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निकारगुआ का झंडा लिए लोग निकारगुआ का झंडा लिए लोग 

संत पापा ने निकारागुआ में बढ़ते तनाव लिए अपना दुख जताया

रविवार को देवदूत प्रार्थना के बाद, संत पापा फ्राँसिस ने निकारागुआ में तनाव बढ़ने पर अपनी दुःखद चिंता व्यक्त की, जहाँ सरकार स्थानीय कलीसिया पर और प्रतिबंध लगा रही है।संत पापा ने कहा कि वहां सम्मानजनक सहअस्तित्व का आधार संवाद होना चाहिए।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 22 अगस्त 2022 (वाटिकन न्यूज)  : संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में रविवार को प्रेरितिक भवन की खिड़की से देवदूत प्रार्थना का पाठ करने के बाद संत पापा फ्राँसिस ने दर्द भरे शब्दों के साथ निकारागुआ में हाल के हफ्तों की घटनाओं के बारे में बात की, जहां कलीसिया, उसके धर्माध्यक्ष, पुरोहितगण, मीडिया और गैर सरकारी संगठन उत्पीड़न और प्रताड़ना की एक श्रृंखला में फंस गए हैं क्योंकि उन पर राष्ट्रपति दानियल ओर्टेगा की सैंडिनिस्टा सरकार के विरोधियों का समर्थन करने का संदेह है।

संत पापा ने कहा, "मैं चिंता और दुख के साथ निकारागुआ की स्थिति के बारे में अवगत हो रहा हूं, जिसमें लोग और संस्थान दोनों शामिल हैं।""मैं अपने विश्वास और आशा को व्यक्त करना चाहता हूं कि खुले और ईमानदार संवाद के माध्यम से, एक सम्मानजनक और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का आधार अभी भी पाया जा सकता है।"

 संत पापा ने तब निकारागुआ के लोगों को अति प्यारी निष्कलंक मां मरिया, "पुरीसीमा" की मध्यस्थता का आह्वान किया: "आइए, हम निष्कलंक मां मरिया की मध्यस्थता से, सभी के दिलों में ऐसी ठोस इच्छा को प्रेरित करने के लिए प्रभु से प्रार्थना करें।"

निकारागुआ के कलीसिया की पीड़ा

संवाद, सम्मान और प्रार्थना का आह्वान: यह संत पापा फ्राँसिस की अपील है, क्योंकि वे काथलिक प्रसारण केंद्रों के बंद होने के बाद अंतरराष्ट्रीय संस्थानों एवं अमेरिका और यूरोप की कलीसियाओं के साथ उनकी आवाज में शामिल हो रहे हैं। देश में गैर सरकारी संगठनों के काम को रोकना, मदर तेरेसा की धर्मबहनों को देश से निष्कासन और गिरजाघऱों में पूजा अर्चना संबंधी सभी गतिविधियों का निलंबन, पुरोहितों की गिरफ्तारी और सबसे हाल ही में पिछले शुक्रवार की रात को मतगल्पा धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष निवास से कई पुरोहितों और आम लोगों के साथ, धर्माध्यक्ष रोलांडो अल्वारेज़ की गिरफ्तारी हुई। उन्हें अगस्त की शुरुआत से धर्मप्रांत के कूरिया में निगरानी में रखा गया था।

पुलिस का दावा है कि धर्माध्यक्ष रोलांडो ने सरकार को अस्थिर करने के लिए हिंसक समूहों को संगठित करने और घृणा के कृत्यों को उकसाने की कोशिश की थी। धर्माध्यक्ष रोलांडो ने भी शुरू में पवित्र साक्रामेंट हाथों में लिए सड़क पर प्रार्थना करने की कोशिश की थी, लेकिन पुलिस अधिकारियों ने रोक दिया था। 55 वर्षीय धर्माध्यक्ष ने एक ट्वीट में लिखा, "हम ईश्वर की इच्छा पूरी करना चाहते हैं, हम उनके हाथों में हैं।" आज उनकी तबीयत खराब हो गई है, हालांकि उनका मनोबल मजबूत बना हुआ है। मानागुआ में, वह अपने परिवार में हैं और धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के उपाध्यक्ष, कार्डिनल लियोपोल्डो ब्रेन्स से मिले और उनके साथ लंबी बातचीत की थी।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अपील

देश में सामाजिक तनाव और मतगल्पा के धर्माध्यक्ष की स्थिति, उनके साथ रहने वाले पुरोहितों और आम लोगों की कैद से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय भी चिंतित है। संयुक्त राष्ट्र ने निकारागुआ में एक गंभीर "लोकतांत्रिक और नागरिक जीवन में बाधा" की चिंताओं का मुद्दा उठाया है, जबकि अमेरिकी राज्यों के संगठन (ओएएस) और मानवाधिकारों पर अंतर-अमेरिकी आयोग (आईएसीएचआर) ने "उत्पीड़न" और "अपराधीकरण" की चेतावनी दी है। वे सभी ओर्टेगा सरकार से सार्वभौमिक मानवाधिकारों की रक्षा करने और मनमाने ढंग से हिरासत में लिए गए लोगों को स्वतंत्र करने का आह्वान करते हैं

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22 August 2022, 20:18