कजाकिस्तान में संत पापा की उपस्थिति 'संघर्षों से बाहर निकलने' में मदद करेगी
माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी
नूर-सुल्तान,सोमवार 12 सितम्बर 2022 (वाटिकन न्यूज) : "संत पापा फ्राँसिस धर्मगुरु हैं, जिन्हें काथलिक समुदाय के बाहर भी कई अन्य लोग सुनते हैं और बहुत सम्मान करते हैं।" शांति के लिए धर्मों के सम्मेलन के महासचिव प्रो. अज़ा करम ने अंतरधार्मिक संवाद में संत पापा के पदचिन्हों के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान की।
प्रो. करम ने 13 से 15 सितंबर तक संत पापा फ्राँसिस की कजाकिस्तान की प्रेरितिक यात्रा से पहले वाटिकन न्यूज से बात की, वे उन्हें नूर-सुल्तान में विश्व और पारंपरिक धर्मों के नेताओं की 7वीं कांग्रेस में भाग लेते हुए देखेंगी।
ख्रीस्तीय धर्म, इस्लाम, यहूदी धर्म, शिंटोवाद, बौद्ध धर्म, पारसी धर्म, हिंदू धर्म और अन्य धर्मों का प्रतिनिधित्व करने वाले 60 देशों के लगभग 100 प्रतिनिधिमंडलों के भाग लेने की उम्मीद है।
संत पापा 'शांति के प्रवक्ता'
संत पापा फ्राँसिस दुनिया भर में कई युद्धों और संघर्षों के बीच, कोविड-19 महामारी के मद्देनजर मानवता के नवीनीकरण के लिए एक पाठ्यक्रम की योजना बनाने की कोशिश में धार्मिक नेताओं के साथ शामिल होंगे।
प्रो. करम ने कहा कि संत पापा के विभिन्न विश्वपत्रों और अंतरधार्मिक बंधुत्व की इच्छा ने शांति और पर्यावरण की सुरक्षा के बारे में "बहुत शक्तिशाली" बात की है।
उन्होंने शरणार्थियों और आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के प्रति उनकी निकटता की ओर इशारा करते हुए कहा कि उनकी प्रेरितिक यात्राओं ने पीड़ित लोगों के साथ निकटता की एक ठोस अभिव्यक्ति की पेशकश की है।
प्रो. करम ने कहा, "उन्हें एक धार्मिक नेता के रूप में देखा जाता है जो नैतिक जिम्मेदारियों को व्यक्त करते हैं और वे यह भी स्पष्ट करते हैं कि समुदायों को पीड़ा से उबरने और संघर्ष को रोकने के लिए क्या करने की आवश्यकता है। इसलिए, उनकी भूमिका यह पता लगाने की रहेगी कि क्यों और कैसे संघर्षों को हल करना और टालना है, जिसमें विश्वासी के रूप में खुद के साथ अधिक शांति से रहना शामिल है।"
चंगाई तब होती है जब धर्म एक साथ काम करते हैं
प्रो. करम के अनुसार, नूर-सुल्तान में कांग्रेस धार्मिक नेताओं को शांति को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों को संयोजित करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करती है, क्योंकि कोई भी नेता या संस्था शांति के सभी कार्य अपने आप नहीं कर सकती।
"इस कांग्रेस के मूल्यवान होने का कारण यह है - और पिछले 50 वर्षों में शांति के लिए धर्मों का कार्य अतुलनीय है - कि हमें एक साथ काम करने की आवश्यकता है। धार्मिक संस्थाओं, धार्मिक नेताओं और विश्वासी समुदायों को मिलकर काम करना है। एक साथ मिलकर काम करने से जादू होता है और वहां उपचार होता है।"
अंतर्धार्मिक संवाद को सामान्य बनाना
प्रो. करम को कज़ाख सरकार ने कांग्रेस में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है क्योंकि उनका संगठन 90 से अधिक देशों के धार्मिक नेताओं का प्रतिनिधित्व करता है।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह आयोजन "शांति के लिए सहयोग और संयुक्त कार्रवाई के एक सामान्य प्रवचन को विकसित करने" के लिए धार्मिक और विश्वास नेताओं के बीच अधिक लगातार मुलाकातों को "नियमित और सामान्य" करने में मदद करेगा।
उन्होंने कांग्रेस की तुलना संयुक्त राष्ट्र महासभा के धार्मिक संस्करण से की, जो सरकारों को मिलने और आम भलाई को आगे बढ़ने के लिए एक मंच प्रदान करती है।