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असीसी में युवाओं को सम्बोधित करते संत पापा फ्रांँसिस असीसी में युवाओं को सम्बोधित करते संत पापा फ्रांँसिस 

इकोनोमी ऑफ फ्राँचेस्को के युवाओं से पोप

संत पापा फ्राँसिस ने असीसी में आयोजित इकोनोमी ऑफ फ्राँचेस्को कार्यक्रम में भाग ले रहे युवाओं को सम्बोधित करते हुए उनका आह्वान किया कि वे सामाजिक, सापेक्ष एवं आध्यात्मिक स्थिरता पर ध्यान दें और गरीबों तथा ग्रह की पुकार को पहचानें।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

असीसी, शनिवार, 24 सितम्बर 2022 (रेई) ˸ संत पापा ने युवाओं को सम्बोधित कर कहा, "एक युवा जब दूसरे युवा में एक ही प्रकार की बुलाहट देखता और यह अनुभव सैंकड़ों और यहाँ तक कि हजारों लोगों में दुहराया जाता है तब बड़ी चीजें संभव हो सकती हैं..."

इकोनोमी ऑफ फ्राँचेस्को में संत पापा ने युवाओं को याद दिलाया कि वे दुनिया की बेहतरी के लिए उसमें बदलाव ला सकते हैं।

"आप युवा, ईश्वर की सहायता से जानते हैं कि क्या करना है", और "आप क्या कर सकते हैं। इतिहास में युवाओं ने पहले ऐसा किया भी है।"  

संत पापा ने स्वीकार किया कि पहले की पीढ़ी ने युवाओं के लिए कई प्रकार की समृद्धि छोड़ दी है, किन्तु उन्होंने कहा, "उन्होंने नहीं जाना कि ग्रह की रक्षा किस प्रकार की जाए और वे शांति के लिए सुरक्षित नहीं हैं।" उन्होंने कहा कि युवा हमारे आमघर के निर्माता एवं शिल्पकार बनने के लिए बुलाये गये हैं।  

पर्यावरण एवं पृथ्वी के लिए एक नबी का दृष्टिकोण

संत पापा फ्रांसिस ने भविष्यवाणी के मॉडल पर प्रकाश डाला जिसपर इकोनोमी ऑफ फ्राँचेस्को में ध्यान दिया गया था, तथा उन्होंने पृथ्वी एवं पर्यावरण के नये दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर दिया।

पारिस्थितिक स्थिरता के अलावा, पोप ने स्थिरता के सामाजिक, संबंधपरक और आध्यात्मिक आयामों पर भी ध्यान दिया।

उन्होंने कहा, "इसका अर्थ है गरीबों के रूदन एवं पृथ्वी की पुकार पर ध्यान देना एवं गरीबों को हमेशा ध्यान में रखना; "आधुनिक दुनिया में सुख के अकाल" को दूर करने के लिए संबंध बनाना; और यह स्वीकार करना कि आध्यात्मिक पूंजी आर्थिक पूंजी से पहले है, और उससे भी अधिक महत्वपूर्ण है।"

गरीब के लिए सम्मान, प्रेम और चिंता

गरीबों के प्रति संत फ्राँसिस के स्नेह की याद करते हुए संत पपा फ्रांसिस ने कहा कि इकोनोमी ऑफ फ्रांचेस्को को चाहिए कि वह गरीबों, दुर्बलों एवं कमजोर लोगों के प्रति सम्मान, प्रेम एवं चिंता प्रकट करे।  

इसका अर्थ सिर्फ गरीबों के लिए काम करना नहीं है बल्कि अर्थव्यवस्था में बदलाव लाना है। हमें संत फ्राँसिस की तरह गरीबी को नहीं अपनाना है बल्कि अर्थव्यवस्था में परिवर्तन लाना है ताकि लोगों के द्वारा सामना की जा रही दयनीय स्थिति का सामना किया जा सके।  

अंततः संत पापा फ्राँसिस ने आगे बढ़नेवाले युवाओं के लिए तीन साइनपोस्ट के साथ अपनी टिप्पणी समाप्त की।

उन्होंने उन्हें निमंत्रण दिया कि वे दुनिया को सबसे गरीब की नजर से देखें; उन लोगों को याद रखें जो अपने हाथों से काम करते हैं एवं उनके कार्यों को महत्व दें और अपने विचारों को ठोस कार्य रूप दें।

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24 September 2022, 15:39