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फ्राँस के जंगलों में लगी आग फ्राँस के जंगलों में लगी आग 

पोप: जलवायु परिवर्तन के अनुकूल राष्ट्रों को मिलकर काम करना चाहिए

संत पापा फ्राँसिस ने लचीलापन और जलवायु परिवर्तन पर वाटिकन सम्मेलन के प्रतिभागियों को संदेश भेजा तथा सभी देशों से अपील की कि वे कार्बन उत्सर्जन को कम करने एवं लोगों को जलवायु परिवर्तन के साथ सामंजस्य स्थापित करने हेतु मदद करने के लिए एक साथ कार्य करें।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

विज्ञान के लिए बनी परमधर्मपीठीय अकादमी ने वाटिकन के कसिनो पीयो चौथे में 13-14 जुलाई को दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया है। सम्मेलन की विषयवस्तु है ˸ "जलवायु तनाव के तहत लोगों और पारिस्थितिकी प्रणालियों का लचीलापन"।

बुधवार को जब सम्मेलन की शुरूआत हुई तो संत पापा फ्राँसिस ने प्रतिभागियों को शुभकामनाएँ दीं तथा जलवायु संकट पर विचार-विमर्श करने हेतु उनके प्रयास को प्रोत्साहन दिया।

उन्होंने कहा, "जलवायु परिवर्तन की घटना एक आपात स्थिति बन गई है जो अब समाज के किनारे नहीं रह गई है जो केवल औद्योगिक और कृषि प्रणालियों को आकार दे, बल्कि वैश्विक मानव परिवार, विशेष रूप से, गरीबों और हमारी दुनिया की आर्थिक परिधि पर रहनेवालों पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालते हुए एक केंद्रीय स्थान ग्रहण कर चुकी है।” संत पापा ने कहा कि दुनिया कार्बन उत्सर्जन कम करके जलवायु खतरे को कम करने एवं लोगों को जलवायु में उत्तरोत्तर बिगड़ते परिवर्तनों के अनुकूल होने में सक्षम बनाने" की दोहरी चुनौती का सामना कर रही है।

ये चुनौतियाँ हरेक व्यक्ति से मांग करती हैं कि हम लोगों एवं ग्रह की रक्षा करने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण के साथ आगे आयें।

जलवायु मामले में अंतरराष्ट्रीय सहयोग

संत पापा फ्राँसिस ने "पारिस्थितिक बदलाव" के लिए अपने आह्वान का हवाला देते हुए कहा कि इस प्रक्रिया के लिए सभी को ईश्वर की रचना के लिए आभारी होना चाहिए, एक दूसरे के साथ रहना और पर्यावरणीय समस्याओं से निपटने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।

"हम जिन बढ़ती समस्याओं का सामना कर रहे हैं उनका ठोस समाधान पाने हेतु स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धार्मिक, राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक नेताओं को साहसी, सहयोगपूर्ण एवं दूरदर्शी प्रयास की जरूरत है।"

संत पापा ने सबसे विकसित देशों से अपने स्वयं के कार्बन उत्सर्जन को कम करने का आह्वान किया, साथ ही "दुनिया के कम समृद्ध क्षेत्रों" को वित्तीय सहायता की पेशकश भी की।

स्वच्छ पेयजल एवं उर्जा तक पहुँच एक दूसरा मामला है जिसपर नेताओं को विचार करना चाहिए, साथ ही किसानों की मदद पर भी ध्यान देना चाहिए कि वे अधिक अनुकूल फसल उगा सकें।   

ग्रह के आमहित

संत पापा ने जैव विविधता के नुकसान और विभिन्न युद्धों से संबंधित चिंताओं को याद किया जो मानव अस्तित्व को खतरे में डालते हैं और "खाद्य सुरक्षा एवं बढ़ते प्रदूषण की समस्याओं" को जन्म देते हैं।

उन्होंने कहा, "सब कुछ जुड़ा हुआ है। वास्तविक पारिस्थितिक बदलने के लिए हमारे ग्रह के दीर्घकालिक सामान्य हित को ध्यान देना आवश्यक है"।

उन्होंने गौर किया कि परमधर्मपीठ हाल ही में जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन और पेरिस समझौते में शामिल हुआ था।

मानव परिवार की रक्षा

अंत में संत पापा ने वाटिकन के सम्मेलन में भाग ले रहे प्रतिभागियों को उनके प्रयास के लिए प्रोत्साहन दिया। 

उन्होंने कहा, "एक साथ काम करते हुए, अच्छी इच्छावाले पुरुष और महिलाएँ, उन मुद्दों के पैमाने और जटिलता का सामना कर सकते हैं जो हमारे सामने हैं, मानव परिवार और ईश्वर की सृष्टि के उपहार को जलवायु चरमसीमा से बचा सकते हैं, और न्याय एवं शांति की चीजों को बढ़ावा दे सकते हैं।"

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14 July 2022, 16:39