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संत पापा: मूलवासी और दादा-दादी लोग कलीसिया के अनमोल खजानें हैं

एडमोन्टन के कॉमनवेल्थ स्टेडियम में मिस्सा के बाद, मंगलवार को संत पापा फ्राँसिस लेक स्टे अन्ना में संध्या प्रार्थना में भाग लिया। यह उत्तरी अमेरिका के मूलवासियों के लिए सबसे पवित्र स्थलों में से एक है, जिसे लंबे समय से चंगाई के स्थान के रूप में जाना जाता है। अपने प्रवचन में संत पापा ने कहा कि मूलवासी और दादा-दादी कलीसिया के अनमोल खजानें हैं।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

लेक स्टे अन्ना, आल्बेर्ता, बुधवार 27 जुलाई 2022 (वाटिकन न्यूज) : मंगलवार दोपहर को लेक स्टे अन्ना के पवित्र तटों की वार्षिक तीर्थयात्रा में शामिल होने पर हजारों तीर्थयात्रियों ने संत पापा फ्राँसिस का स्वागत किया। नकोटा सिओक्स द्वारा वाकामने ("ईश्वर की झील") और क्री लोगों द्वारा "आत्मा की झील" नामक झील, कनाडा और उत्तर पश्चिमी संयुक्त राज्य अमेरिका में काथलिकों और मूलवासी लोगों के लिए अपने चंगाई जल और इसके आध्यात्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।

इसका नाम संत अन्ना, मरिया की मां और येसु की दादी के नाम पर रखा गया था, एक क्यूबेक काथलिक मिशनरी द्वारा, 26 जुलाई, संत अन्ना के पर्व दिवस मनाते हुए, 19 वीं शताब्दी के अंत में एक सप्ताह की तीर्थयात्रा शुरू की थी।

हमारे विश्वास के स्रोतों की ओर लौटना

झील के पानी और उनके साथ मौजूद विश्वासियों को आशीर्वाद देने के बाद, संत पापा फ्राँसिस ने संध्या प्रार्थना की अध्यक्षता की। संत पापा ने अपने प्रवचन की शुरुआत करते हुए कहा कि तीर्थयात्रियों के उत्सव की शुरुआत करने वाले ढोल की थाप से "दिल की धड़कन गूंजने लगती है" तीर्थयात्री जो पीढ़ियों से इस "ईश्वर की झील" तक पहुंचने के लिए एक साथ चले हैं, इसके जल द्वारा चंगाई पाते हैं।

संत पापा ने आगे टिप्पणी की कि "पृथ्वी की ममतामयी हृदय की धड़कन" को महसूस करते हुए, इस जल पर मौन चिंतन करने से हमें जीवन के स्रोतों और अपने विश्वास की ओर लौटने की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा, "वास्तव में यह हमें, पवित्र स्थानों की यात्रा करने के लिए प्रेरित करती है। हम येसु की कल्पना करें, जिन्होंने ‘गलील सागर’ एक झील के तट पर अपना अधिकांश सेवा कार्य सम्पन्न किया।"

एडमोंटन, कनाडा के पास लेक स्टे अन्ना तीर्थ स्थल की यात्रा
एडमोंटन, कनाडा के पास लेक स्टे अन्ना तीर्थ स्थल की यात्रा

विविधता में भाईचारा

ईश्वर ने इस परिधीय क्षेत्र के समृद्ध विविध संदर्भ को चुना जहां विभिन्न जाति के लोग एकत्रित हुए, ताकि यहाँ से दुनिया को "क्रांतिकारी" भाईचारे का संदेश दिया जा सके। संत पापा ने कहा कि वही संदेश आज सदियों से चले आ रहे ढोल की आवाज और विभिन्न लोगों को एकजुट करने की आवाज में गूंज रहा है। "यह हमें याद दिलाता है कि भाईचारा वास्तविक है, यह उन लोगों को एकजुट करता है जो दूर हैं। स्वर्ग से पृथ्वी पर भेजा गया एकता का संदेश, सभी तरह के मतभेदों से उपर है और यह हमें एक साथ नए सिरे से सहभागिता की शुरूआत करने के लिए आमंत्रित करता है, क्योंकि हम सभी यात्रा के तीर्थयात्री हैं।”

एडमोंटन, कनाडा के पास लेक स्टे अन्ना तीर्थ स्थल की यात्रा
एडमोंटन, कनाडा के पास लेक स्टे अन्ना तीर्थ स्थल की यात्रा

जल जीवनदायक  है

एजेकिएल के ग्रंथ (47, 1-2. 8-9. 12) से लिए गये पाठ पर ध्यान केंद्रित करते हुए, संत पापा फ्राँसिस ने "विश्वास के जीवित जल" को प्रसारित करने में, विशेष रूप से मूलवासी समुदायों में दादी की महत्वपूर्ण भूमिका को दोहराया। संत पापा ने कहा, "विश्वास शायद ही कभी एक कोने में बैठकर किताब पढ़ने से आता है, इसके बजाय, यह परिवारों के भीतर फैलता है, माताओं के वचनों से और दादी के मधुर गीत के लहजों से फैलता है।" संत पापा ने उनके बहुमूल्य भूमिका के लिए उन्हें धन्यवाद दिया, साथ ही परिवारों से अपने बड़ों का सम्मान करने और उनकी देखभाल करने का आह्वान किया।

संत पापा ने कहा, "मैं उन सभी परिवारों से कहना चाहता हूँ जिनके घर में बुजुर्ग हैं: आपके पास एक खजाना है! अपने घरों के भीतर जीवन के इस स्रोत की रक्षा करें: एक अनमोल विरासत के रूप में उन्हें प्यार से और संभाल कर रखें।”

जल चंगा करता है

संत पापा फ्राँसिस ने तब यूरोपीय उपनिवेश के दौरान कनाडा के मूलवासियों को हुई चोटों के संदर्भ में पानी की चंगाई शक्ति पर ध्यान केंद्रित किया। गलील सागर के तट पर येसु की सेवकाई को याद करते हुए, उन्होंने उन गहरे घावों को ठीक करने में मदद करने के लिए, माता मरिया और संत अन्ना की मध्यस्थता से, प्रभु से प्रार्थना की।

एडमोंटन, कनाडा के पास लेक स्टे अन्ना तीर्थ स्थल की यात्रा
एडमोंटन, कनाडा के पास लेक स्टे अन्ना तीर्थ स्थल की यात्रा

"[इस पवित्र स्थान में, जहां सद्भाव और शांति का शासन है,  हे प्रभु हम आपके सामने अपने कड़वे अनुभवों, उपनिवेश के भयानक प्रभाव, इतने सारे परिवारों, दादा-दादी और बच्चों की अमिट पीड़ा को प्रस्तुत करते हैं।]"

चंगाई प्रक्रिया में दादी की भूमिका

संत पापा फ्राँसिस ने फिर से मूलवासी समुदायों में माताओं और दादियों की भूमिका पर उन घावों को ठीक करने में मदद करने पर जोर दिया, विशेष रूप से प्रभु की दादी की आकृति का उल्लेख करते हुए, जिसे मिशनरियों द्वारा कनाडा के मूलवासियों की संस्कृति में प्रभावी तरीके से पेश किया गया था।

उन्होंने याद किया कि यूरोपीय उपनिवेश की "दर्दनाक विरासत" का हिस्सा "इस तथ्य से उपजा है कि दादियों को अपनी भाषा और संस्कृति में विश्वास को पारित करने से रोका गया था।" संत पापा ने कहा, "वह नुकसान निश्चित रूप से दुखद था, लेकिन यहां आपकी उपस्थिति लचीलापन और एक नई शुरुआत, चंगाई की दिशा में तीर्थयात्रा, ईश्वर के लिए खुले दिल की गवाही है। ईश्वर समुदाय के जीवन को चंगा करते है।"

एडमोंटन, कनाडा के पास लेक स्टे अन्ना तीर्थ स्थल की यात्रा
एडमोंटन, कनाडा के पास लेक स्टे अन्ना तीर्थ स्थल की यात्रा

सभी कलीसियाओं को चंगाई की आवश्यकता है

संत पापा फ्राँसिस ने तब टिप्पणी की कि, आज, "सभी कलीसियाओं को चंगाई की आवश्यकता है," तीर्थयात्रियों को "एक माता कलीसिया" के निर्माण में योगदान करने के लिए आमंत्रित किया, जो "अपने प्रत्येक बेटे और बेटियों को गले लगाने" में सक्षम है, जो "सभी के लिए खुली है" और सभी से बातें करती है" और "सबका सामना करती है।" आगे उन्होंने जोर देकर कहा कि "अगर हम अपने समुदायों के जीवन की देखभाल करना और चंगाई चाहते हैं, तो हमें गरीबों और सबसे हाशिए पर रहने वालों के साथ शुरुआत करने की जरूरत है", जिसमें बुजुर्ग भी शामिल हैं जो अकेले मरने का जोखिम उठाते हैं, लेकिन युवा लोग भी "जिनकी बातों को सुनने की अपेक्षा उनसे अधिक पूछताछ की जाती है।"

एडमोंटन, कनाडा के पास लेक स्टे अन्ना तीर्थ स्थल की यात्रा
एडमोंटन, कनाडा के पास लेक स्टे अन्ना तीर्थ स्थल की यात्रा

यह इंगित करते हुए कि येसु हमें "बाहर जाने, देने और  प्रेम करने" के लिए कहते हैं, संत पापा ने सभी विश्वासियों को खुद से यह पूछने के लिए आमंत्रित किया कि वे जरूरतमंद लोगों के लिए क्या कर सकते हैं और विशेष रूप से मूलवासियों के लिए जिन्होंने इतनी पीड़ा सहन की है।

"[कभी-कभी, दूसरों की मदद करने का एक अच्छा तरीका यह नहीं है कि वे जो मांगते हैं उन्हें तुरंत दें, बल्कि उनका साथ दें, उन्हें प्यार करने और खुद को देने के लिए आमंत्रित करें। इस तरह, वे दूसरों के लिए जो अच्छा कर सकते हैं, उसके माध्यम से वे अपने अंदर के जीवित जल की धाराओं, अद्वितीय एवं कीमती खजाने की खोज करेंगे जो वे वास्तव में हैं।]"

मूलवासी कलीसिया के लिए एक खजाना

अपने अंतिम शब्दों में संत पापा ने आशा व्यक्त की कि कलीसिया कनाडा के मूलवासियों की चंगाई प्रक्रिया में मदद करने हेतु आगे बढ़ेगी। संत पापा ने पुनः दुहराया कि मूलवासी उनके और कलीसिया के लिए कितने कीमती हैं।

एडमोंटन, कनाडा के पास लेक स्टे अन्ना तीर्थ स्थल की यात्रा
एडमोंटन, कनाडा के पास लेक स्टे अन्ना तीर्थ स्थल की यात्रा

"ईश्वर हमें स्वस्थ और नए भविष्य की ओर, चंगाई प्रक्रिया में आगे बढ़ने में मदद करें। मेरा मानना है कि यह आपकी दादी और आपके दादा-दादी की भी इच्छा है। येसु के नाना-नानी, संत जोवाकिम और संत अन्ना, हमें हमारी यात्रा पर आशीर्वाद दें।"

संत पापा: मूलवासी और दादा-दादी लोग कलीसिया के अनमोल खजानें हैं

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27 July 2022, 15:09