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श्रीलंका में अशांति श्रीलंका में अशांति 

संत पापा ने सामाजिक अशांति के बीच श्रीलंका के लोगों को अहिंसा का आह्वान किया

संत पापा फ्राँसिस ने श्रीलंका के लोगों से शांतिपूर्ण तरीके से अपनी आवाज सुनाने और राजनीतिक नेताओं से उनकी मांगों पर ध्यान देने की अपील की, क्योंकि विरोध हिंसक रूप से कई लोगों की जानें ले रहा है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार 11 मई 2022 (वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस ने संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में बुधवारीय आम दर्शन समारोह के दौरान श्रीलंका की सामाजिक अशांति स्थिति पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए सभी धार्मिक नेताओं से सभी पक्षों से शांतिपूर्ण माहौल बनाने का प्रयास करने हेतु प्रोत्साहित किया।

संत पापा ने कहा, “मैं श्रीलंका के लोगों विशेष रूप से युवाओं को याद करता हूं, जिन्होंने हाल के दिनों में देश की सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों और समस्याओं के सामने अपनी आवाज बुलंद की है। मैं उन धार्मिक अधिकारियों के साथ शामिल होता हूं जो हिंसा में शामिल हुए बिना सभी पक्षों को शांतिपूर्ण रवैया बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। मैं उन सभी लोगों से अपील करता हूं, जिन पर मानवाधिकारों और नागरिक स्वतंत्रता के लिए पूर्ण सम्मान की गारंटी देते हुए लोगों की आकांक्षाओं को सुनने की जिम्मेदारी है।”

राजनीतिक उबाल-बिंदु

श्रीलंका में कई महीनों से चल रहा आर्थिक संकट सोमवार को उबल पड़ा।

राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री के रूप में कार्य करने वाले राजपक्षे भाइयों के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शनकारी बड़े पैमाने पर शांतिपूर्ण तरीके से शासक वर्ग के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।

श्रीलंका में आर्थिक संकट की वजह से सरकार पर जनता का दबाव बढ़ रहा है। श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने सोमवार 9 मई को इस्तीफ़ा दे दिया लेकिन इसके बावजूद दिन भर अराजकता का माहौल बना रहा। भीड़ ने महिंदा राजपक्षे के घर को घेरा और जला दिया। इसके बाद पूरे देश में कर्फ़्यू लगा दिया गया है। सेना को क़ानून तोड़ने वालों को देखते ही गोली मारने के आदेश दे दिए गए हैं।

श्रीलंका में कर्फ़्यू के बावजूद विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है। सोमवार से अब तक सात लोगों की मौत हो चुकी है और 200 लोग घायल हो चुके हैं। प्रशासन ने हिंसा पर काबू पाने के लिए कर्फ़्यू बुधवार तक बढ़ा दिया है। मंगलवार को राजधानी की सड़कें सूनी थी लेकिन बीती रात हुई हिंसा की निशानी हर जगह महसूस की जा सकती है।

आर्थिक आपदा

कोविड -19 महामारी के प्रकोप ने अपनी पर्यटन-निर्भर अर्थव्यवस्था पर ब्रेक लगाने के बाद से श्रीलंका की अर्थव्यवस्था गंभीर तनाव में है। देश ने विदेशी मुद्रा के अपने भंडार को केवल 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक कम कर दिया है, जिससे वह आयात के लिए भुगतान करने में असमर्थ हो गया है।

श्रीलंका की आबादी लगभग 22 मिलियन है।  लोग भोजन, दवा, ईंधन और अन्य आवश्यक सामानों की भारी कमी का सामना कर रहे हैं, जिनमें से कई विदेशों से आयात किए जाते हैं। शहरवासियों को एक दिन में 13 घंटे तक बिना बिजली के रहना पड़ रहा है। प्रदर्शनकारियों के आक्रोश ने राजपक्षे परिवार को उनकी आर्थिक तंगी के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

सरकार ने राहत पैकेज के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ-साथ भारत और चीन का रुख किया है।

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11 May 2022, 15:42