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16 जुलाई को विरोध प्रदर्शन के दौरान अपनी जान गंवाने वालों की याद में रात भर जागरण किया 16 जुलाई को विरोध प्रदर्शन के दौरान अपनी जान गंवाने वालों की याद में रात भर जागरण किया 

संत पापा ने श्रीलंकाई नेताओं से बातचीत शुरू करने का आग्रह किया

संत पापा फ्राँसिस ने श्रीलंका के लोगों के साथ अपनी निकटता को दोहराया जहाँ एक विनाशकारी आर्थिक संकट ने राष्ट्र को अपनी चपेट में ले लिया और राष्ट्रपति को पद से हटा दिया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 18 जुलाई 2022 (वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस ने फिर से श्रीलंका के लोगों के साथ अपनी निकटता व्यक्त की, यह आश्वासन दिया कि वह उन्हें प्रार्थना में शामिल करेंगे। रविवार को देवदूत प्रार्थना के दौरान बोलते हुए उन्होंने उन सभी दलों से एक अपील भी जारी की जो भ्रष्टाचार और आर्थिक कुप्रबंधन में निहित संकट का समाधान खोजने में लगे हुए हैं, जिसने लोगों को बुनियादी जरूरतों और आजीविका से वंचित कर दिया है और देश में जन विद्रोह का माहौल बन गया है।

संत पापा ने कहा,"मैं सभी पक्षों से वर्तमान संकट का शांतिपूर्ण समाधान खोजने का आग्रह करता हूँ,विशेष रूप से सबसे गरीब लोगों के हित में और सभी के अधिकारों का सम्मान करते हुए।" संत पापा ने यह भी कहा कि वे देश के धार्मिक नेताओं के साथ मिलकर "हर किसी से किसी भी प्रकार की हिंसा से बचने और जनहित के लिए बातचीत की प्रक्रिया शुरू करने का आग्रह करते हैं।"

श्रीलंका की स्थिति

इस बीच, श्रीलंका के अपदस्थ राष्ट्रपति अपनी सरकार के खिलाफ जन विद्रोह से बचने के लिए इस सप्ताह विदेश भाग गए। एक हफ्ते पहले हजारों की संख्या में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के कोलंबो की सड़कों पर उतर आने और उनके आधिकारिक आवास और कार्यालयों पर कब्जा करने के बाद गोटबाया राजपक्षे का इस्तीफा शुक्रवार को संसद द्वारा स्वीकार कर लिया गया था।

नए राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने के लिए शनिवार को श्रीलंका की संसद की बैठक हुई और संकटग्रस्त राष्ट्र को कुछ राहत देने के लिए ईंधन की एक खेप पहुंची।

राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन स्वीकार करने के लिए संसद की अगली बैठक मंगलवार को होगी। देश के सर्वोच नेता को तय करने के लिए बुधवार को मतदान होना है। राजपक्षे के सहयोगी, प्रधान मंत्री रानिल विक्रमसिंघे, जो संसद में उनकी पार्टी के एकमात्र प्रतिनिधि हैं, कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली है।

विरोध प्रदर्शन के शिकार लोगों के लिए जागरण

श्रीलंका के सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने द्वीप राष्ट्र में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के दौरान अपनी जान गंवाने वालों की याद में रात भर जागरण किया, जिसने रविवार को 100 दिन पूरे कर लिए, और जिसने राष्ट्रपति राजपक्षे को पद छोड़ने के अपने मुख्य उद्देश्य को प्राप्त किया।

हालांकि पहला विरोध मार्च के अंत के आसपास शुरू हुआ, जब द्वीप ने 13 घंटे से अधिक समय तक दैनिक बिजली की कटौती का अनुभव किया, यह 9 अप्रैल हजारों लोगों ने कोलंबो में राष्ट्रपति सचिवालय के सामने पार्क पर कब्जा करना शुरू कर दिया, राजपक्षे की इस्तीफा मांग की।

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18 July 2022, 15:21