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संत पापाः आप ईश्वरीय प्रेम की आग जलायें

संत पापा फ्रांसिस ने कलीसिया की सेवा हेतु 20 नये कार्डिनलों को कार्डिनलमंडल में सम्मिलित किया।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार, 27 अगस्त 2022 (रेई) संत पापा फ्रांसिस ने शनिवार 27 अगस्त को संत पेत्रुस महागिरजाघर में समारोही मिस्सा के साथ बीस नये कार्डिनलों को कार्डिनलमंडल में शामिल किया।

संत पापा ने मिस्सा के दौरान अपने प्रवचन में कहा कि संत लूकस के अनुसार सुसमाचार में येसु ख्रीस्त के वचन तीर की भांति हमें बेधित करते हैं, “मैं पृथ्वी पर आग लेकर आया हूँ और मेरी कितनी अभिलाषा है कि यह अभी धधक उठे” (लूका. 12.49)।

अपने शिष्यों के संग येरुसालेम की ओर यात्रा करते हुए येसु नबूवत की शैली में दो निशानियों, आग और बपतिस्मा को घोषित करते हैं (लूका.12. 49-50)। संत पापा ने आग, शक्तिशाली ज्वाला, “भस्म करने वाली आग”  (वि.वि. 4.24, ईब्रा.12. 29) ईश्वर की आत्मा, जो स्वयं ईश्वर है, पर अपने चिंतन प्रस्तुत किये। एक उद्दीप्त प्रेम सभी चीजों को परिशुद्ध, पुनर्जीवित और रूपांतरित करता है। यह आग जो अपने में “बपतिस्मा” की भी याद दिलाती, येसु मसीह के पास्का रहस्य में प्रकट होता है, जब वह आग के स्तंभ की तरह, पाप और मृत्यु के अंधेरे समुद्र के माध्यम से जीवन का मार्ग खोलती है।

संत पापा ने कहा कि हम अंगोर के रुप में दूसरी आग को संत योहन के सुसमाचार में देखते हैं जहाँ येसु तीसरी और अंतिम बार गलीलिया झील के किनारे अपने शिष्यों को दिखाई देते हैं (यो.21.9-14) । यह वह छोटी आग है जिसे झील के किनारे स्वयं येसु ख्रीस्त तैयार करते हैं जब शिष्य आश्चर्यजनक रुप में मछलियों से फंसी जाल को खींच रहे होते हैं। अंगोर की आग अपने में शांत और कोमल है यद्यपि यह लम्बे समय तक बनी रहती और पकाने के लिए उपयोग की जाती है। झील के किनारे शिष्य अपने गुरू के इसी आश्चर्यजनक और हृदयस्पर्शी स्थिति को अनुभव करते हैं।

आज हम एक साथ मिलकर उसी दो निशानियों पर चिंतन करते हुए नये कार्डिनलों के लिए प्रार्थना करते हैं।

संत पापा ने कहा कि संत लूकस के सुसमाचार में पाये जाने वाले वचनों के साथ ईश्वर हमें पुनः एक बार अपनी प्रेरिताई की राह में चलने हेतु बुलाते हैं। यह हमारे लिए एक उत्साही प्रेरिताई है जिसे हम नबी एलियस के जीवन पाते हैं। येसु एक प्रज्वलित मशाल हमारे हाथों में देते और हमें कहते हैं, “इसे लो, जैसे पिता ने मुझे भेजा है अब मैं तुम्हें भेजता हूँ” (यो.20.21)। इस भांति येसु हमें अपनी प्रेरितिक साहस, मुक्ति के जोश से भरते हैं जिसे हमें बिना अपवाद सभों के लिए लाना है। वे हमारे साथ अपने हृदय की विशालता, अथाह और शर्तहीन प्रेम को बांटना चाहते हैं क्योंकि उनका हृदय पिता की करूणा से दहकता है। इस आग में भी हम एक तरह के रहस्यात्मक प्रेरितिक तनाव को पाते हैं।

संत पापा ने कहा कि यह वही आग है जिससे हम संत पौलुस में सुसमाचार की अथाह सेवा के रुप में पाते हैं जो पवित्र आत्मा और ईश वचन से सदैव प्रेरित हुआ। यह वही आग है जिसके फलस्वरुप हम असंख्य नर और नारियों को सुसमाचार की घोषणा और लोगों के बीच उसका साक्ष्य देता हुआ पाते हैं। यह वही आग है जिसे येसु दुनिया में लेकर आते हैं जिसे पवित्र आत्मा हमारे हृदयों, हाथों और पैरों में प्रज्वलित करते हैं।

संत पापा ने कहा कि वहीं एक हम दूसरी अंगारे रूपी आग को देखते हैं। ईश्वर इसे हमारे साथ साझा करते हैं जिससे हम उनकी तरह नम्रता, निष्ठा, निकटता और कोमलता को लोग के साथ साझा करते हुए उन्हें मुक्तिदाता की ओर अग्रसर कर सकें जो हमारे बीच में जीवित हैं। यह आग विशेष रुप में हमारी आराधना में जलती है जब हम परमप्रसाद, ईश्वर के सामने शांतिमय तरीके से खड़े होते हैं। अंगारे की भांति उनकी उपस्थिति हमें ऊष्मा से भर देती और हमारे दैनिक जीवन को पोषित करती है।

यह आग हमें संत चार्ल्स दे फौकॉल्ड की याद दिलाती है जिन्होंने मरूभूमि के एकांत, गैर-ख्रीस्तीय के मध्य जीवन यापन करते हुए सारी चीजों को ईश्वर के लिए समर्पित किया। यह हमें उन भाई-बहनों की भी याद दिलाती है जो संप्रदायिक विश्व में अपने जीवन को अपने कार्य क्षेत्र, व्यक्तिगत जीवन और भ्रातृत्व के छोटे कार्यों को विभिन्न रुप में जीते हैं। क्या यह वही आग नहीं जो असंख्य ख्रीस्तीय दंपतियों के घरों को प्रज्वलित रखती है जिसके फलस्वरुप वे अपने बच्चों के साथ चलते और उनके जीवन को संवारते हैं। हम बुजुर्गं के द्वारा परिवारों और समुदायों में जलाई गई आग को नहीं भूल सकते हैं। बुजुर्गों द्वारा जलाई गई आग कितनी महत्वपूर्ण है यह परिवारों को एकता में बनाये रखती और अतीत के अनुभवों के आधार पर वर्तमान में निर्णयों को लेने में मदद करती है।

संत पापा ने कार्डिनलों को संबोधित करते हुए कहा कि आग के इस प्रकाश और शक्ति में हम विश्वासियों के साथ पवित्रता में आगे बढ़ें जिनके माध्य से आप चुने गये हैं और जिनके बीच आप येसु ख्रीस्त के सेवक की भांति भेजे जाते हैं। ईश्वर की दुधारी आग हमें विशेष रुप में क्या कहती हैॽ यह हमें प्रेरितिक उत्साह की याद दिलाती है जहाँ हम अपने कार्यं को सहासपूर्ण करने हेतु भेजे जाते हैं।  

एक कार्डिनल कलीसिया की आध्यात्मिक आग से प्रेम करता है। संत पापा ने कार्डिनल अगुस्तीनो कासारोली की याद दिलाते हुए कहा जिन्होंने शीतयुद्ध के दौरान खुलेपन में वार्ता को प्रोत्साहित किया-ईश्वर हमारी मदद करे जिससे हम अपनी आंखों को खुला रखें। उन्होंने अपनी आँखों को खुला रखते हुए रोम के युवा कैदियों से मुलाकात की जहाँ वे अपनी सरलता में “पुरोहित अगुस्तीनो” के नाम से विख्यात हुए। कार्डिलन वान तुहान की याद करते हुए संत पापा ने उन्हें लोकधर्मियों के चरवाहे होने की बात कही। 20वीं सदी में उन्होंने भी ईश्वर के प्रेम से प्रेरित होकर जेल में पड़े हुए कैदियों और सुरक्षा कर्मियों के आत्माओं की चिंता की।

संत पापा फ्रांसिस ने कहा कि हम पुनः येसु ख्रीस्त पर चिंतन करें। केवल वे ही हमारे इस छोटी रहस्य की महानता को जानते हैं। ईश्वर की रहस्यमय आग जो स्वर्ग से उतरती है, जो नभ को एक छोर से दूसरे छोर तक प्रकाशित करती है और धीरे से गरीबों, प्रवासियों और गृहविहीन लोगों के लिए भोजन तैयार करती है। आज भी येसु इस धरती पर आग लाने की चाह रखते हैं। वे हमारे जीवन के किनारे को प्रज्वलित करना चाहते हैं। येसु हमें नाम से बुलाते हैं, वे हमारी आँखों में देखते और कहते हैं, “क्या मैं तुम पर विश्वास कर सकता हूँ”ॽ  

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27 August 2022, 23:32