हैं, ग्रहण करते और आराधना करते हैं: ख्रीस्त का शरीर, जिसमें एक समन्वय की ऊष्मा है जिसमें कई लोग खुद को गर्म कर सकते हैं।"

अंत में, संत पापा ने उनके लिए ख्रीस्त एवं कलीसिया की माता अति पवित्र मरियम से प्रार्थना की कि वे "पूर्ण मानव, मुक्ति के सुसमाचार के विश्वासनीय साक्षी बनने में मदद दें।"

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22 September 2022, 18:02