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सिस्टर तोस्का फेर्रांते सिस्टर तोस्का फेर्रांते  

मुक्ति की भरी हुई बंदुक ˸ पुलिस से अपोस्तोलाईन कॉन्वेंट तक

"सिस्टर्स प्रोजेक्ट" (धर्मबहनों की परियोजना) के हिस्से के रूप में इताली धर्मबहन सिस्टर तोस्का फेर्रांते की कहानी प्रस्तुत की गई है जो एक युवती के रूप में एक नर्स या स्कूल टीचर बनना चाहती थी किन्तु बाद में एक पुलिस कर्मी बन गई। अब वे महसूस करती हैं कि समर्पित जीवन में अपना जीवन समर्पित करने के द्वारा ही वे पड़ोसियों की जरूरतों में अपनी सभी बुलाहटों का उत्तर दे सकती हैं।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

सन् 1989 में सिस्टर तोस्का फेर्रांते एक इताली पुलिसकर्मी के रूप में थीं, जिन्होंने पाँच सालों तक इताली पुलिसकर्मी के रूप में सेवा दी।  

अपने जीवन के खास समय के बारे बतलाते हुए सिस्टर तोस्का कहती हैं, "उन सालों में, खुशी के बावजूद, मैंने भविष्य के लिए कुछ बेचैनी महसूस की और मैं सोचती रही कि जीवन का अर्थ क्या है और ईश्वर किस तरह इसे मुझे बांटना चाहते हैं?"    

बुराई के कारण दर्द

कुछ दशकों पहले, राज्य ऐतिहासिक पुलिस के लिए एक दूसरा आदर्शवाक्य जोड़ा गया, "हमेशा वहाँ रहो"।

इस अभिव्यक्ति की आंतरिक निकटता में, तोस्का फेरांते ने एक पुलिस अधिकारी के रूप में अपनी भूमिका को पूरी तरह से अलग तरीके से जीना शुरू किया। "मैंने कई गरीबों के चेहरे देखे ˸ अपराधी, नशा करनेवाले, युवा महिलाएँ जो वेश्यावृत्ति की शिकार थीं, निवास परमिट की प्रतीक्षा कर रहे विदेशी जो अक्सर नकली बिचौलियों की योजनाओं का शिकार होते थे – बहुत अधिक गरीबी, अत्यधिक खालीपन एवं बहुत ज्यादा बुराई।"

कहानियाँ जो हमें विचलित कर सकती हैं, झकझोर सकती हैं। ये ऐसी कहानियाँ हैं जो उदासीनता के लिए कोई जगह नहीं छोड़ती। फिर एक दिन आया, आखरी मोढ़ का।

"एक दिन मैं रोम के तोर पिन्यातारा की सीमा पर थी। मुझे वहाँ तैनात किया गया था और मुझे एक नाबालिक के लिए आदेश का इंतजार करना था जिसने चोरी की थी। हम एक ही कमरे में थे और मैं उसके चोरी करने के कारणों पर बातें करने लगी (यह पहली बार था जब उसने चोरी की थी।) मैं उस समय को अच्छी तरह याद करती हूँ। वह रोने और कहने लगा उसपर दाग लग चुका है। वह बे अंत रो रहा था और भयभीत था। मैंने उसे सुना, उसे रूमाल दिया। वह बहुत बेचारा लग रहा था। रोते हुए उसने कहा, मुझपर कलंक लग चुका है क्या आप मेरा आलिंगन कर सकते हैं? मैंने कहा नहीं, मैं नहीं कर सकती। मैं ट्यूटी पर थी। पर गहराई में उसने मुझसे क्या मांगा? एक आलिंगन, एक भाव जो दुनिया के साथ मेल करने का पहला तरीका है। एक नवजात शिशु को उसकी माता की गोद में रखा जाता है। यह उसके लिए उष्मा, लगातार प्रेम, कोमलता एवं सुरक्षा की प्राप्ति है। किन्तु मैंने "नहीं" कहा। जब मैं घर गई मैंने दर्पण के सामने अपने आपसे पूछा, "तुम क्या बन रही हो?"   

येसु से मुलाकात

यह पुनर्जीवित प्रभु के साथ उनकी मुलाकात की शुरूआत थी। यह तोस्का की दमिश्क यात्रा थी, आत्मपरख की घड़ी जिसने उसकी चेतना को अपरिवर्तनीय उत्तर दिया।     

"मैंने महसूस किया कि मुझे प्रेम के लिए जोखिम उठाना चाहिए!" उसके कुछ सालों बाद उसने अपोस्तोलाईन धर्मबहनों (बुलाहट के लिए प्रेरितों की रानी) के धर्मसंघ में प्रवेश किया, जहाँ वे उन गरीबों की मदद कर रही हैं जिनसे उन्होंने एक बंदुकधारी के रूप में मुलाकात की थी।"   

"एक पुलिसकर्मी से एक धर्मबहन बनना मेरे लिए बहुत असाधारण बात नहीं थी। यह स्वाभाविक था। मैंने जिनके साथ पहले मुलाकात की थी उन्होंने मुझे समझने में मदद दी कि ईश्वर मुझसे क्या चाहते हैं।"

दूसरों की चिंता करने की चाह

यह उनके जीवन का एक बड़ा बदलाव था, फिर भी सिस्टर तोस्का उनके पदचिन्हों को अब भी देख सकती है जिन्होंने उनका मार्गदर्शन किया ˸ "वास्तव में, आज, कई सालों के बाद भी मैं उस धागे को देख सकती हूँ जिसने मेरे जीवन को एक साथ बांधा है ˸ यह दूसरों की सेवा है उनके लिए अपने जीवन को अर्पित करते हुए।"

एक छोटी लड़की के रूप में सिस्टर तोस्का ने नर्स अथवा शिक्षिका बनने का सपना देखा था। एक वयस्क के रूप में उसने पुलिस कर्मी बनने का सपना देखा। और अब उसने महसूस किया है कि समर्पित जीवन में ये सभी बुलाहट एक साथ हैं, जिनको वे अपने आसपास के लोगों की आवश्यकताओं के लिए अपना जीवन अर्पित कर पूरा कर सकती हैं।

आज वे बुलाहट एवं युवा प्रेरितिक कार्य में संलग्न हैं साथ ही साथ, तोस्काना में नाबालिगों एवं दुर्बल वयस्कों की प्रांतीय सेवा का संचालन कर रही हैं।  

दूसरे युवाओं के लिए भी यह कहानी

इस धर्मबहन की अनुठी कहानी आधुनिक समय की युवातियों को एक प्रभावशाली संदेश देता है जो दिशाहीन हैं और जिनका कोई लक्ष्य नहीं है। उन लोगों के लिए जो बुलाहट शब्द से ही घबराते हैं।

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31 May 2022, 16:52