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संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार 4 जून को इताली "फेदेरसनिता" संघ के 100 सदस्यों से मुलाकात की संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार 4 जून को इताली "फेदेरसनिता" संघ के 100 सदस्यों से मुलाकात की 

स्वास्थ्य देखभाल संसाधनों में कटौती 'मानवता के खिलाफ जुल्म'

संत पापा फ्राँसिस ने इटली के स्वास्थ्य देखभाल संघ "फेदेरसनिता" के सदस्यों से मुलाकात की एवं उन्हें यह सुनिश्चित करने हेतु प्रोत्साहित किया कि सभी लोग पर्याप्त देखभाल पा सकें।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार, 4 जून 2022 (रेई) ˸ संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार 4 जून को इताली "फेदेरसनिता" संघ के 100 सदस्यों से वाटिकन के क्लेमेंटीन सभागार में मुलाकात की तथा उन्हें रोगियों एवं पूरे समाज की सेवा करने का प्रोत्साहन देते हुए सामीप्य, अखंडता और आमहित की औषधि प्रदान की।

इटली का "फेदेरसनिता" संघ, स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों, अस्पतालों और अस्पताल में भर्ती एवं वैज्ञानिक देखभाल संस्थानों को, इताली नगरपालिकाओं के संघ के प्रतिनिधियों के साथ जोड़ता है, साथ ही, स्थानीय, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय आदान-प्रदान के बीच निरंतर गतिशील में क्षेत्र के साथ एक मजबूत संबंध बनाता है।

संत पापा ने कहा, "अपनी प्रतिबद्धता द्वारा आप केंद्र एवं सुदूर क्षेत्रों के बीच, छोटे एवं बड़े स्तर पर संबंध बनाये रखने में सहयोग देते हैं तथा सामाजिक स्वास्थ्य एवं सामाजिक सहायता एकीकरण के रास्ते को प्रोत्साहित करते हैं।"  

संत पापा ने सदस्यों को तीन औषधि बतलायी जिसकी मदद से वे अपने रास्ते पर आगे बढ़ सकते हैं –

सीमा के घेरे को तोड़ना

संत पापा ने कहा, "रोगी व्यक्ति में अपने आपको देखना, स्वार्थ के घेरे को तोड़ता है, उस स्तम्भ को गिराता जिसपर हम चढ़ना चाहते हैं और अपने आपको दूसरों का भाई समझने में मदद देता है, चाहे वे किसी भी भाषा, भौगोलिक क्षेत्र, सामाजिक परिस्थिति या स्वस्थ स्थिति के क्यों न हों। यदि हम अस्पताल के वार्ड में, नर्सिंग होम में या क्लिनिक में जिन लोगों से मिलते हैं उन्हें भाई-बहन के रूप में देख पाते हैं तो सब कुछ बदल जाता है, जिम्मेदारी लेना नौकरशाही का मामला नहीं रह जाता बल्कि मुलाकात, साथ देना और बंटना हो जाता है। हमारी ईश्वर निकट रहनेवाले ईश्वर हैं उन्होंने शरीरधारण किया ताकि कोई भी उनकी पहुँच से दूर न रहे। वे हमारे साथ इस दुनिया के ऊबड़ खाबड़ रास्ते पर चलते हैं जैसा कि उन्होंने एमाउस के रास्ते पर किया। वे हम प्रत्येक के दुख-दर्द को सुनते हैं और हमें भी उसी तरह करने के लिए कहते हैं। निकट होने का अर्थ है दूर हटाना तथा स्वास्थ्य देखभाल से किसी को वंचित नहीं करना।   

संत पापा ने कहा कि जब एक देश अपनी जनता के स्वास्थ्य देखभाल को खो देता है, तब यह उन लोगों के बीच दूरी बढ़ाने लगता है जो इसे प्राप्त कर सकते हैं, स्वास्थ देखभाल की कीमत चुका सकते हैं और जो बिना चिकित्सा देखभाल के रहते हैं। "यही कारण है कि यहाँ इटली में सार्वजनिक देखभाल आपका धन है ˸ कृपया आप इसे न खोयें।"    

व्यक्ति की प्रतिष्ठा

दूसरी औषधि है सम्पूर्ण पर ध्यान देना जो टुकडों एवं पक्षपात का विरोध करता है।

"यदि सब कुछ जुड़ा हुआ है तो हमें व्यक्ति के सभी आयामों को अपनाते हुए समग्र दृष्टिकोण से स्वास्थ्य की अवधारणा पर भी पुनर्विचार करना चाहिए। किसी भी तरह से विशिष्ट कौशल के मूल्य से विचलित हुए बिना, एक बीमार व्यक्ति को ठीक करने का मतलब न केवल उसकी विकृति पर विचार करना है, बल्कि उसकी मनोवैज्ञानिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक स्थिति पर भी विचार करना है।”

संत पापा ने रेखांकित किया कि "जब येसु किसी को चंगा करते थे तो वे शरीर से न केवल शारीरिक बीमारी दूर करते थे बल्कि उनकी प्रतिष्ठा की भी रक्षा करते थे, समाज में व्यक्ति को पुनः प्रवेश दिलाते थे एवं उन्हें नया जीवन प्रदान करते थे।"

उन्होंने गौर किया कि देखभाल का सम्पूर्ण दृष्टिकोण, फेंकने की संस्कृति का सामना करने में मदद देता है जो उन लोगों को विभिन्न करणों से कुछ चीजों को पाने से वंचित कर देता है।  

उन्होंने कहा कि समाज जिसमें बीमार व्यक्ति को एक भार या खर्च के रूप में देखा जाता है, हमें उन चीजों को केंद्र में रखा जाना चाहिए जिन्हें न खरीदा और न बेचा जा सकता है अर्थात् व्यक्ति की प्रतिष्ठा। मानव जीवन की रक्षा गर्भधारण से प्राकृतिक मृत्यु तक हमेशा की जानी चाहिए।   

सभी के लिए स्वास्थ्य देखभाल

तीसरी औषधि है आमहित जो निजी स्वार्थ के पीछे भागने से बचाता है। संत पापा ने कहा, "स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में भी कुछ छोटे दलों में आर्थिक या राजनीतिक लाभ पर हावी होने का प्रलोभन उत्पन्न हो सकता है।"

जबकि हमें यह सुनिश्चित करने के लिए काम करना चाहिए कि सभी लोगों को चिकित्सा की प्राप्ति हो सके, स्वास्थ्य प्रणाली को समर्थन और प्रोत्साहन मिल सके और यह मुक्त हो सके। स्वास्थ्य सेवा के लिए संसाधनों में कटौती मानवता के खिलाफ आक्रोश है।”

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04 June 2022, 15:30