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यूक्रेन के ग्रीक काथलिक धर्माध्यक्ष यूक्रेन के ग्रीक काथलिक धर्माध्यक्ष 

यूक्रेन के धर्माध्यक्षों से पोप ˸ अपने झुण्ड के निकट रहें

संत पापा फ्राँसिस ने यूक्रेन के ग्रीक काथलिक कलीसिया के धर्माध्यक्षों को एक पत्र भेजा है जब वे एक सिनॉड में भाग ले रहे हैं। संत पापा ने इस कठिन समय में यूक्रेन के लोगों के प्रति अपना सामीप्य व्यक्त किया है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

संत पापा ने यूक्रेन के ग्रीक काथलिक धर्माध्यक्षों से अपील की है कि वे अपने झुण्ड के चरवाहे बनें और अपने विश्वासियों के निकट रहें जो उन्हें सौंपी गई है तथा उन्हें साहस एवं आशा प्रदान करें।

यूक्रेन के धर्माध्यक्ष अपनी कलीसिया में सिनॉडालिटी विषय पर चर्चा करने हेतु एक वार्षिक सिनॉड में भाग ले रहे हैं। सभा 7 से 15 जुलाई तक आयोजित है जिसको यूक्रेन में जारी युद्ध के कारण किएव से पोलैंड हटाना पड़ा है।

यूक्रेन के लोगों के प्रति सामीप्य एवं उनके लिए प्रार्थना

ग्रीक काथलिक कलीसिया के शीर्ष, किएव-हलेक के मेजर महाधर्माध्यक्ष स्वीतोस्लाव शेवचुक को प्रेषित संदेश में संत पापा फ्रांसिस ने सर्वप्रथम यूक्रेन के लोगों के प्रति अपना सामीप्य एवं उनके लिए अपनी प्रार्थना का आश्वासन दिया है जो रूस के द्वारा अपने देश पर आक्रमण के कारण जारी युद्ध का सामना कर रहे हैं।

संत पापा ने हाल में लविव में मनाये गये शहीद दिवस की याद की जिन्हें 2001 में संत पापा जॉन पौल द्वितीय ने यूक्रेन में प्रेरितिक यात्रा के दौरान सम्मानित किया था, फ्राँसिस ने टिप्पणी की कि वर्तमान संघर्ष उस परिस्थिति के समान है जिसमें कई पुरोहित, सन्यासी, धर्मबहनें और लोकधर्मी सोबियत शासन के दौरान मार डाले गये थे, आज भी हमारे लिए स्पष्ट है।

उन्होंने कहा, "आज वे स्वर्ग से अपने लोगों की रक्षा करते हैं जो पीड़ित हैं।" संत पापा ने सिनॉड के सदस्यों के लिए शहीदों के माध्यम से प्रार्थना की जो सोबियत शासन के दौरान मार डाले गये।

विश्वासियों का साथ

सभा की विषयवस्तु हैं - "सिनॉडालिटी (एक साथ चलना) और सार्वभौमिकता ˸ ग्रीक काथलिक कलीसिया का अनुभव।" संत पापा ने विषयवस्तु पर चिंतन करते हुए रेखांकित किया कि सिनॉड का प्राथमिक उद्देश्य कलीसिया एवं प्रत्येक ख्रीस्तीय का हित होना चाहिए।" "इसके अलावा, यह विश्वासियों के साथ आने के नए साधनों की तलाश में, जीवन के सामान्य पथ पर मुलाकात और पारस्परिक सहायता का स्थान होना चाहिए।"  

 लोगों के लिए ईश्वर और आशा प्रदान करना

इस संबंध में, संत पापा फ्राँसिस ने दोहराया कि धर्माध्यक्षों को, अपने झुंड के चरवाहे के रूप में, उनकी देखभाल के लिए सौंपे गए विश्वासियों के करीब होना चाहिए और उनके लिए "आशा का जीवित जल" लाना चाहिए।

2019 में रोम में ग्रीक काथलिक धर्माध्यक्षों को सम्बोधित अपने शब्दों की याद करते हुए संत पापा ने कहा कि लोग अपने धर्माध्यक्षों को नहीं पहचानते यदि वे सिर्फ ईश्वर के बारे बात करना चाहते हैं; किन्तु वे निश्चय ही उन्हें समझते हैं यदि वे उनके लिए ईश्वर को लाने हेतु हर संभव प्रयास करते हैं।"

"कलीसिया वह स्थान हो जहाँ आशा प्राप्त होती है, जहाँ हमेशा द्वार खुला पाया जाता है, जहाँ सांत्वना और प्रोत्साहन प्राप्त होता है।"

 अतः संत पापा ने उम्मीद जतायी कि यह सभा ग्रीक काथलिक धर्माध्यक्षों को यूक्रेन के "विश्वास के पिताओं की असाधारण परंपरा" की "रचनात्मक निरंतरता" की ओर प्रेरित करे जो पीढ़ियों से ईश प्रजा में रोपी गयी और पोषित की गई है।

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12 July 2022, 17:03