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विश्व धर्मनिरपेक्ष सम्मेलन के प्रतिभागी संत पापा विश्व धर्मनिरपेक्ष सम्मेलन के प्रतिभागी संत पापा 

संत पापा: ईश्वरीय करूणामय प्रेम का साक्ष्य दें

वाटिकन में धर्मनिरपेक्ष संस्थानों के विश्व सम्मेलन की आमसभा में प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए, संत पापा ने लोगों के दर्द और खुशियों को सुनने और उसमें भाग लेने का आहृवान किया।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, गुरूवार, 25 अगस्त 2022 (रेई) संत पापा ने रोम में शुरू हो रहे धर्मनिरपेक्ष संस्थानों के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा, “कलीसिया शांत रहने और आराम करने का स्थल नहीं बल्कि यह प्रेरितिक स्थल है”।

उन्होंने धर्मनिरपेक्ष विश्व सम्मेलन की आम सभा में भाग लेने वालों से कहा कि ईश्वरीय कार्य शैली का अनुसारण करने वाले लोगों के बीच जाते, प्रार्थना में चिंतन करते, प्रेरिताई के मार्ग में सदैव आगे बढ़ते हुए “कभी-कभी विवेकपूर्ण गोपनीयता का पालन करते हैं।” संत पापा ने सम्मेलन के प्रतिभागियों से अपने मार्ग को खुला रखना का आहृवान किया विशेषकर उन अवसरों में जब वे अपने में शक्ति की कमी का एहसास करते क्योंकि उन्हें उचित पहचान नहीं मिलती है।

संत पापा ने कहा कि मैं उन समाजों के बारे में सोचता हूँ जहाँ नारियों को उनके अधिकारों से वंचित रखा जाता है, जैसे कि इटली में धन्य अरमिदा बारेली के साथ हुआ, ऐसी स्थिति में आप साहसपूर्वक उनकी स्थिति और मानवीय सम्मान में परिवर्तन लाने का प्रयास करें। राजनीति, मानव समाज, संस्कृति ये वैसी परिस्थितियाँ हैं जहाँ हमें परिवर्तन लाने की आवश्यकता है क्योंकि हर मानव अपने मानव सम्मान के अनुरूप जीवनयापन करने हेतु बुलाया गया है।

ईश्वर की कार्य शैली

संत पापा ने कहा कि प्रेरितिक कलीसिया की बुलाहट विश्व से अलग नहीं बल्कि इस दुनिया और मानव इतिहास में नमक और ज्योति स्वरुप गढ़ी गई है। हममें एकता के बीज हैं जो मुक्ति की आशा जगाते हैं। “एक कलीसिया सुनने और सहभागी होने हेतु बुलाई गई है, और यही ईश्वर की कार्य शैली है।

“ईश्वर की प्रेरिताई में सहभागी होना आपको लोगों के संग एक करता है जहाँ आप इस बात को जानते और समझते हैं कि आज के परिवेश में नर और नारियों के हृदय में क्या हो रहा है”। संत पापा ने कहा कि आप उनके आनंद में आनंदित हो और दुःख में उन्हें अपनी निकटता का एहसास दिलायें।

लोगों के संग चलें

संत पापा ने कहा कि ईश्वर मानव बनकर हमारे जीवन में सहभागी होते हैं। लोगों के जीवन में सहभागी होना हमें उनके संग चिंतन करते हुए और उन्हें प्रेम में ईश्वरीय करूणा का साक्ष्य देना है। आप जीवन के मध्य अनिश्चितता के मार्ग में चलने हेतु बुलाये गये हैं, जहां गलियों में पुरुष चलते हैं, जहां थकान और दर्द है, जहां अधिकारों की अवहेलना होती है, जहां युद्ध लोगों को विभाजित करती है, जहां मानवीय गरिमा से लोगों को वंचित किया जाता है। ऐसी स्थिति में ईश्वर आप को मुक्ति का साधन बनाते और आप अपने कार्यों के द्वारा ईश्वर के प्रेम का साक्ष्य लोगों को देते हैं।

कलीसिया की प्रेरिताई

संत पापा ने कलीसिया की प्रेरिताई पर प्रकाश डालते हुए कहा, “कलीसिया शांति में आराम करने की एक प्रयोगशाला नही हैं, यह प्रेरिताई है”। उन्होंने कहा कि इस मार्ग में चलने हेतु अडिग आदतों की आवश्यकता होती है जो किसी से व्यर्थ बातें नहीं करती है,  यह घोषणाओं के प्ररूपों को तोड़ती है, परियोजनाओं की अभिनयकरण पर सुझाव देती, अपने को लोग के जीवन में संलग्न करती है क्योंकि वे जीवन में कार्य द्वारा पोषित होते हैं न कि अमूर्त विचारों से।

बीज और खमीर

संत पापा ने कलीसियाई धर्मनिरपेक्षता के कार्यो को नम्रता में, बिना मांग किये बल्कि दृढ़ता में अपने अधिकार को सेवा में पूरा करना के सुझाव दिये। “आप का जीवन बीज और खमीर की भांति हो, जो गुप्त और जमीन में गढ़ हुआ हो, जो अंदर से बदलता और जीवन का स्रोत, फल उत्पन्न करता है। उन्होंने पवित्र आत्मा को सुनने का आहृवान किया जो कार्यों को प्रभावकारी बनते हैं। “आप एक नए जीवन, एक सार्वभौमिक भाईचारे और स्थायी शांति, पुनर्जीवित ईश्वर के शानदार उपहारों की घोषणा को दुनिया के सामने लाने हेतु न थकें”।

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25 August 2022, 16:46