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कजाकिस्तान में संत पापा की 'शांति की तीर्थयात्रा'

संत पापा फ्राँसिस ने कजाकिस्तान की अपनी प्रेरितिक यात्रा के लिए प्रार्थना की मांग की, जो मंगलवार से शुरू हो रही है और संत पापा उन सभी को धन्यवाद देते हैं जिन्होंने उनकी "शांति की तीर्थयात्रा" की तैयारी में मदद की है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 12 सितम्बर  2022 (वाटिकन न्यूज)  : संत पापा फ्राँसिस 13 से 15 सितम्बर तक कजाकिस्तान की प्रेरितिक यात्रा की तैयारी कर रहे है, उन्होंने रविवार को संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में देवदूत प्रार्थना के उपरांत विश्वासियों को अपनी यात्रा के लिए प्रार्थना करने हेतु आमंत्रित किया।

संत पापा फ्राँसिस मुख्य रूप से विश्व और पारंपरिक धर्मों के नेताओं की 7वीं कांग्रेस में भाग लेने के लिए मध्य कजाकिस्तान की यात्रा करते हैं, जो 14-15 सितंबर को राजधानी नूर-सुल्तान में आयोजित किया जाएगा।

"यह कई धार्मिक प्रतिनिधियों से मिलने और भाइयों एवं बहनों के रूप में संवाद करने का एक महान अवसर होगा, जो शांति की हमारी सामान्य इच्छा से अनुप्राणित है, जिसके लिए हमारा विश्व प्यासा है।"

'शांति की तीर्थयात्रा'

संत पापा ने कांग्रेस में भाग लेने वाले सभी लोगों के साथ-साथ स्थानीय ख्रीस्तीय समुदायों और सभी कजाकिस्तान के लोगों को अपना "सौहार्दपूर्ण अभिवादन" दिया।

अपनी यात्रा के दौरान संत पापा कजाकिस्तान में छोटे काथलिक समुदाय के साथ भी समय बिताएंगे, जो देश की 19 मिलियन की आबादी का 1 प्रतिशत से भी कम है।

“मैं अपनी यात्रा की तैयारी में की गई तैयारियों और किए गए कार्यों के लिए धन्यवाद देता हूँ। मैं सभी से अपनी प्रार्थना द्वारा शांति की इस यात्रा में मेरा साथ देने का आग्रह करता हूँ।"

संत जॉन पॉल द्वितीय के पदचिन्हों पर

संत पापा फ्राँसिस की कजाकिस्तान यात्रा, विदेश में उनकी 38वीं प्रेरितिक यात्रा है।

वे संत पापा जॉन पॉल द्वितीय के नक्शेकदम पर चलते हैं, जिन्होंने 2001 में राष्ट्र की यात्रा करने वाले पहले परमाध्क्ष थे। 20 साल पहले अपनी यात्रा के दौरान, पोलिश संत पापा ने कजाकिस्तान में धर्मों और जातियों के सह-अस्तित्व की प्रशंसा की। देश में लगभग 70 प्रतिशत मुस्लिम और 26 प्रतिशत ख्रीस्तीय, मुख्य रूप से रूसी ऑर्थोडॉक्स ख्रीस्तीय हैं।

संत पापा फ्राँसिस शांति का संदेश देंगे साथ ही सोवियत संघ से आजादी के 30 साल से अधिक समय से काथलिकों को उनके विश्वास की पुष्टि करेंगे। कजाकिस्तान में कलीसिया ने सोवियत कम्युनिस्ट शासन के तहत कई दशकों के उत्पीड़न को सहन किया था।

कजाकिस्तान रूस के दक्षिण में स्थित है और अन्य पूर्व सोवियत गणराज्यों के साथ-साथ चीन और कैस्पियन सागर की सीमाएँ हैं। इसके पास मध्य एशिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी है और इसका एकमात्र काथलिक सेमिनरी कारागांडा में स्थित है।

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12 September 2022, 16:50