बुलाहटीय जीवन
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 5 मई 2022 (रेई) ˸ अधिकांश लोग बुलाहटीय जीवन का अर्थ समर्पित जीवन समझते हैं, जिसमें पुरोहितों, धर्मसमाजियों और धर्मबंधुओं की गिनती की जाती है।
संत पापा फ्राँसिस ने बुलाहटीय जीवन पर प्रकाश डालते हुए इसका विस्तृत अर्थ बतलाया।
उन्होंने 5 मई को ट्वीट पर लिखा, "बुलाहटों के लिए 59वें विश्व प्रार्थना दिवस पर, मैं बुलाहट के विस्तृत अर्थ पर चिंतन करना चाहूँगा, सिनॉडल कलीसिया की पृष्टभूमि पर जो ईश्वर को सुनती एवं दुनिया को सुनती है।"
अपने दूसरे ट्वीट संदेश में उन्होंने लिखा, "हमें उस मानसिकता से सावधान रहना चाहिए जो पुरोहितों को लोकधर्मियों से अलग करता है, पुरोहितों को नायक मानता एवं लोकधर्मियों को निष्पादकों के रूप में देखता है तथा ख्रीस्तीय मिशन को एक ईश प्रजा के रूप में आगे बढ़ाता है। पूरी कलीसिया एक सुसमाचारी समुदाय है।"
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