संत पापा ने पोडकास्ट में अपने व्यक्तिगत जीवन पर चिंतन किया
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
"मेरा हृदय एक गोदाम है, यहां चीजें भरी हुई है। मुझे हरदम अल्मारियों को बड़ा करना पड़ता है। अच्छे शब्दों में कहें तो मैं एक अच्छा "संग्राहक" हूँ। मैं कोई भी अच्छी चीज खोना नहीं चाहता जिन्हें लोगों ने मुझे दिया है। लोग आपको बहुत खुश करते हैं, उदारणों के द्वारा, शब्दों से, एक या दो काम से। पुरोहित लोगों को पढ़ाते हैं किन्तु मैं मानता हूँ कि हम लोगों से बहुत कुछ सीखते हैं यदि हम उन्हें गौर से देखें।"
इन्हीं शब्दों के साथ साक्षात्कार की शुरूआत हुई जिसको उन्होंने अर्जेंटीना के पुरोहित गुलेरमो मार्को को दिया है। 22 मिनट का यह साक्षात्कार 9 जून को लिया गया था और 3 जुलाई को फादर मार्को के पोडकास्ट "मार्को तू सेमाना, दे ला तेले साल रेदेस" पर प्रसारित किया गया।
वार्तालाप में संत पापा से अधिक व्यक्तिगत सवाल किये गये थे ˸ उनके आध्यात्मिक जीवन एवं अर्जेंटीना से दूर उनका जीवन। फादर मार्को ने कहा कि वे "साधारण जीवन" के मुद्दों पर बात करना पसंद करते हैं, "उन सवालों पर, जिनको मैं अक्सर अपने आपसे पूछता हूँ। क्योंकि यदि आप किसी को जानते हैं, आप जानते हैं कि वह किस तरह जीता है तब आप जान सकते हैं कि वह किस तरह प्रार्थना करता है।"
उन्होंने कहा, "कई बार, जब वे किसी समस्या का सामना कर रहे हों तो आपसे कहेंगे ˸ अच्छा अब मुझे इस पर प्रार्थना करने दीजिए और मैं आपको उत्तर दूँगा।"
संत पापा की प्रार्थना किस प्रकार की है?
साक्षात्कार में पहला सवाल प्रार्थनामय जीवन पर आधारित था। संत पापा ने कहा कि एक धर्माध्यक्ष की प्रार्थना है अपने रेवड़ की देखभाल करना, इसे सुसमाचारी शब्दों में रखना। और पोप एक धर्माध्यक्ष हैं, अतः वे वही शैली अपनाते हैं ˸ मांगना, मध्यस्थ करना, सभी अच्छे कामों के लिए धन्यवाद देना।
फादर मार्को ने पूछा, "क्या आप अब भी जल्दी उठकर प्रार्थना करते हैं?" तब संत पापा ने उत्तर दिया ˸ जी हाँ यह सही है, क्योंकि यदि आप सुबह में प्रार्थना नहीं करते, तो प्रार्थना नहीं कर पायेंगे क्योंकि आप मांस की चक्की में पकड़े जायेंगे।
चलना, बोयनोस आयरेस के जीवन की सबसे बड़ी याद है
संत पापा अर्जेनटीना की राजधानी में सबसे अधिक याद करते हैं, सड़कों पर चलना। जैसा कि वे स्वयं करते हैं˸ "बोयनोस आयरेस लौटकर मैं या तो चलता था या बस चलाता। यहाँ, मुझे दो बार बाहर जाना था, मैं रंगे हाथों पकड़ा गया, जाड़े में। सात बजे शाम को जब कुछ नहीं होता है, सब कुछ अंधेरा था... मैं चश्मे की दुकान पर गया, एक महिला ने बालकॉनी से चिल्लाया "पोप" और इस तरह सब कुछ का अंत वहीं हो गया। और दूसरी बार जब मैं एक खाली रिकोर्ड दुकान गया – मैं वहां आशीष देने गया था क्योंकि यह एक मित्र का रिकोर्ड दुकान था जिसे पुनः निर्मित किया गया था ... इतनी बदकिस्मती थी कि पास में ही एक टैक्सी पड़ाव था, जिसमें एक पत्रकार इंतजार कर रहा था।"
बड़ी जिम्मेदारी के बारे वे क्या सोचते हैं?
कलीसिया के शीर्ष का मिशन शुरू करने के पूर्व अपनी आध्यात्मिक स्थिति के बारे संत पापा ने कहा कि "पवित्र आत्मा आपको कई फल प्रदान करते हैं लेकिन इसके बारे कोई बात नहीं करता जो आपको सुन्न कर दे। और कई बार आप महसूस करते हैं कि परिस्थिति के सामने आप सुन्न हो गये हैं लेकिन वह आपको दुःख सहते हुए अवसर खोये बिना, आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता।"
"जहाँ संकट है आप बढ़ते हैं"
एक अन्य मुद्दा जिसपर साक्षात्कार में बात हुई वह है संकट का सामना। संत पापा ने कहा, "एक चीज जिसको मैंने यहाँ सीखा वह है कि हम संकट का सामना करना नहीं जानते हैं और संकट ही हैं जो हमें आगे बढ़ाते हैं।
संत पापा ने यूरोपीय संघ के संस्थापकों को आदर्श व्यक्ति मानते हुए कहा कि वे संकटों का सामना करना जानते थे और उसके द्वारा आगे बढ़े। "उन्होंने उसे संघर्ष में नहीं बदला और न ही काला एवं सफेद किया।"
"यदि आप किसी संकट को संघर्ष में बदलते हैं तब आप खोते हैं। एकता संघर्ष से बढ़कर है, दूसरे शब्दों में, संघर्ष आपको शक्तिहीन कर देता है।"
बुढ़ापे की गवाही
अंततः 23 फरवरी को आमदर्शन समारोह के दौरान संत पापा फ्राँसिस द्वारा शुरू की गई बुज़ुर्गों पर धर्मशिक्षा के चक्र पर विचार करते हुए, फादर मार्को जानना चाहते थे कि पोप अपने जीवन के इस चरण का सामना कैसे करते हैं। इस पर संत पापा ने कहा, "इस उम्र में, मैं खुद पर हँसता हूँ और आगे बढ़ता हूँ।"
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