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सन्त पापा फ्राँसिस साप्ताहिक आम दर्शन के अवसर पर, 21.09.2022 सन्त पापा फ्राँसिस साप्ताहिक आम दर्शन के अवसर पर, 21.09.2022 

इंटरनेशनल थॉमिस्टिक कांग्रेस के प्रतिभागियों से सन्त पापा

सन्त पापा फ्राँसिस ने सन्त थॉमस को समर्पित 11 वें अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन के प्रतिभागियों को आमंत्रित किया है कि वे आधुनिक विश्व की नई चीजों के साथ संवाद के माध्यम से सन्त थॉमस एक्वाईनस की प्राचीन शिक्षा को बरकरार रखने और समृद्ध करने का प्रयास करें।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 23 सितम्बर 2022 (रेई,वाटिकन रेडियो): सन्त पापा फ्राँसिस ने सन्त थॉमस को समर्पित 11 वें अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन के प्रतिभागियों को आमंत्रित किया है कि वे आधुनिक विश्व की नई चीजों के साथ संवाद के माध्यम से सन्त थॉमस एक्वाईनस की प्राचीन शिक्षा को बरकरार रखने और समृद्ध बनाने का प्रयास करें।

11 वें अन्तरराष्ट्रीय थॉमिस्टिक कांग्रेस के प्रतिभागियों ने गुरुवार को वाटिकन में सन्त पापा फ्राँसिस का साक्षात्कार कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर सन्त पापा ने इस तथ्य पर बल दिया कि संत थॉमस जैसे महान विचारक का अनुसरण करने का अर्थ न कि केवल एक अन्य बुद्धिजीवी का अनुसरण करना है बल्कि यह एक मार्गदर्शक और गुरु पर चिंतन करना है।

थॉमस के विचारों के दुरुपयोग से बचे  

संत पापा फ्राँसिस ने चेतावनी दी कि थॉमसवाद के भीतर सन्त थॉमस के विचारों के दुरुपयोग का ख़तरा है; इसमें ऐसी कई व्याख्याएं हैं जो सन्त थॉमस को "आकस्मिक सोच" का गुलाम बनाती हैं। इस तरह की प्रक्रिया में गुरु के विचार का "मजाक" बनाने का ख़तरा रहा करता है। इसके विपरीत, उन्होंने कहा, गुरु के विचार के उचित अध्ययन में चिंतन शामिल है, जिसके आधार पर, सावधानीपूर्वक, उनके विचारों की व्याख्या सम्भव है। 

संत पापा फ्राँसिस ने चेतावनी दी कि किसी भी व्यक्ति को अपनी स्थिति को आगे बढ़ाने के लिए कभी भी गुरु का "दुरुपयोग" नहीं करना चाहिए, बल्कि अपने विचारों को गुरु के प्रकाश में प्रकट करना चाहिए।

थॉमिस्टिक धर्मशास्त्र पर

सन्त पापा फ्राँसिस ने दोमिनिकन धर्मसमाज के कार्डिनल क्रिस्टोफ शॉनबोर्न का उदाहरण दिया जिन्होंने विश्व धर्माध्यक्षीय धर्मसभा के दौरान परिवार विषय पर सन्त थॉमस के धर्मतत्व विज्ञान पर प्रकाश डाला था। उन्होंने कहा कि कार्डिनल शॉनबोर्न  "थॉमस का दुरुपयोग किये बिना उनके विचारों को साझा कर सकने में समर्थ बने थे।"  

सन्त पापा ने कहा, "सन्त थॉमस की बात करने से पहले, थॉमिज़्म के बारे में बोलने से पहले, सन्त थॉमस की शिक्षा देने से पहले, किसी को भी चिंतन करना चाहिए: गुरु का चिंतन करें, बौद्धिक विचार से परे समझें कि गुरु किस तरह जिये और गुरु हमें क्या बताना चाहते थे।"

सन्त पापा ने कहा कि सन्त थॉमस "कलीसिया के विचार के लिए एक प्रकाश थे, और हमें इन सभी 'बौद्धिकतावादी न्यूनतावाद' से उनका बचाव करना चाहिए जो उनके प्रामाणिक विचारों की महानता को क़ैद करते हैं।"

एक सदाबहार सोता

11 वें अन्तरराष्ट्रीय थॉमिस्टिक कांग्रेस के विषय 'वेतरा नोविस अगेरे' अर्थात् एक सदाबहार सोता पर चिन्तन कर सन्त पापा ने कहा कि सन्त थॉमस का अध्ययन एक सदाबहार सोता है जो पुरातन का संवर्धन नवीन में करता है।

उन्होंने कहा कि आधुनिक विश्व के साथ सम्वाद हेतु यह अनिवार्य है कि सन्त थॉमस के विचारों को उनके मूल ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य में समझा जाये। उदाहरण के लिये उन्होंने सृष्टि सम्बन्धी सन्त थॉमस की शिक्षा को प्रकाशित कर कहा कि सृष्टि प्रभु ईश्वर की उदारता और दया की पहली अभिव्यक्ति है।

सन्त थॉमस के पास जाने का आग्रह कर सन्त पापा ने कहा, "थॉमस सृजित व्यवस्था की विविधता में ईश्वर की सुंदरता पर विचार करने में सक्षम हैं, जिसमें हर सृजित वस्तु ईश्वर से आती है और ईश्वर की ओर निर्देशित होती है और सभी मिलकर ईश्वर की अच्छाई का प्रदर्शन करने के लिए काम करते हैं।"

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23 September 2022, 11:03