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आमदर्शन समारोह में लोगों के साथ संत पापा फ्राँसिस आमदर्शन समारोह में लोगों के साथ संत पापा फ्राँसिस 

पोप ˸ कलीसिया को विवाह के रास्ते दम्पतियों के साथ चलना चाहिए

संत पापा फ्राँसिस ने "विवाहित जीवन के लिए नवदीक्षार्थी यात्रा कार्यक्रम" बनाने हेतु दिशानिर्देश के लिए प्रस्तावना लिखी है तथा कलीसिया से आग्रह किया है कि वह विवाह के लिए तैयारी कर रहे भावी दम्पतियों की मदद करे, ताकि टूटे परिवारों की पीड़ा को दूर किया जा सके।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 16 जून 2022 (रेई) : लोकधर्मी, परिवार और जीवन के लिए गठित परमधर्मपीठीय परिषद ने बुधवार को स्थानीय कलीसियाओं के लिए एक नया प्रेरितिक दिशानिर्देश जारी किया, जो "विवाहित जीवन के लिए नवदीक्षार्थी यात्रा कार्यक्रम" बनाने की ओर रास्ता तैयार करेगा है।

संत पापा फ्राँसिस ने दस्तावेज के लिए प्रस्तावना लिखी है और कहा है कि यह अमोरिस लेतित्सिया परिवार वर्ष के फल को दर्शाता है।  

 संत पापा ने लिखा, "कलीसिया हर युग में विवाह संस्कार एवं पारिवारिक जीवन में निहित कृपा की सुन्दरता एवं विपुलता की घोषणा फिर से करने के लिए बुलायी जाती है जो संस्कार से बहती है, खासकर, युवाओं के लिए।

असफल विवाहों की संख्या को कम करना

संत पापा ने कहा है कि दस्तावेज सच्ची "नवदीक्षा" की ओर रास्ता दिखलाता है जो वयस्कों को प्राचीन समय में दिए जानेवाले बपतिस्मा पर आधारित है ताकि उन्हें विश्वास की चट्टान पर वैवाहिक संबंध स्थापित करने में मदद दिया जा सके।  

कई जोड़े विवाह के पूर्व किसी तरह तैयारी करते हैं और इस तरह वे अपने विवाह को एक कमजोर नींव पर स्थापित करने का जोखिम उठाते हैं "जो कुछ ही समय में टूट कर गिर जाता और संकटों के पहले झोंके का भी सामना नहीं कर सकता।"  

"वैवाहिक जीवन में असफलता अपने साथ बड़ा दुःख लाता एवं लोगों में गहरा घाव छोड़ता है। वे भ्रमित, कड़वे और सबसे दुखद मामलों में प्रेम की बुलाहट में कभी विश्वास नहीं करने की स्थिति तक पहुँच जाते हैं जबकि स्वयं ईश्वर ने उसे मनुष्यों के हृदयों में डाला है।

माता कलीसिया दम्पतियों का साथ देती है

संत पापा ने कहा कि कलीसिया को उन दम्पतियों का साथ देना चाहिए जो न्याय की चाह से प्रेरित होकर कलीसिया में विवाह करना चाहते हैं।

जिस तरह एक माँ अपने बच्चों में से किसी को अधिक प्यार नहीं करती, उसी तरह कलीसिया अपने बच्चों के साथ भेदभाव की भावना नहीं रख सकती। अतः कलीसिया को विवाह की तैयारी कर रहे दम्पतियों के लिए उचित समय और उर्जा देना चाहिए जैसा कि वह उन व्यक्तियों से करती है जो पुरोहित बनना अथवा धर्मसमाजी जीवन अपनाना चाहते हैं।

विवाहित दम्पति सचमुच जीवन के रक्षक हैं, न केवल इसलिए कि वे बच्चों को जन्म देते, उनका पालन पोषण करते और उन्हें बड़ा करते हैं बल्कि इसलिए भी कि वे परिवारों में बुजुर्गों की देखभाल करें और अपने सम्पर्क में आनेवाले विकलांग तथा गरीब लोगों की भी सेवा कर सकें।

रास्ते पर एक साथ चलना

तब संत पापा ने स्थानीय कलीसियाओं में "भावी दम्पतियों के लिए सच्चे नवदीक्षार्थी केंद्र" स्थापित करने की अपनी इच्छा दोहरायी, जिसमें संस्कार (विवाह) के सभी रास्ते शामिल हैं ˸ विवाह की तैयारी का समय, विवाह उत्सव और उसके बाद के वर्ष।"

संतं पापा ने कहा कि लक्ष्य हैं जीवन की यात्रा में दम्पतियों के साथ एक रास्ते पर चलना, शादी के बाद भी विशेषकर, संकट या निरासा की घड़ी हैं।

उपहार और जिम्मेदारी

दस्तावेज एक उपहार और एक जिम्मेदारी दोनों है क्योंकि यह प्रचुर मात्रा में सामग्री प्रदान करता है जबकि स्थानीय कलीसियाओं को सांस्कृतिक संवेदनाओं के आधार पर ठोस कार्यक्रमों में अपने दिशानिर्देशों को अनुकूलित करने की आवश्यकता है।

संत पापा ने कहा, "मैं कलीसिया के चरवाहों एवं उनकी मदद करनेवालों से विनयशीलता, उत्साह और रचनात्मकता की अपील करता हूँ, परिवारों के प्रशिक्षण, घोषणा और साथ देने के महत्वपूर्ण और अपरिहार्य कार्य को प्रभावशाली बनाने हेतु, जिसकी मांग पवित्र आत्मा हमसे इस समय कर रहा है।"    

संत पापा ने अपनी प्रस्तावना के अंत में कलीसिया के चरवाहों से अपील की है कि वे इस नई जिम्मेदारी के सामने साहसी बनें।  

उन्होंने कहा, "आइये हम भावी परिवारों की सेवा में अपना मन और दिल लगायें। मैं आश्वासन देता हूँ कि प्रभु हमें पुष्ट करेंगे, हमें प्रज्ञा तथा शक्ति प्रदान करेंगे, हमारे उत्साह को बढ़ा देंगे और सबसे बढ़कर, सुसमाचार प्रचार की 'आनन्दमय और सुकून देनेवाली खुशी को' जब हम नई पीढ़ियों के लिए परिवार के सुसमाचार की घोषणा कर रहे हैं।"

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16 June 2022, 16:29