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देवदूत प्रार्थना में संत पापा फ्राँसिस एवं उपस्थित विश्वासी देवदूत प्रार्थना में संत पापा फ्राँसिस एवं उपस्थित विश्वासी 

देवदूत प्रार्थना के दौरान पोप : 'डरो मत किन्तु जागते रहो'

संत पापा फ्राँसिस ने प्रोत्साहन दिया कि हम नहीं डरें क्योंकि हमारा जीवन ईश्वर के प्रेम में सुदृढ़ है किन्तु हमें सभी समय ईश्वर एवं हमारे भाई बहनों की सेवा हेतु तैयार, चौकस एवं सावधान रहना है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, रविवार, 6 अगस्त 2022 (रेई) ˸ वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार को 7 अगस्त को संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया जिसके पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात।

आज की धर्मविधि के सुसमाचार पाठ में, येसु शिष्यों से बात करते हैं, उन्हें नहीं डरने  का आश्वासन देते हैं तथा जागते रहने का निमंत्रण देते हैं। वे उन्हें दो मौलिक आह्वान देते हैं ˸ पहला, "छोटे झुण्ड! डरो मत क्योंकि तुम्हारे पिता ने तुम्हें राज्य देने की कृपा की है।" (लूक. 12:32) और दूसरा, "तैयार रहो"। ये दो मूल शब्द हैं जो हमें भय से विजय दिलाते, हमें लकवाग्रस्त होने से बचाते और निष्क्रिय एवं निंद्रापूर्ण जीवन के प्रलोभन से ऊपर उठने में मदद देते हैं। संत पापा ने इन दोनों निमंत्रणों पर चिंतन किया। 

डरो मत

सबसे पहले येसु शिष्यों को प्रोत्साहन देते हैं। उन्होंने अभी-अभी पिता के प्रेमपूर्ण और भविष्य की देखभाल के बारे में बात करना समाप्त किया है, जो खेतों के सोसन और हवा के पक्षियों की परवाह करते हैं, और इसलिए, अपने बच्चों के लिए और अधिक चिंता करते। अतः हमें अपने जीवन के लिए चिंता करने एवं डरने की बात नहीं है। हम येसु के नहीं डरने के निमंत्रण से खुश हैं। निश्चय ही, कई बार हम अपने में कैद, विश्वासघात एवं चिंता महसूस करते हैं। यह असफलता का डर है, नहीं पहचाने जाने, प्यार नहीं किये जाने, हमारी योजनाओं के पूरा नहीं होने, कभी खुश नहीं हो पाने...के डर हैं और इसलिए हम समाधान खोजते रहते हैं। हम एक जगह खोजते हैं जिसमें पनपने सकें, माल और धन जमा करते हैं ताकि सुरक्षा प्राप्त कर सकें। अंततः हम चिंतित हो जाते और लगातार परेशान रहते। परन्तु येसु हमें आश्वासन देते हैं, डरो मत! पिता पर भरोसा रखो जो उन सभी चीजों को प्रदान करना चाहते हैं जिनकी हमें सचमुच जरूरत है। उन्होंने पहले ही हमें अपना पुत्र, अपना राज्य हमें दिया है और अपनी कृपा से हमेशा पोषित करते रहेंगे, हर दिन हमारी देखभाल करेंगे। डरो नहीं, यही निश्चितता है जिससे हमारे दिलों को जुड़ा होना चाहिए!  

किन्तु यह जानना कि प्रभु हमपर प्रेम से नजर रखते हैं हमें सोने का अधिकार नहीं देता, हमें आलसी बने रहने नहीं देता। इसके विपरीत, हमें जागरूक बनाता है। निश्चय ही प्रेम करने का अर्थ है दूसरों का ख्याल रखना, उनकी जरूरतों के प्रति सचेत रहना, सुनने और उनका स्वागत करने के लिए तैयार रहना।    

तैयार रहना

तैयार रहना दूसरा निमंत्रण है। शेक्सपियर के हामलेट का भी कहना है कि जीवन की विभिन्न परिस्थितियों में, चाहे यह प्रतिकूल या आनन्दमय हो, "तत्परता ही सब कुछ है।" यह ख्रीस्तीय प्रज्ञा है। येसु इस निमंत्रण को कई बार दुहराते हैं। और आज वे इसे तीन छोटे दृष्टांतों द्वारा बतला रहे हैं, जिनका केंद्रबिन्दु घर के स्वामी हैं, जो एक शादी के भोज से अप्रत्याशित रूप से लौटते हैं; दूसरे दृष्टांत में, चोरों से हैरान नहीं होने देना चाहते हैं; और तीसरे में, एक लंबी यात्रा से लौटते हें। सभी में संदेश एक ही है : जागते रहना जरूरी है, नहीं सो जाना है अर्थात् विचलित नहीं होना है, आंतरिक शिथिलता को जगह नहीं देना है क्योंकि प्रभु ऐसी परिस्थितियों में आते हैं जब हम उनकी प्रतिक्षा नहीं कर रहे होते।  

और हमारे जीवन के अंत में, वे हमें उन चीजों का हिसाब देने को कहेंगे जिनको उन्होंने हमारे जिम्मे में सौंपा है। अतः जागते रहने का अर्थ जिम्मेदार होना भी है अर्थात् उन चीजों की रक्षा एवं प्रबंध निष्ठापूर्वक करना है। हमने बहुत कुछ प्राप्त किया है : जीवन, विश्वास, रिश्ते, नौकरी और साथ ही स्थान जहाँ हम रहते, हमारा शहर, सृष्टि इत्यादि। क्या हम इस विरासतों की देखरेख करते हैं जिन्हें प्रभु ने हमारे लिए सौंप दिया है? क्या हम इसकी सुन्दरता की रक्षा करते अथवा क्या हम चीजों का प्रयोग सिर्फ अपने लिए एवं अपनी सुविधा के लिए करते हैं?

संत पापा ने कहा, "भाइयो एवं बहनो, आइये हम बिना भय एक साथ चलें, उस निश्चितता के साथ कि प्रभु हमेशा हमारे साथ हैं। आइये हम जागते रहे अन्यथा हम उस समय सो जायेंगे जब प्रभु हमारे पास से पार हो जायेंगे।"

देवदूत प्रार्थना में संत पापा का संदेश

कुँवारी मरियम हमें मदद दें, जिन्होंने प्रभु के मुलाकात का तत्परता एवं उदारता के साथ स्वागत किया, "मैं प्रस्तुत हूँ।"

इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

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07 August 2022, 16:03