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अलेसांद्रिया और स्पोलेतो–नोर्चा धर्मप्रांतों के विश्वासियों से मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस अलेसांद्रिया और स्पोलेतो–नोर्चा धर्मप्रांतों के विश्वासियों से मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस 

कलीसिया को दुनिया में लगातार मिशन की स्थिति में रहना है

संत पापा फ्राँसिस ने इटली के अलेसांद्रिया और स्पोलेतो–नोर्चा धर्मप्रांतों के करीब 1,500 विश्वासियों से शनिवार को वाटिकन में मुलाकात की। उन्होंने उनके साथ ख्रीस्तीय जीवन में यूखरिस्त के महत्व पर चर्चा की। जिसके लिए प्रेरितिक एवं मिशनरी मन-परिवर्तन की आवश्यकता है जो चीजों को यों ही नहीं छोड़ सकता एवं दैनिक जीवन में येसु का साक्ष्य देने के लिए निमंत्रित करता है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

संत पापा फ्राँसिस ने 17 सितम्बर को वाटिकन के पौल षष्ठम सभागार में इटली के अलेसांद्रिया के विश्वासियों एवं स्पोलेतो–नोर्चा के युवाओं से मुलाकात की जो दृढ़ीकरण संस्कार लेने की तैयारी कर रहे हैं अथवा कुछ दिनों पहले दृढ़ीकरण संस्कार ग्रहण किये हैं। संत पापा ने युवाओं से कहा कि वे कली के समान हैं जो खिल रहे हैं और उनके साथ एक पूर्ण परिवार का अनुभव होता है।

संत पीयुस पाँचवें, कलीसिया के सुधारक

अलेसांद्रिया के विश्वासियों ने संत पीयुस पाँचवें की 450वीं पुण्यतिथि के अवसर पर संत पापा से मुलाकात की जिनका जन्म पियदमोंते धर्मप्रांत के बोस्को मारेंगो में हुआ था। संत पापा ने कहा कि वे कलीसिया के सुधारक थे जिन्होंने साहसिक चुनाव किया, तब से कलीसिया के प्रशासन में बदलाव आया। उनके जीवन का आधार था विश्वास, जिनकी शिक्षा आज के विश्व के लिए भी महत्वपूर्ण है।     

संत पापा ने संत पीयुस पाँचवें की शिक्षा की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि यह हमें सच्चाई की खोज करने के लिए प्रेरित करती है और येसु सच्चाई एवं मार्ग हैं जो न केवल वैश्विक रूप में बल्कि समुदाय के लिए एवं व्यक्ति के लिए भी हैं। चुनौती है सच्चाई को आज कलीसिया के दैनिक जीवन में एवं ख्रीस्तीय समुदायों में अनुभव करना। यह खोज ईश वचन से व्यक्तिगत एवं सामुदायिक आत्मपरख के द्वारा की जा सकती है।  

वचन को सुनना, समुदाय को येसु के ज्ञान में बढ़ने में मदद देता है और सामुदायिक जीवन में यह प्रेम संबंध एवं बांटने में प्रकट होता है। वचन खासकर, यूखरिस्त समारोह में जीवित हो जाता है।   

संत पापा ने बतलाया कि "संत पापा पीयुस पाँचवें ने कलीसिया की धर्मविधि के सुधार के लिए काम किया तथा चार शताब्दियों के बाद वाटिकन द्वितीय महासभा ने सुधार को आधुनिक विश्व की जरूरतों के अनुसार बेहतर रूप में लागू किया।"

प्रार्थना कलीसिया के मिशन को मदद करती है

संत पापा ने कहा कि धर्मविधि हमें चुनौती देती है, हमें ख्रीस्त के जीवन में लाती है तथा दूसरों के लिए ठोस रूप से कार्य करने के लिए बुलाती है। उन्होंने संत पापा पीयुस पाँचवें के प्रार्थना को बढ़ावा देने के प्रयास की याद की, विशेषकर, रोजरी माला विन्ती, तथा जोर दिया कि प्रेरित चरित हमारे किस तरह, यात्री कलीसिया की छवि प्रस्तुत करता है, जो प्रार्थना को एक साथ जमा होने का आधार बनाता था एवं मिशन के लिए बल प्राप्त करता था। प्रथम ख्रीस्तीय समुदाय के बारे हम पढ़ते हैं कि वे प्रेरितों की शिक्षा, मित्रता, प्रभु भोज एवं प्रार्थना से मजबूत होते थे। अतः अलेसांद्रिया धर्मप्रांत के विश्वासियों को सम्बोधित करते हुए संत पापा ने कहा, "मैं आशा करता हूँ कि सभी समुदाय प्रेरितिक एवं मिशनरी परिवर्तन के रास्ते पर आगे बढ़ेंगे, जो चीजों को पहले के समान नहीं छोड़ देता। सिर्फ उसे 'मना देना' काफी नहीं है पूरे विश्व में आइये हम स्थायी रूप से मिशन की स्थिति में रहें।"

बपतिस्मा एवं दृढ़ीकरण

स्पोलेतो-नोर्चा धर्मप्रांत के युवा तीर्थयात्रियों को सम्बोधित करते हुए संत पापा ने बतलाया कि किस तरह दृढ़ीकरण संस्कार भी एक यात्रा है। क्योंकि यह येसु के प्रथम शिष्यों के अनुभव को पुनः जीना है। तब संत पापा ने युवाओं से पूछा कि क्या वे अपने बपतिस्मा के दिन की याद करते हैं?  

उन्होंने कहा, "यह आप सभी के लिए महत्वपूर्ण है, यह उनके लिए और महत्वपूर्ण है जिन्होंने दृढ़ीकरण संस्कार ले लिया है अथवा लेनेवाले हैं क्योंकि दृढ़ीकरण बपतिस्मा संस्कार को दृढ़ करता है। यही कारण है कि इसे दृढ़ीकरण संस्कार कहा जाता है। ख्रीस्तीय जीवन एक घर है जो बपतिस्मा की नींव पर खड़ा है।

संत पापा ने अंत में युवाओं से कहा, "मैं आप सभी को आशीष प्रदान करता हूँ कि आप प्रत्येक एक जीवित पत्थर बनें ताकि ख्रीस्तीय समुदाय का निर्माण किया जा सके। एक जीवित पत्थर परिवार है, एक जीवित पत्थर पल्ली है, एक जीवित पत्थर मित्रों का दल है, जीवित पत्थर खेल है...आदि। जीवित पत्थर बनना पवित्र आत्मा के द्वारा संभव है जो दृढ़ीकरण संस्कार में आपके बपतिस्मा को मजबूत करते हुए आपको ईश्वर की संतान एवं कलीसिया का सदस्य बनाता है।"  

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17 September 2022, 16:46