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अंतरराष्ट्रीय काथलिक एवं पेंटेकोस्टल कलीसियाई वार्ता के सदस्य अंतरराष्ट्रीय काथलिक एवं पेंटेकोस्टल कलीसियाई वार्ता के सदस्य 

दूसरों की मदद करना ईश्वर के प्रेम की शक्ति का अनुभव कराता है

काथलिक पेंतेकोस्त संवाद के आयोग की स्थापना की 50वीं वर्षगाँठ की याद करते हुए संत पापा ने वार्ता जारी रखने, सुसमाचार प्रचार के लिए नवीकृत उत्साह रखने और दूसरों के लिए ईश्वर के परिवर्तनकारी प्रेम को प्रकट करने का आह्वान किया है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

संत पापा फ्राँसिस ने काथलिक कलीसिया एंव पेंतेकोस्त कलीसिया को प्रत्साहन दिया है कि वे वार्ता जारी रखें तथा आग्रह किया है कि वे नये उत्साह के साथ सुसमाचार का प्रचार करें। 

संत पापा ने उक्त बात 8 जुलाई को काथलिक-पेंतेकोस्त वार्ता के लिए गठित आयोग के सदस्यों को सम्बोधित करते हुए कही है, जिसको ख्रीस्तीय एकतावर्धक वार्ता हेतु गठित परमधर्मपीठीय परिषद के वेबसाईट पर प्रकाशित का गया है।  

परिषद के वेबसाईट पर प्रकाशित दस्तावेज बतलाता है कि सन् 1972 में शुरू हुई इस वार्ता का उद्देश्य है – विश्वास और अभिव्यक्ति के संबध में आपसी सम्मान एवं समझदारी को बढ़ावा देना। दो परंपराओं की स्थितियों और प्रथाओं से संबंधित वास्तविक आदान-प्रदान और स्पष्ट चर्चा इन वार्तालापों के मार्गदर्शक सिद्धांत रहे हैं, जिसमें काथलिक और पेंटेकोस्टल कलीसियाओं द्वारा वैकल्पिक रूप से नेतृत्व की जानेवाली दैनिक प्रार्थनाएँ शामिल हैं।   

संत पापा फ्राँसिस ने आयोग की स्थापना की 50वीं वर्षगाँठ पर, सभा में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों का अभिवादन किया है तथा परिषद, आयोग के मोडेरेटर और कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग देनेवाले सभी लोगों को धन्यवाद दिया है। 

सुसमाचार प्रचार हेतु नवीकृत उत्साह

करीब 50 सालों से आयोग ने काथलिकों एवं पेंटेकोस्टल कलीसियाओं के बीच संवाद एवं चिंतन द्वारा मित्रता, एकात्मता और आपसी समझदारी का संबंध स्थापित करने हेतु एक साथ यात्रा की है। 

संत पापा ने लिखा "यह मेरी आशा है कि यह महत्वपूर्ण वर्षगांठ इन बंधनों को मजबूत करेगी और मिशनरी शिष्यों के रूप में, कलीसियाई समुदाय और पूरे समाज में सुसमाचार के आनंद की घोषणा करने के लिए आपके उत्साह को नवीनीकृत करेगी।"

"प्रभु की प्रार्थना कि "वे सब के सब एक हो जाएँ" के फल लाते हुए, हमारे भाइयों एवं बहनों को अपने हृदय एवं जीवन में ईश्वर के परिवर्तनकारी प्रेम, करुणा और कृपा का अनुभव करने में मदद दे सकेगी।"

अंत में, उन्होंने अपने लिए प्रार्थना का आग्रह करते हुए, प्रार्थनामय आश्वासन दिया एवं उनपर ईश्वर की प्रज्ञा, आनन्द और शांति के आशीष की कामना की।    

 

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12 July 2022, 17:09