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रॉयटर्स के फिलिप पुलेला के साथ एक साक्षात्कार में,संत पापा फ्राँसिस रॉयटर्स के फिलिप पुलेला के साथ एक साक्षात्कार में,संत पापा फ्राँसिस  

संत पापा को उम्मीद है कि चीन के साथ अस्थायी समझौते का नवीनीकरण होगा

रॉयटर्स के फिलिप पुलेला के साथ एक साक्षात्कार में,संत पापा फ्राँसिस ने चीन गणराज्य में धर्माध्यक्षों की नियुक्ति के बारे में बात की।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार 6 जुलाई 2022 (वाटिकन न्यूज) : संत पापा का कहना है कि चीन गणराज्य के साथ परमधर्मपीठ का अनंतिम समझौता "अच्छा चल रहा है" और उन्हें उम्मीद है कि इसे अगले अक्टूबर में नवीनीकृत किया जा सकता है। संत पापा फ्रांसिस ने संवाददाता फिलिप पुलेला द्वारा आयोजित रॉयटर्स समाचार एजेंसी के साथ एक साक्षात्कार में यह टिप्पणी की।

2018 में हस्ताक्षरित अस्थायी समझौते द्वारा, जिसका टेक्स्ट वर्तमान में गोपनीय है, चीन में काथलिक कलीसिया की स्थिति को सुधारा गया था, संत पापा के आदेश के बिना अभिषिक्त धर्माध्यक्षों को रोम के साथ पूर्ण सहभागिता में वापस लाया गया था। समझौता संत पापा को नए धर्माध्यक्षों की नियुक्ति पर अंतिम शब्द देता है, जबकि धर्माध्यक्षीय नामांकन पर एक समझौते पर पहुंचने के लिए एक साझा मार्ग प्रदान करता है।

समझौते का बचाव

जैसा कि रॉयटर्स साक्षात्कार के प्रतिलेख से पता चलता है, संत पापा फ्राँसिस ने समझौते का बचाव किया है और समझौते तक पहुंचने में वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पिएत्रो पारोलिन द्वारा निभाई गई भूमिका के लिए प्रशंसा व्यक्त की है: "कार्डिनल पारोलिन इस समझौते को संभाल रहे है। वे परमधर्मपीठ में उच्च राजनयिक पद पर हैं। वे जानते हैं कि कैसे संवाद करना है और वे चीनी अधिकारियों के साथ संवाद करते हैं। मेरा मानना है कि जिस आयोग के वे अध्यक्ष हैं, उसने आगे बढ़ने और रास्ता निकालने के लिए सब कुछ किया है।”

संभव की कला

कार्डिनल एगोस्टिनो कासारोली द्वारा वर्णित "धैर्य की शहादत", शीत युद्ध के दौरान सोवियत ब्लॉक में पूर्वी यूरोपीय देशों के साथ संबंधों में ओस्टपोलिटिक की वाटिकन की नीति का संत पापा फ्राँसिस ने बचाव किया। संत पापा ने समझाया, "कई लोगों ने संत पापा जॉन तेईस्वें और संत पापा पॉल षष्टम के खिलाफ और कार्डिनल एगोस्टिनो कासारोली के खिलाफ बहुत सी बातें कही।" "लेकिन कूटनीति ऐसी ही है। एक बंद स्थिति का सामना करते हुए, किसी को संभव की तलाश करनी चाहिए, आदर्श पथ की नहीं। कूटनीति एक कला है और जो संभव है उसे हकीकत में बदलने की कला।" उन्होंने आगे कहा, "परमधर्मपीठ के पास हमेशा से ऐसे कूटनीतिज्ञ रहे हैं। चीन के साथ यह [कूटनीति] कार्डिनल पारोलिन द्वारा की जा रही है।

नवीनीकरण की आशा

1989 में सोवियत शासन के पतन से पहले की वर्तमान स्थिति की तुलना करते हुए, संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि 2018 से चीन में धर्माध्यक्षों की नियुक्ति धीरे-धीरे हो रही है और परिणाम सामने आए हैं। "यह धीरे-धीरे चल रहा है, लेकिन कुछ धर्माध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं। यह धीमी गति से चल रहा है, जैसा कि मैं कहता हूं, 'चीनियों का अपना तरीका' है, क्योंकि चीनियों के पास समय की वह समझ है, कि कोई भी उन्हें जल्दी नहीं करा सकता।”

उन्होंने यह भी नोट किया कि चीनियों की "समस्याएँ भी हैं क्योंकि देश के हर क्षेत्र में समान स्थिति नहीं है" - चीन में स्थानीय अधिकारियों के विभिन्न दृष्टिकोणों का उल्लेख करते हुए संत पापा ने कहा,"चूंकि यह कलीसिया से संबंध रखने वाले स्थानीय नेताओं पर निर्भर करता है।"  

बहरहाल, संत पापा ने कहा, "समझौता अच्छा है, और मुझे आशा है कि इसे अक्टूबर में नवीनीकृत किया जा सकता है।"

 

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06 July 2022, 14:44