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संत पापा फ्राँसिस संत पापा फ्राँसिस  

परमधर्मपीठीय प्रतिनिधियों से पोप ˸ परमाणु युद्ध का खतरा

संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन में चल रहे परमधर्मपीठीय प्रतिनिधियों की एक त्रैवार्षिक बैठक के प्रतिभागियों से बृहस्पतिवार को मुलाकात की और "टुकड़ों में लड़े जा रहे तीसरे विश्व युद्ध" के बीच शांति प्राप्त करने के लिए परमधर्मपीठ के प्रयासों की ओर ध्यान आकृष्ट किया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

दुनियाभर के देशों में पोप के प्रतिनिधियों ने वाटिकन में अपनी त्रैवार्षिक बैठक के हिस्से के रूप में बृहस्पतिवार को संत पापा से मुलाकात की।

सभा में कुल 91 प्रेरितिक राजदूत और 6 स्थायी पर्यवेक्षक भाग ले रहे हैं जबकि 5 परमधर्मपीठीय प्रतिनिधि स्वास्थ्य या अन्य कारणों से भाग नहीं ले पा रहे हैं।

संत पापा ने अपने प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की जो विश्व के विभिन्न देशों एवं कलीसिया को प्रभावित करते हैं।

युद्ध से हिला विश्व

संत पापा ने गौर किया कि यह मुलाकात महामारी के बाद हो रही है। उन्होंने कहा, "कोविड -19 महामारी के तूफान ने हमारे दैनिक जीवन और प्रेरितिक गतिविधियों को विभिन्न प्रकार से बाधित किया है, अब लगता है कि हमारे पीछे इससे भी बुरा होने वाला है और ईश्वर को धन्यवाद कि हम एक साथ मिल पाये।"

हालांकि उन्होंने सचेत किया कि यूरोप और विश्व पर युद्ध की छाया उतर चुकी है।

"दुर्भाग्य से, यूरोप और पूरी दुनिया, अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन, परमाणु वृद्धि के जोखिमों और गंभीर आर्थिक एवं सामाजिक परिणामों के कारण अत्यधिक गंभीर युद्ध से हिल गई है।"

विश्व युद्ध के बीच संत पापा का सामीप्य

संत पापा ने कहा कि एक तीसरा विश्व युद्ध जिसे टुकड़ों में लड़ा जा रहा है, इसने विश्व को अपने गिरफ़्त में ले लिया है और परमधर्मपीठ के प्रतिनिधि विभिन्न देशों में कई संघर्षों के बीच रहते हैं। उन्होंने उन्हें धन्यवाद दिया कि वे लोगों की पीड़ा में उनके बीच पोप का सामीप्य प्रदान करते हैं।   

उन्होंने कहा, "आप, लोगों और कलीसिया के लिए पोप की निकटता लाते हैं। आप अत्यधिक घबराहट और अशांति के क्षणों में संदर्भ बिंदु बनते हैं।"

मिशन पर प्रकाश

संत पापा ने प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे अपने कार्यों को प्रभु को समर्पित करें जो आज की कलीसिया एवं विश्व में कार्य कर रहे हैं।  

उन्होंने याद दिलाया कि कलीसिया इस समय सिनॉडालिटी पर सिनॉड की यात्रा में है जबकि रोमन कूरिया प्रेरितिक संविधान प्रेदिकाते एवंजेलियुम को लागू कर रही है।

संत पापा ने उन दो प्रेरितिक राजदूतों की भी याद की जिनकी मृत्यु कार्य के दौरान हुई ˸ महाधर्माध्यक्ष जोसेफ चेन्नोथ और महाधर्माध्यक्ष अल्दो जोर्दानो।  

उन्होंने कहा, "हमारे भाई हमारी यात्रा में हमसे पहले चले गये, और वे हमें आगे के मार्ग एवं स्वर्ग में अपनी निगाहें टिकाए रखने के लिए आमंत्रित करते हैं।"

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08 September 2022, 17:05