खोज

2022.06.27  बच्चों के साथ सिस्टर लुइसा देल ऑर्टो 2022.06.27 बच्चों के साथ सिस्टर लुइसा देल ऑर्टो  ( CARITAS AMBROSIANA)

संत पापा फ्रांसिस ने हैती में मारी गई धर्मबहन के कामों की प्रशंसा की

संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार को हैती में मारी गई सिस्टर लुइसा देल'ऑर्टो के परिवार और धर्मसमाज के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 27 जून 2022 (वाटिकन न्यूज) : रविवार को देवदूत प्रार्थना का पाठ करने के उपरांत संत पापा फ्राँसिस ने कहा, सिस्टर लुइसा देल'ऑर्टो ने "अपने जीवन को दूसरों के लिए एक उपहार बनाया, यहाँ तक कि शहीद होने तक।" उन्होंने इतालवी धर्मबहन के परिवार और धर्मसमाज के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। हैती में रविवार को सिस्टर लुइसा देल'ऑर्टो की हत्या कर दी गई।

पिछले साल, एक मिशनरी समूह को एक पत्र में, सिस्टर लुइसा ने हैती में अपना काम जारी रखने के अपने निर्णय के बारे में लिखा था। "आप मुझे बताएंगे कि मैं थोड़ा पागल हूँ। यहाँ क्यों रहें? अपने आप को 'जोखिम' में क्यों डालें? ऐसी बेचैनी में जीने का क्या फायदा? क्या लोगों के लिए यह बेहतर नहीं होगा कि वे अपनी समस्याओं का समाधान स्वयं करें?

"हमने जो देखा और सुना है उसके बारे में हम चुप नहीं रह सकते।"

"जीने के लिए किसी पर भरोसा करने में सक्षम होना महत्वपूर्ण है! और यह देखना कि आप उस एकजुटता पर भरोसा कर सकते हैं जो ईश्वर के विश्वास और प्रेम से आती है, वह सबसे बड़ा उपहार है जो हम दे सकते हैं।"

शनिवार को हैती की राजधानी पोर्ट-औ-प्रिंस की सड़कों पर सशस्त्र हमले के दौरान सिस्टर लुइसा गंभीर रूप से घायल हो गईं। उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसके 65वें जन्मदिन से महज दो दिन पहले ही उसकी मौत हो गई।

सिस्टर लुइसा संत चार्ल्स डी फौकॉल्ड से प्रेरित एक सुसमाचार की छोटी बहनें धर्मसमाज की सदस्य थीं और दो दशकों से अधिक समय तक पोर्ट-ऑ-प्रिंस में रहीं।  जैसा कि संत पापा फ्राँसिस ने रविवार को याद किया,"वे सड़क पर रहने वाले बच्चों की सेवा के लिए समर्पित थीं।"

सिस्टर लुइसा की अपनी बहन मारिया एडेल देल ऑर्टो ने वाटिकन न्यूज को टिप्पणी में कहा, " मेरी बहन ने वास्तव में काम के लिए अपना जीवन दिया, यह निश्चित रूप से एक तथ्य है," "वह जानती थी कि कुछ भी हो सकता है ... क्योंकि अपने आखिरी पत्र में भी उसने ऐसा कहा था, कि स्थिति बहुत कठिन है। लेकिन वह रुकने और गवाही देने की इच्छुक थी।”

मारिया एडेल को इस बात से तसल्ली मिली कि उसकी बहन ने संत चार्ल्स के बताए रास्ते का अनुसरण किया था। "इन घंटों में, मुझे लगता है कि वह हमेशा संत चार्ल्स डी फौकॉल्ड के नक्शेकदम पर कैसे रहती थी और आज मुझे लगता है कि वह भी संत चार्ल्स की तरह मर गई।"

रविवार को अपनी टिप्पणी में, संत पापा फ्राँसिस ने सिस्टर लुइसा की आत्मा को ईश्वर के हाथों में सौंप दिया और हैती के लोगों के लिए प्रार्थना की, "विशेषकर छोटों के लिए, कि उनका भविष्य बिना किसी दुख और हिंसा के हो।"

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

27 June 2022, 15:21