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प्राणदण्ड की सज़ा, प्रतीकात्मक तस्वीर प्राणदण्ड की सज़ा, प्रतीकात्मक तस्वीर 

मृत्युदंड न्याय नहीं देता, यह प्रतिशोध को भड़काता है, सन्त पापा

सितम्बर माह के प्रार्थना मनोरथ के एक विडियो में सन्त पापा फ्राँसिस मृत्युदंड की अस्वीकार्यता को दुहराते हैं, जो विश्व के 170 में देशों उन्मूलित कर दिया गया किन्तु 55 देशों में अभी भी लागू है।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 2 सितम्बर 2022 (रेई, वाटिकन रेडियो): सितम्बर माह के प्रार्थना मनोरथ  के एक विडियो में सन्त पापा फ्राँसिस मृत्युदंड की अस्वीकार्यता को दुहराते हैं, जो विश्व के 170 में देशों उन्मूलित कर दिया गया किन्तु 55 देशों में अभी भी लागू है। सन्त पापा का कहना है कि प्राणदण्ड "नैतिक रूप से अनुचित है, क्योंकि समाज अपराध करने वालों को मोचन की संभावना से वंचित नहीं कर सकता।"  

विडियो सन्देश में सन्त पापा फ्राँसिस  सम्पूर्ण विश्व में मौत की सज़ा के उन्मूलन के लिए सभी शुभचिन्तकों से एकजुट होने का निवेदन करते हुए कहते हैं, "आइए हम प्रार्थना करें कि मृत्युदंड, जो व्यक्ति की अनुल्लंघनीयता और गरिमा पर हमला करता है,  दुनिया के सभी देशों के कानूनों में समाप्त कर दिया जाए।"

सुसमाचार के प्रकाश में अस्वीकार्य

सन्त पापा फ्रांसिस विश्व के समस्त ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों को एक सामूहिक आध्यात्मिक संघटन के लिए आमंत्रित करते हैं, ताकि विश्व के समस्त देशों में प्राणदण्ड की क्रूर प्रक्रिया को समाप्त किया जा सके, जो उनके अनुसार, "पीड़ितों को न्याय नहीं देता बल्कि बदले की भावना को भड़काता है"।

संयुक्त राष्ट्र संघ के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 170 राष्ट्रों ने मृत्युदंड को समाप्त कर दिया है और कानून या व्यवहार में इसके उपयोग पर रोक लगा दी है। कई ने दस साल से अधिक समय तक इसके निष्पादन को निलंबित कर दिया है। हालाँकि, विभिन्न महाद्वीपों के  55 देश ऐसे हैं जहाँ अभी भी कैदियों और अपराधियों को फांसी दी जा रही है।

सन्त पापा फ्राँसिस के लिये सुसमाचार के प्रकाश में प्राणदण्ड अस्वीकार्य है, क्योंकि ईश्वर का नियम कि किसी की हत्या मत करो निर्दोष और अपराधी दोनों पर लागू होता है।  सन्त पापा कहते हैं कि हर किसी सज़ा के साथ-साथ आशा का एक झरोखा होना चाहिये। उनका कहना है कि  "मृत्युदंड पीड़ितों को न्याय नहीं देता है, लेकिन यह बदले की भावना को बढ़ावा देता है। साथ ही यह न्याय की संभावित ग़लती को दूर करने की किसी भी संभावना को नष्ट कर देता है। दूसरी ओर, नैतिक रूप से भी मृत्युदंड अनुचित है: यह हमें प्राप्त सबसे महत्वपूर्ण उपहार अर्थात् जीवन को नष्ट कर देता है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि, अंतिम क्षण तक, एक व्यक्ति परिवर्तित हो सकता है और बदल सकता है।"

दर्दनीय चित्र

विडियो सन्देश में मार्मिक छवियों सहित सन्त पापा के शब्द केवल विश्वासियों को ही नहीं अपितु समस्त शुभचिन्तकों को सम्बोधित हैं, इनमें सलाखों के पीछे खड़े क़ैदियों तथा "इंसाफ का पालन करो लोगों की हत्या नहीं", आदि नारों सहित पोस्टरों को दर्शाया गया है। दो मिनटों वाले इस विडियो सन्देश को विश्व की 23 भाषाओं में अनुदित किया गया है तथा विश्व के 114 देशों के संचार माध्यमों ने इसका प्रसारण किया है।

आशा का संकेत   

सन्त पापा फ्राँसिस कहते हैं कि यह "आशा का संकेत" है कि "हर दिन दुनिया भर में मौत की सज़ा को नकारनेवालों की संख्या बढ़ रही है"। "कानूनी दृष्टिकोण से, यह आवश्यक नहीं है"। उनका कहना है कि प्राणदण्ड के बिना भी समाज प्रभावी रूप से अपराधी का सुधार कर सकता है।

सितम्बर ˸ मृत्युदण्ड की समाप्ति के लिए प्रार्थना

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02 September 2022, 11:14