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कजाकिस्तान के येसु समाजी कजाकिस्तान के येसु समाजी  

कजाकिस्तान के येसु समाजियों से पोप ˸ 'हमारे हृदय को घृणा से मुक्त होना चाहिए'

जेस्विट रिव्यू "ला चिविल्ता कत्तोलिका" ने कजाकिस्तान में पोप फ्राँसिस की प्रेरितिक यात्रा के दौरान, "रूसी क्षेत्र" के येसु समाजियों के साथ उनकी बातचीत को प्रकाशित किया है। वार्तालाप में संत पापा ने जारी संघर्ष जिसको उन्होंने तृतीय विश्व युद्ध की संज्ञा दी है, उसपर चिंतन किया है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

संत पापा ने कजाकिस्तान के येसु समाजियों से कहा, "हमें अपने हृदय को घृणा से मुक्त करना चाहिए।" उन्होंने कजाकिस्तान में अपनी प्रेरितिक यात्रा के दौरान 15 सितम्बर 22 को, नूर सुल्तान स्थित प्रेरितिक राजदूतावास में 19 येसु समाजियों से मुलाकात की थी।  

इस अवसर पर उन देशों से जिसे वे रूसी क्षेत्र कहते हैं, येसु समाजी पुरोहितों ने मध्य एशियाई देश की यात्रा की थी।

संत पापा ने कहा, "युद्ध में लोग दुःख सहते हैं। यह घृणा उत्पन्न करता और जो युद्ध करते वे मानवता भूल जाते हैं।"

अच्छे और बुरे लोगों के बीच संघर्ष नहीं

संत पापा ने कहा, "मैं मानता हूँ कि यह सोचना गलत है कि यह एक चरवाहा फिल्म है जिसमें अच्छे और बुरे लोग होते हैं। निःसंदेह यह एक विश्व युद्ध है।"

"युद्ध को भड़काने में योगदान देनेवाले पहले अंतर्राष्ट्रीय कारकों" का जिक्र करते हुए संत पापा ने कहा, "हमें मूल कारण का पता लगाना होगा जो संघर्ष की ओर ले जाता है।"

कजाकिस्तान के येसु समाजी
कजाकिस्तान के येसु समाजी

संघर्ष में साम्राज्यवाद

संत पापा ने यूक्रेन में युद्ध शुरू होने से पहले दिसम्बर 2021 में, एक राष्ट्र प्रमुख से अपनी मुलाकात की याद की जिन्होंने कहा था कि वे बहुत चिंतित हैं "क्योंकि नाटो रूस के द्वार पर भौंकने गया है, इस बात को बिना समझे कि रूसी साम्राज्यवादी हैं और अपनी सीमा की असुरक्षा से डरते हैं।" युद्ध के कारणों के बारे संत पापा ने कहा कि "यह साधारण नहीं हो सकता।"

उन्होंने जोर देते हुए कहा, "मैं संघर्ष में सम्राज्यवाद देखता हूँ, जब वे भयभीत एवं नष्ट होना महसूस करते हैं, तो सम्राज्यवादी यह सोचते हुए प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं कि अपने आपको पुनः स्थापित करने के लिए समाधान है युद्ध शुरू करना। उसी तरह हथियारों को बेचना एवं उनका परिक्षण करना।"

यूक्रेन की यात्रा इस समय संभव नहीं

संत पापा ने रूसी क्षेत्र के येसु समाजियों को संकेत दिया कि इस समय यूक्रेन की यात्रा असंभव है। उन्होंने कहा, "शुरू से लेकर कल तक मैंने, यूक्रेन के लोगों की पीड़ा को लेकर लगातार युद्ध के बारे आवाज उठायी है।"

पोप ने रूसी राजदूतावास में अपने दौरे की याद दिलायी, जिसको उन्होंने यूक्रेन में रूसी आक्रमण शुरू होने के तुरन्त बाद किया था और स्वीकार किया कि यह एक पोप के लिए असामान्य बात था। संत पापा ने कहा कि वे राष्ट्रपति पुतिन से बात करने की इच्छा से प्रेरित थे एवं वार्ता के लिए एक छोटा दरवाजा खोलना चाहते थे।

उन्होंने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से टेलीफोन पर बात का जिक्र किया तथा कार्डिनल माईकेल चरणी, कार्डिनल कोनराड क्राएस्की एवं महाधर्माध्यक्ष गल्लाघर की यूक्रेन यात्रा, साथ ही साथ, यूक्रेनी कैदियों की प्रतिबद्धता की भी याद की।

संत पापा ने कहा, "मैं भी (यूक्रेन) जाने की योजना बना रहा था। लेकिन "मेरे लिए ऐसा लग रहा है कि यह ईश्वर की इच्छा नहीं है कि मैं इस खास समय में जाऊँ; हालांकि हम बाद में देखेंगे।"

कजाकिस्तान के येसु समाजी
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आम जनता युद्ध की शिकार

संत पापा ने कहा, "मैंने यूक्रेन पर आक्रमण को अस्वीकारीय, प्रतिकूल, संवेदनहीन, बर्बर, अपवित्र आक्रमण कहा है। "साधारण लोग ही युद्ध के असली शिकार होते हैं जो युद्ध की गलतियों की कीमत अपनी त्वचा से चुकाते हैं।"

गलत समझे जाने पर पोप नाराज़ नहीं

"पुतिन के दिमाग" के रूप में जाने जानेवाले व्यक्ति की बेटी दरिया दुगीना पर हमले के बाद कहे गये शब्दों का जिक्र करते हुए संत पापा ने कहा, "मैंने उस महिला का भी जिक्र किया जिसे उड़ा दिया गया था।"

"इस स्थिति पर, लोग उस बिंदु तक मेरे द्वारा कही गई हर बात को भूल गए और केवल उस संदर्भ पर ध्यान दिया। लेकिन मैं लोगों की प्रतिक्रियाओं को समझता हूँ, क्योंकि वे बहुत पीड़ित हैं।"

संत पापा ने कहा, "पोप गलत समझे जाने पर नाराज नहीं होते, क्योंकि मैं इसके पीछे की पीड़ा को अच्छी तरह जानता हूँ।"

येसु समाज के मिशन के बारे बोलते हुए पोप फ्राँसिस ने कहा, "मैं इस बात पर अधिक रूचि नहीं रखता कि आप पोप का बचाव करें, बल्कि लोग आपके द्वारा चिंता किये गये महसूस करें जो पोप के भाई हैं।"

ईश्वर का तरीका है सामीप्य

संत पापा ने पुरोहितों से कहा, "हमें जो करना है वह है "सामीप्य व्यक्त करना" ताकि लोग महसूस कर सकें कि कलीसिया नजदीक है क्योंकि ईश्वर का तरीका है सामीप्य।"

कजाकिस्तान में येसु समाजियों के साथ पोप फ्राँसिस की बातचीत का पूरा लेख गुरुवार, 29 सितंबर को सुबह 10:00 बजे पत्रिका के संपादक फादर अंतोनी स्पादारो के लेख के रूप में "ला चिविल्ता कत्तोलिका" में ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाएगा।

कजाकिस्तान के येसु समाजी
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29 September 2022, 16:57