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इटली के नागरिक सुरक्षा सेवा के स्वयंसेवकों से मुलाकात करते संत पापा फ्रांँसिस इटली के नागरिक सुरक्षा सेवा के स्वयंसेवकों से मुलाकात करते संत पापा फ्रांँसिस  (ANSA)

पोप ˸ हर युद्ध यूएन के सिद्धांत के खिलाफ जाता है

संत पापा फ्राँसिस ने इताली नागरिक सुरक्षा विभाग के स्वयंसेवकों से मुलाकात की तथा युद्ध के विनाश के लिए खेद प्रकट करते हुए कहा कि यह मानव सुरक्षा के संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांत के साथ विश्वासघात है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार, 24 मई 2022 (रेई)˸ संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार को राष्ट्रीय आपातकाल व्यवस्था एजेंसी, इताली नागरिक सुरक्षा सेवा के स्वयंसेवकों से मुलाकात की तथा कोविड-19 महामारी एवं इन दिनों यूक्रेन में युद्ध के कारण भाग रहे शरणार्थियों की चुपचाप सेवा के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि "अच्छाई चिल्लाती नहीं बल्कि विश्व का निर्माण करती है।"

इताली नागरिक सुरक्षा सेवा की स्थापना 1992 में हुई थी ताकि देश के हर क्षेत्र में  मानव संसाधनों एवं माध्यमों को उपस्थिति किया जा सके। साथ ही संचालन, संगठन और निर्णय लेने की क्षमता प्राप्त की जा सके जिससे कि प्राकृतिक और मानवीय आपदाओं के मामले में समय पर और प्रभावी तरीके से हस्तक्षेप किया जा सके। इसकी शुरूआत 70 के दशक के मध्य में उतरी इटली के फ्रिउली वेनेत्सिया जुलिया प्रांत में भयंकर भूकम्प के समय हुई थी।

महामारी के समय मदद

400 स्वयंसेवकों को सम्बोधित करते हुए संत पापा ने कमजोर परिवारों, बुजूर्गों, गरीबों और सबसे कमजोर लोगों के लिए नागरिक सुरक्षा द्वारा महामारी के समय किये गये भले कार्यों की याद की। उन्होंने इटली में यूक्रेन के शरणार्थियों की मदद करने के लिए भी उनकी सराहना की, खासकर, महिलाओं एवं बच्चों की।  

संत पापा ने गौर किया कि यह सेवा हमें भले समारितानी की याद दिलाती है और यह सच्चे भ्रातृत्व का एक ठोस चिन्ह है। उन्होंने कहा, "रक्षा करने" की क्रिया हमारे भाई-बहनों की सेवा, सुरक्षा एवं जीवन की रक्षा करने को दर्शाता है।  

सुरक्षा के तीन कार्य ˸ एकात्मता

संत पापा ने सुरक्षा के विचारों से संबंधित तीन आयामों की ओर ध्यान खींचा।

उन्होंने कहा, "पहली सुरक्षा हमें चाहिए, वह है सामाजिक एकाकी से। इस संबंध में महामारी ने दिखलाया है कि हम किस तरह एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं अतः कोई भी अकेला नहीं बच सकता। हाल के दिनों में उत्पन्न अन्य संकटों के साथ भी यही बात सामने आयी, जिनमें, युद्ध से भाग रहे शरणार्थी और जलवायु परिवर्तन शामिल हैं।"

रक्षा करने की मानवीय शक्ति का पराजय है युद्ध

यूक्रेन में जारी युद्ध के संदर्भ में संत पापा ने कहा कि "हरेक युद्ध रक्षा करने की मानवीय शक्ति का पराजय है तथा संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबद्धता के साथ विश्वासघात"।

आज यूक्रेन में जो हो रहा है, हम कहना चाहते हैं ˸ "फिर कभी ऐसा न हो और हम शांति हेतु लोगों के शुद्ध अधिकार की रक्षा कर सकें।"

प्रकृति कभी माफ नहीं करती

दूसरे प्रकार की सुरक्षा जिसको बढ़ावा दिया जाना है वह है पर्यावरण आपदा के खिलाफ। इस बात पर गौर करते हुए कि प्रकृति कभी माफ नहीं करती जिसको हम जलवायु परिवर्तन के प्रभाव में देख रहे हैं, संत पापा ने पृथ्वी की पुकार को सुनने की अति आवश्कता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "हम इसकी रक्षा करने के लिए बुलाये गये हैं न कि लूटने के लिए।"

रोक-थाम

सुरक्षा का तीसरा कार्य है रोक-थाम, जिसके लिए स्थानीय प्रशासकों को एक साथ आना है। इस संदर्भ में संत पापा ने अंतःकरण के विकास पर प्रकाश डाला, ताकि सार्वजनिक चीजों को न छोड़ दिया जाएँ अथवा केवल कुछ लोगों के लाभ के लिए उनका प्रयोग न किया जाएँ।  

उन्होंने कहा कि सुन्दरता की शिक्षा देना, परम्परा, संस्कृति और सामाजिक अनुभवों की रक्षा करना महत्वपूर्ण है। ऐसा करते हुए आप आशा के निर्माता बनते हैं एक ऐसा सदगुण है जो व्यक्तिगत सुविधा, क्षुद्र प्रतिभूतियोँ और क्षतिपूर्ति जो हमारे क्षितिज को सीमित करती है, उनसे परे देखता और हमें महान आदर्शों के लिए खोल देता है जो जीवन को और अधिक सुंदर एवं सार्थक बनाते हैं।"  

रक्षा करने का अर्थ है देखभाल करना

संत पापा ने कहा, "रक्षा करने का अर्थ है देखभाल करना। हम इसे कोमलता से कर पायेंग यदि हम पिता ईश्वर द्वारा हमारी देखभाल करने को स्वीकार करेंगे।"

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24 May 2022, 16:23