कार्डिनलों से संत पापा : आश्चर्य व कृतज्ञता हमारे दिलों में हमेशा जीवित रहे
माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, बुधवार 31 अगस्त 2022 (वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस ने मंगलवार की शाम को संत पेत्रुस महागिरजाघर में नए कार्डिनलों और कार्डिनल मंडल के साथ पवित्र मिस्सा समारोह की अध्यक्षता की।
वाटिकन में संत पापा द्वारा शनिवार की कंसिस्ट्री में 20 नए कार्डिनलों को कार्डिनल मंडल में शामिल किया गया और रोमन कूरिया के नए प्रेरितिक संविधान, प्रेदिकाते इवींजेलियुम पर चर्चा करने के लिए सभी कार्डिनलों की दो दिनों की बैठकों के बाद पवित्र मिस्सा समारोह के साथ कार्यक्रमों को विराम दिया गया।
रविवार को संत पापा फ्राँसिस की इटली के शहर अक्विला की प्रेरितिक यात्रा और कार्डिनलों के साथ सोमवार और मंगलवार की बैठकों के बाद पवित्र मिस्सा समारोह का आयोजन हुआ। कुल 190 कार्डिनलों, साथ ही पूर्वी प्रधिधर्माध्यक्ष और राज्य सचिवालय के वरिष्ठों ने दो दिनों की चर्चा में भाग लिया।
आश्चर्य जो प्रेरित और अनुप्राणित करता है
संत पेत्रुस महागिरजाघर में पवित्र मिस्सा के दौरान अपने प्रवचन में, संत पापा फ्राँसिस ने "आश्चर्य" के विषय पर विचार किया जैसा कि समारोहों के दौरान घोषित पाठों में वर्णित है: ईश्वर की मुक्ति योजना से पहले संत पौलुस का आश्चर्य और शिष्यों द्वारा पुनरजीवित येसु का सामना करना, जिन्होंने उन्हें उनसे कहा, "सब राष्ट्र के लोगों को शिष्य बनाओ।”
उन्होंने कहा कि यहां हम इस बात की सराहना कर सकते हैं कि कैसे पवित्र आत्मा हमारा मार्गदर्शन करता है और सुसमाचार की घोषणा करने के लिए आगे बढ़ाता है और यह "सभी लोगों के लिए प्रभु का चमत्कार है।"
संत पापा ने कहा कि जिस तरह हम अक्सर ब्रह्मांड की महानता पर आश्चर्य करते हैं, वैसे ही हम "मुक्ति के इतिहास पर विचार करते हुए आश्चर्य से भर जाते हैं," क्योंकि "सभी चीजें अपने मूल, अस्तित्व, अंत और उद्देश्य को मसीह में पाती हैं।"
“इस दुनिया में जन्म लेने से पहले ही हम मसीह में आशीष प्राप्त करते हैं; उसी में हम बुलाए गए और मुक्त किये गए है; उसी में सारी सृष्टि फिर से एक हो जाती है और सब निकट और दूर, आदि और अन्त, पवित्र आत्मा के कार्य के द्वारा परमेश्वर की महिमा की स्तुति के लिये बनाये गये हैं।”
ईश्वर का बुलावा
संत पापा ने कहा कि जब हम ईश्वर की मुक्ति की योजना पर आश्चर्य करते हैं, तो हम और भी चकित हो सकते हैं कि "ईश्वर हमें इस योजना में भाग लेने के लिए बुलाते हैं, जैसा कि मसीह ने अपने चेलों को मिशन दिया, "जाओ ... सब जातियों के लोगों को शिष्य बनाओ, और उन्हें पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो और जो कुछ मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है उसका पालन करना सिखाओ।" (मत्ती 28:19-20)
संत पापा ने कहा, प्रभु शिष्यों को आश्वस्त करते हुए कहते हैं, "मैं युग के अंत तक हमेशा तुमलोगों के साथ हूँ," और यह वादा "आशा और सांत्वना को प्रेरित करता है"। ये शब्द और यह जनादेश आज हमें दिया गया है, दो हज़ार साल बीत जाने के बाद भी हमारे दिलों को रोमांचित करता है। हम और भी चकित हैं कि कैसे दुनिया को प्रचारित करने का दिव्य निर्णय "चेलों के उस समूह" के साथ शुरू हुआ, जिनमें से कुछ संदेह था, लेकिन यह हमारे लिए भी आशा देता है।
"इस प्रकार का आश्चर्य मुक्ति का मार्ग है! ईश्वर इसे हमारे दिलों में हमेशा जीवित रखे, क्योंकि यह हमें यह सोचने के प्रलोभन से मुक्त करता है कि हम "चीजों का प्रबंधन" कर सकते हैं।
संत पापा ने कहा कि हमें यह सोचकर सुरक्षा की झूठी भावना से बचना चाहिए कि आज सब कुछ अलग है और सब कुछ तैयार है, या हम "धोखे में पड़ने का जोखिम उठाते हैं, जिससे झूठ का पिता मसीह के अनुयायियों को पहले सांसारिक, फिर निर्दोष बनाना चाहता है।"
संत पापा ने कहा कि हम सभी बपतिस्मा प्राप्त इन उपहारों के लिए कृतज्ञता के साथ आनन्दित हैं। उन्होंने संत पापा पॉल षष्टम को याद किया जिन्होंने "कलीसिया के लिए प्यार, एक प्यार जो सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण कृतज्ञता है, उसके रहस्य पर आश्चर्य और हमारे न केवल कलीसिया के सदस्य होने के उपहार पर, बल्कि उसके जीवन में शामिल होने की अपनी विरासत की पेशकश की।"
अंत में, संत पापा ने कलीसिया के कार्यवाहक होने के अर्थ की बुनियादी बातों की पेशकश की: "वह जो ईश्वर की योजना में आश्चर्य का अनुभव करता है और उस भावना में, पूरे जोश के साथ कलीसिया से प्यार करता है और पवित्र आत्मा अपने मिशन की सेवा में कहीं भी और किसी को भी चुन सकता है।"
"हमारे साथ भी ऐसा ही हो! आप में से प्रत्येक के साथ ऐसा ही हो, प्रिय कार्डिनल भाईयो! कलीसिया की माता धन्य कुँवारी मरियम की मध्यस्थता हम में से प्रत्येक के लिए यह अनुग्रह प्राप्त करे।"
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