खोज

देवदूत प्रार्थना में संत पापा फ्राँसिस देवदूत प्रार्थना में संत पापा फ्राँसिस  

देवदूत प्रार्थना में पोप : खो जाने पर ईश्वर हमेशा हमें खोजते

रविवार को देवदूत प्रार्थना के पूर्व संत पापा फ्राँसिस ने याद दिलाया कि ईश्वर हमारे पिता हैं और जब कभी हम भटक जाते हैं वे हमारी खोज करते और खुली बाहों से हमारा इंतजार करते हैं। वे हमें भी प्रोत्साहन देते हैं कि हम वही सामीप्य, करुणा एवं कोमलता दूसरों के लिए प्रकट करें जैसा वे हमारे लिए करते हैं।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, रविवार, 11 सितम्बर 2022 (रेई) : वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 11 सितम्बर को संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया जिसके पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात।

आज की धर्मविधि का सुसमाचार पाठ करूणा के तीन दृष्टांतों को प्रस्तुत करता है। (लूक.15,4-32) हम इन्हें यह नाम इसलिए देते हैं क्योंकि ये ईश्वर के करुणामय हृदय को दिखलाते हैं। येसु इन दृष्टांतों को फरीसियों और शास्त्रियों को जवाब देने के लिए बतलाते हैं जो भुनभुनाते हुए कहते हैं : "यह व्यक्ति पापियों का स्वागत करता और उनके साथ खाता पीता है।"(2)

ईश्वर हमेशा भटके हुए को खोजते

संत पापा ने कहा कि यदि यह उनके लिए धार्मिक रूप से निंदनीय है, कि येसु पापियों का स्वागत करते एवं उनके साथ खाते-पीते हैं, यह प्रकट करता है कि ईश्वर इसी तरह हैं : वे हममें से एक को भी वंचित नहीं करते, वे हम प्रत्येक को अपने भोज में शामिल करना चाहते हैं क्योंकि वे हम प्रत्येक को अपने बेटे-बेटियों के समान प्यार करते हैं। इस तरह तीनों दृष्टांत सुसमाचार के केंद्र का सार प्रस्तुत करते हैं : ईश्वर पिता हैं और हमारी खोज करने आते, जब हम खोज जाते हैं।  

निश्चय ही, दृष्टांतों के मुख्य पात्र जो ईश्वर का प्रतिनिधित्व करते, उनमें से एक चरवाहा है जो खोई हुए भेड़ को खोजता, एक महिला है जो खोये हुए सिक्के को खोजती है और उड़ाव पुत्र का पिता है। संत पापा ने तीनों दृष्टांतों के मुख्यपात्रों के आम स्वभाव पर गौर किया जो खोई हुई चीज के लिए बेचैन हैं, अगर देखा जाए तो वे तीनों आराम कर सकते थे : चरवाहा ने एक भेड़ खोया है किन्तु उसके पास 99 भेड़ें हैं; महिला ने एक सिक्का खोया है परन्तु उसके पास 9 सिक्के हैं; और पिता के पास भी एक बेटा है जो आज्ञाकारी है और खुद को पिता के लिए समर्पित किया है।

फिर भी, उनके हृदय में खोई चीज : भेड़, सिक्का और दूर चले गये बेटे के लिए बेचैनी है। संत पापा ने कहा कि जो प्यार करता वह खोये हुए की चिंता करता, जो अनुपस्थित है उसकी याद करता और दूर चले जाने पर उसके लौटने का इंतजार करता है। क्योंकि वह चाहता है कि कोई भी न खोये।

ईश्वर खुली बाहों से इंतजार करते हैं

संत पापा ने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, "प्यारे भाइयो एवं बहनो, ईश्वर इसी तरह हैं, वे सहज से आराम नहीं करते, यदि हम उनसे दूर चले जाएँ तो वे दुःखी होते हैं, वे अपने अंतरतम में परेशान होते और उन्हें खोजने के लिए निकलते हैं जब तक कि उन्हें अपनी बाहों में न ले लेते। प्रभु घाटे और जोखिम का हिसाब नहीं करते, उनका हृदय एक पिता और एक माता का है और अपने प्यारे बच्चों की कमी से बेचैन होता है, जी हाँ, ईश्वर हमारी पृथकता से दुःखी महसूस करते और जब हम उनसे दूर चले जाते हैं तब वे हमारे लौट आने का इंतजार करते हैं।

संत पापा ने कहा, "हम याद रखें, ईश्वर हमेशा खुली बाहों से हमारा इंतजार करते हैं,  हमारे खोने की परिस्थिति चाहे कुछ भी हो।" जैसा कि स्तोत्र ग्रंथ कहता है, वे न तो झपकी लेते और न सोते हैं, वे हमेशा हम पर नजर रखते हैं। (स्तोत्र 121, 4-5)

हमारा बुलावा करूणा प्रकट हेतु 

आइये हम अपने आपको देखें और पूछें : क्या हम इस तरह प्रभु का अनुसरण करते हैं कि हम खोई हुई चीजों के लिए बेचैन रहते? क्या हम उनके लिए उदास हैं जो भटक गये हैं जो ख्रीस्तीय जीवन से दूर चले गये हैं? क्या हममें यह आंतरिक बेचैनी है अथवा क्या हम अपने आप में शांत और अबाधित हैं? दूसरे शब्दों में, क्या हमें सचमुच उन लोगों की कमी खलती है जो हमारे समुदायों से भटक गये हैं? अथवा क्या हम अपने आपमें इत्मीनान, शांत तथा अपने दलों में सुखी हैं, दूर गये लोगों की चिंता किये बिना? यह दूसरों के प्रति सिर्फ खुला होने का सवाल नहीं है, यह सुसमाचार है। दृष्टांत का चरवाहा नहीं कहता कि मेरे पास बाकी 99 भेड़ें हैं मैं क्यों एक के पीछे जाऊँ जो खो चुकी है? बल्कि वह उसे खोजने जाता।

संत पापा ने चिंतन हेतु प्रेरित करते हुए कहा, "आइये, हम अपने संबंधों पर चिंता करें : क्या मैं उनके लिए प्रार्थना करता हूँ जो विश्वास नहीं करते, जो भटक गये हैं? क्या हम उन लोगों को आकर्षित करते हैं जो ईश्वर के तरीके सामीप्य, करूणा और कोमलता से दूर चले गये हैं?"

ईश्वर के लिए हरेक व्यक्ति महत्वपूर्ण है

पिता हमें उन लोगों पर ध्यान देने के लिए कहते हैं जो भटक गये हैं। आइये, हम उन लोगों की याद करें जिनको हम जानते हैं, जो हमारे निकट रहते और शायद कभी यह कहते नहीं सुना हो, "क्या आप जानते हैं कि आप ईश्वर के लिए महत्वपूर्ण है।"

आइये, हम इन सवालों पर चिंतन करें और माता मरियम से प्रार्थना करें जो हम उनके बच्चों को खोजने एवं हमारी देखभाल करने से कभी नहीं थकतीं।

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11 September 2022, 12:52