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2022.06.17 चेतुफॉन संघ सभा का बौद्ध प्रतिनिधिमंडल के साथ संत पापा फ्राँसिस 2022.06.17 चेतुफॉन संघ सभा का बौद्ध प्रतिनिधिमंडल के साथ संत पापा फ्राँसिस 

थायलैण्ड के बौद्ध शिष्ठमण्डल को सन्त पापा का सम्बोधन

वाटिकन में शुक्रवार को थायलैण्ड के 33 प्रमुख बौद्ध भिक्षुओं ने सन्त पापा फ्राँसिस का साक्षात्कार कर उनका सन्देश सुना। थायलैण्ड से आये प्रतिनिधिमण्डल में थेरावाड़ा और महायाना पंथों के बौद्ध भिक्षुओं सहित 60 बौद्ध धर्मानुयायी तथा थायलैण्ड काथलिक कलीसिया के अनेक प्रतिनिधि शामिल थे।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 17 जून 2022 (रेई, वाटिकन रेडियो): वाटिकन में शुक्रवार को थायलैण्ड के 33 प्रमुख बौद्ध भिक्षुओं ने सन्त पापा फ्राँसिस का साक्षात्कार कर उनका सन्देश सुना। थायलैण्ड से आये प्रतिनिधिमण्डल में थेरावाड़ा और महायाना पंथों के बौद्ध भिक्षुओं सहित 60 बौद्ध धर्मानुयायी तथा थायलैण्ड काथलिक कलीसिया के अनेक प्रतिनिधि शामिल थे।

ऐतिहासिक स्वर्ण जयन्ती

बौद्ध प्रतिनिधिमण्डल की वाटिकन यात्रा का उद्देश्य 5 जून 1972 को पूर्व सन्त पापा पॉल षष्टम के साथ थाईलैंड के सत्रहवें सर्वोच्च बौद्ध कुलपति, परम आदरणीय सोमदेज फ्रा वन्नारत की ऐतिहासिक बैठक की स्वर्ण जयंती मनाना है।

थाईलैंड के प्रतिनिधिमण्डल को वाटिकन भेजने तथा मैत्री एवं परस्पर सहयोग के सम्बन्धों को नवीकृत करने के लिये सन्त पापा फ्रांसिस ने थायलैण्ड के सर्वोच्च बौद्ध संघ के प्रमुख सोमदेज फ्रा श्री अरियावोंगसगतानन के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया।

पचास वर्ष पूर्व सन्त पापा पौल षष्टम द्वारा कहे गये शब्दों का स्मरण कर सन्त पापा ने बौद्ध प्रतिनिधिमण्डल के सदस्यों से कहा, "आपकी बहुमूल्य परंपराओं के माध्यम से आपको प्रदत्त आध्यात्मिक, नैतिक और सामाजिक तथा सांस्कृतिक खज़ाने के लिए हमारे मन में गहरा सम्मान है। हम उन मूल्यों को मान्यता देते हैं जिनके आप संरक्षक हैं, और हम इस इच्छा को साझा करते हैं कि उन्हें संरक्षित और पोषित किया जाना चाहिए। हमें उम्मीद है कि आप जिन परंपराओं का प्रतिनिधित्व करते हैं और काथलिक कलीसिया की परम्पराओं के बीच मैत्रीपूर्ण संवाद और घनिष्ठ सहयोग नित्य प्रति बढ़ता रहेगा।"

"मैत्रीपूर्ण संवाद और घनिष्ठ सहयोग"

सन्त पापा ने कहा, "इन पचास वर्षों के दौरान, हमने अपनी दो धार्मिक परंपराओं के बीच "मैत्रीपूर्ण संवाद और घनिष्ठ सहयोग" का क्रमिक और स्थिर विकास देखा है, जो हमारे लिये सन्तोष का विषय है।"

सन् 2018 में थायलैण्ड के प्रतिनिधिमण्डल की रोम भेंट तथा 2019 के नवम्बर माह में स्वयं अपनी थायलैण्ड प्रेरितिक यात्रा का सन्त पापा फ्राँसिस ने स्मरण किया तथा उस अवसर पर थायलैण्ड के लोगों द्वारा किये गये स्वागत के लिये धन्यवाद ज्ञापित किया। थायलैण्ड के काथलिक कलीसियाई समुदाय के साथ बौद्ध धर्मानुयायियों के अन्तरधार्मिक रिश्तों एवं सहयोग को भी सन्त पापा ने सराहा।

सन्त पापा ने कहा कि ऐसे समय में जब हमारा मानव परिवार और हमारी धरती कई तरह के खतरों का सामना कर रही है, इस तरह के मैत्रीपूर्ण संवाद और सहयोग की सभी को नितान्त आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि येसु मसीह एवं बुद्ध भगवान दोनों की शिक्षा यही रही है कि मनुष्य बुराई से दूर रहें तथा आपस में प्रेम करें। अस्तु, आज हमारा दायित्व है कि हम अपने-अपने धर्मों के अनुयायियों में प्रेम एवं मैत्री का प्रसार कर विश्व में न्याय एवं शांति की स्थापना में योगदान करें।

 

           

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17 जून 2022, 11:34