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नवदीक्षार्थियों से पोप ˸ आत्मा के प्रति विनम्र एवं येसु के प्रति आज्ञाकारी बनें

संत पापा फ्राँसिस ने नवदीक्षार्थी मार्ग (बपतिस्मा के पहले एवं बाद के ख्रीस्तीय प्रशिक्षण के लिए समर्पित काथलिक लोकधर्मी संगठन) के 5,500 सदस्यों से मुलाकात की तथा उनसे आग्रह किया कि वे पवित्र आत्मा के प्रति विनम्र बने रहें।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार, 28 जून 2022 (रेई) ˸ रोम में परिवारों की 10वीं विश्वसभा के बाद सोमवार को संत पापा फ्राँसिस ने नवदीक्षार्थी मार्ग के सदस्यों से मुलाकात की, जहाँ उन्होंने 430 नवदीक्षार्थी परिवारों को मिशन में भेजा।

वाटिकन के संत पौल सभागार में 5,500 सदस्यों में, पाँचों महादेशों के संगठन के सदस्य थे जिनमें युद्धग्रस्त यूक्रेन के परिवार, उनके धर्माध्यक्ष और रोम धर्मप्रांत के नवदीक्षार्थी परिवार थे।  

विविधता में एकता

प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए संत पापा फ्राँसिस ने उन्हें प्रोत्साहन दिया कि वे पवित्र आत्मा के संचालन में दुनियावी भावना के साथ बढ़ते विश्व में येसु के सुसमाचार को फैलाने के अपने मिशन कार्य को जारी रखें।  

इस बात पर गौर करते हुए कि सांस्कृतिक विविधता कलीसिया की एक समृद्धि है तथा ख्रीस्त का शरीरधारण सभी लोगों एवं सांस्कृतियों के लिए महत्वपूर्ण है, संत पापा ने कलीसिया में विविधता में एकता के महत्व को रेखांकित किया।

उन्होंने कहा, "येसु के सुसमाचार को विभिन्न संस्कृतियों द्वारा स्वीकार किया गया है किन्तु यह एक समान है।" संत पापा ने नवदीक्षार्थी को पवित्र आत्मा के प्रति विनम्र एवं येसु के प्रति आज्ञाकारी होने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा, "हमेशा कलीसिया में रहें और कलीसिया के साथ रहें।"

उन्होंने कहा कि इस संबंध में अपने धर्माध्यक्षों के साथ मिलकर कार्य करने की जरूरत है जो स्थानीय कलीसिया के शीर्ष हैं।

"येसु की नजर को कभी न भूलें"

मुलाकात के अंत में संत पापा ने 430 परिवारों को मिशन के लिए भेजा कि वे विश्व के विभिन्न हिस्सों में सुसमाचार की घोषणा करने जाएँ, उन्होंने मिशन के क्रूस एवं परिवारों के बच्चों को आशीष प्रदान किया।  

नवदीक्षार्थी मार्ग

नवदीक्षार्थी मार्ग काथलिक प्रशिक्षण की एक यात्रा कार्यक्रम है जिसकी शुरूआत स्पेन में 1964 में हुई थी, जिसको द्वितीय वाटिकन महासभा के फल के रूप में संत पापा पौल छटवें ने मंजूरी दी थी।

यह मार्ग उन परिवारों के साथ जुड़ा है जो अपने साक्ष्य एवं जीवन द्वारा उन देशों में काथलिक कलीसिया की उपस्थिति लाना चाहते हैं, जहाँ कलीसिया की उपस्थिति नहीं है या छोटी है अथवा कठिनाई एवं दुनियावी भावना प्रबल होने के कारण काथलिक समुदाय को मजबूत किये जाने की आवश्यकता है।  

यह प्रारंभिक काथलिक कलीसिया के नवदीक्षार्थियों से प्रेरित है जिसके द्वारा गैरख्रीस्तीय लोगों को बपतिस्मा के लिए तैयार किया गया था।

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28 June 2022, 16:30