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कार्डिनल अंजेलो बन्यास्को द्वारा प्रकाशित पुस्तक कार्डिनल अंजेलो बन्यास्को द्वारा प्रकाशित पुस्तक  

पोप फ्राँसिस ने कार्डिनल बन्यास्को की पुस्तक की प्रस्तावना लिखी

संत पापा फ्राँसिस ने जेनोवा के सेवा निवृत महाधर्माध्यक्ष एवं इताली काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के पूर्व अध्यक्ष कार्डिनल अंजेलो बन्यास्को द्वारा प्रकाशित पुस्तक की प्रस्तवना पर हस्ताक्षर किया है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

कार्डिनल अंजेलो बन्यास्को द्वारा प्रकाशित पुस्तक का शीर्षक है, "पस्तोरी देनत्रो। किएसा, सोचिएता ए पेरसोना" (भीतर से चरवाहे ˸ कलीसिया, समाज और व्यक्ति)। पुस्तक कुछ ही दिनों पहले इताली भाषा में, पौलाईन बुक्स और मीडिया प्रकाशन केंद्र में प्रकाशित हुई है।

प्रस्तावना लिखने के लिए कहे जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए संत पापा फ्राँसिस ने कहा है कि कार्डिनल के विचार इटली के धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष के रूप में अपने दूसरे जनादेश के दौरान उनके विचारों और चिंतन से प्राप्त हुए हैं।

उन्होंने शिक्षा, परिवार, गरीबी और राजनीति जैसे विषयों पर प्रकाश डालने के लिए लेखक की प्रशंसा की है, "उन्हें उनके मूल सिद्धांत पर वापस लाने के इरादे से": येसु  की उद्घोषणा कहा है।

"मानवशास्त्रीय उत्परिवर्तन का सामना करते हुए, जो न केवल यूरोप से, बल्कि आम तौर पर पूरी दुनिया से संबंधित है," संत पापा ने कहा है कि एक रास्ता है और विश्वास में शिक्षा बन गया है, ताकि ख्रीस्त के रहस्य से शुरू करते हुए 'व्यक्ति' को फिर से खोजा जा सके।

उन्होंने कहा कि ये पृष्ट न केवल इतिहास को श्रद्धांजलि अर्पित करते बल्कि धर्माध्यक्षों के लिए एक मार्गदर्शन है कि वे किस तरह समय के चिन्ह को पढ़ें।

उन्होंने कहा कि "धर्माध्यक्षों, चरवाहों को चाहिए कि वे सेवा के मनोभाव से अपनी नजर प्रभु में अपने भाइयों एवं बहनों पर रखें और यह याद रखें कि उनका जीवन अपने लिए नहीं है क्योंकि यह ईश्वर द्वारा प्रदान किया गया है।"     

"धर्माध्यक्षों को चाहिए कि वे ईश वचन की घोषणा करें एवं कलीसिया और व्यक्तिगत जीवन में इसे सजीव बनायें तथा गौर किया कि यह घोषणा एवं यात्रा में चरवाहों का सच्चा आनन्द होता है जो भेड़ों की गंध लेते एवं झुण्ड के बीच रहते हैं और वे मछुआरे हैं।" 

पोप ने इस खंड के शीर्षक के लिए प्रशंसा व्यक्त की है, जिसको वे कहते हैं, सुझाव देता है कि धर्माध्यक्ष "अंदर से चरवाहे" हैं और उन्होंने उन्हें हमेशा घायल और बहिष्कृत लोगों पर अपनी निगाहें टिकाए रखने की सलाह दी है।

संत पापा ने प्रस्तावना में कहा है कि कार्डिनल बन्यास्को ने हमें दिखलाया है कि कलीसिया एक जीवित, सांस लेनेवाली संस्था है और जिसे एक नौकरशाही संगठन नहीं बनाया जाना चाहिए।

अंत में, संत पापा ने कार्डिनल के साहित्यक रचना के लिए उनकी सराहना की है जिसके द्वारा प्रभु के चरवाहों को मार्गदर्शन मिलेगा तथा सलाह दी है कि इसे न केवल धर्माध्यक्ष और उनके सहयोगी पढ़ सकते हैं, बल्कि लोकधर्मी एवं ख्रीस्तीय भी पढ़ सकते हैं जो अपने को दूर समझते हैं "क्योंकि यह" सोच को प्रोत्साहित करने और हमारे समय को जीने में मदद करती है।

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22 September 2022, 18:13