खोज

भूमध्यसागर के लाम्पेदूज़ा  द्वीप के समुद्री तट से आप्रवासी नाव का एक दृश्य भूमध्यसागर के लाम्पेदूज़ा द्वीप के समुद्री तट से आप्रवासी नाव का एक दृश्य  

सन्त पापा की लाम्पेदूज़ा भेंट की नवीं बरसी

नौ वर्षों पूर्व सन्त पापा फ्राँसिस ने इटली के लाम्पेदूज़ा द्वीप की यात्रा कर यहाँ समुद्र तट पर पहुँचे आप्रवासियों की भेंट की थी। नौ वर्ष पूर्व, 08 जुलाई को लाम्पेदूज़ा द्वीप पर व्यतीत उन कुछ घंटों में सन्त पापा फ्राँसिस ने भूमध्य सागर में आप्रवासियों की पीड़ा को विश्व के समक्ष उजागर कर विश्व की सरकारों को एक ज़ोरदार सन्देश दिया था।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 8 जुलाई 2022 (रेई, वाटिकन रेडियो): नौ वर्षों पूर्व सन्त पापा फ्राँसिस ने इटली के लाम्पेदूज़ा द्वीप की यात्रा कर यहाँ समुद्र तट पर पहुँचे आप्रवासियों की भेंट की थी। नौ वर्ष पूर्व, 08 जुलाई को लाम्पेदूज़ा द्वीप पर व्यतीत उन कुछ घंटों में सन्त पापा फ्राँसिस ने भूमध्य सागर में आप्रवासियों की पीड़ा को विश्व के समक्ष उजागर कर विश्व की सरकारों को एक ज़ोरदार सन्देश दिया था।  

मानवता का निर्माण करें

लाम्पेदूज़ा में सन्त पापा ने भाईचारे के निर्णायक मुद्दे पर जोर दिया था, उनकी चेतावनी, कोविद-19 महामारी से उबरने के लिए संघर्ष कर रहे तथा युद्धों से विक्षिप्त विश्व में आज और भी ज़रूरी और सामयिक प्रतीत होती है। उस अवसर पर सन्त पापा फ्राँसिस ने स्मरण दिलाया था कि यदि हम एक अधिक न्यायपूर्ण और स्वयं के साथ सामंजस्य स्थापित करने वाली मानवता के निर्माण में रुचि रखते हैं, तो हमें "अस्तित्ववादी परिधियों" से, केवल प्रतीकात्मक रूप से नहीं बल्कि ठोस रूप से शुरू करना चाहिए।

लाम्पेदूज़ा की यात्रा का महान लक्ष्य आप्रवासियों की पीड़ा के प्रति विश्व का ध्यान आकर्षित करना था, तथापि उस अवसर पर उच्चरित सन्त पापा फ्राँसिस के शब्द यूक्रेन में जारी युद्ध तथा विश्व के विभिन्न अंचलों जारी संघर्षों के मद्देनज़र  आज और अधिक अर्थपूर्ण हो उठे हैं।

ख्रीस्तयाग प्रवचन में सन्त पापा ने प्रभु ईश्वर एवं हाबिल के भाई काईन  के बीच वार्ता पर चिन्तन व्यक्त किया था और हम सबसे सवाल किया था कि हमारा भाई कहाँ है? छः बार सन्त पापा ने इस प्रश्न को दुहराया था कि तुम्हारा भाई कहाँ है? "तुम्हारा प्रवासी भाई कहाँ है?" तुम्हारा भाई गरीबी के आगे झुक गया, तुम्हारा भाई युद्ध से कुचल गया। क्या तुमने कभी उसकी सुधि ली?"

सन्देश आज भी सामयिक एवं महत्वपूर्ण

लाम्पेदूज़ा यात्रा के बाद के वर्षों में, कई बार संत पापा भ्रातृत्व और बिरादरी के निर्णायक विषय पर लौटे हैं। 2017 में सन्त मर्था प्रेरितिक आवास में ख्रीस्तयाग के समय प्रवचन करते हुए भी उन्होंने हाबिल और काईन का कहानी पर चिन्तन किया था तथा लोगों के बीच भाईचारे का आह्वान किया था। उन लोगों के लिए उन्होंने निंदा के कड़े शब्द कहे थे जो यह तय करते हैं कि "भूमि का एक टुकड़ा भाईचारे के बंधन से अधिक महत्वपूर्ण होता है।"

अपने विश्व पत्र फ्रातेल्ली तूती में तथा आबू दाभी में मानवीय भाईचारे पर प्रकाशित दस्तावेज़ में भी सन्त पापा फ्राँसिस आगाह करते हैं कि भाईचारे और भ्रातृहत्या के बीच का यही संघर्ष हमारे समय के मुद्दों का मुद्दा है। उन्होंने स्मरण दिलाया था कि प्रत्येक युद्ध के भीतर ठीक उसी बुराई की जड़ होती है जो काईन को अपने भाई को मारने के लिए प्रेरित करती है और फिर तिरस्कारपूर्वक ईश्वर के समक्ष जवाब देने के लिए कहती है कि "क्या मैं अपने भाई का रखवाला हूं?"

इस वर्ष ईस्टर महापर्व पर भी सन्त पापा फ्राँसिस ने रोम तथा विश्व के नाम अपने पास्का सन्देश में कहा था, "यह एक साथ मिलकर सुरंग से बाहर आने का समय है"। उन्होंने कोविद -19 का जिक्र करते हुए जोर दिया था, "हम दिखा रहे हैं कि हमारे भीतर अभी तक येसु की आत्मा नहीं है, अपितु काईन की आत्मा है, जिसने हाबिल को एक भाई के रूप में नहीं, बल्कि एक प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखा था और उसे खत्म करने का संकल्प किया था।"

सन्त पापा फ्राँसिस हम सबसे आग्रह करते हैं कि हम काईन के शक्तिशाली चुंबक से दूर जायें और हमारे जीवन की परिधि को भाईचारे के उत्तरी सितारे की ओर निर्णायक रूप से उन्मुख करें।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

08 July 2022, 11:16