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राजदूतों से मुलाकात करते संत पापा फ्रांँसिस राजदूतों से मुलाकात करते संत पापा फ्रांँसिस  (ANSA)

राजदूतों से पोप ˸ भाईचारापूर्ण विश्व के लिए आशा न खोयें

संत पापा फ्राँसिस ने परमधर्मपीठ के लिए पाकिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात, बुरूंडी और कतार के नये नोन रेसिडेशियल राजदूतों का वाटिकन में स्वागत किया तथा राष्ट्रों के प्रतिनिधियों से अपील की कि वे एक ऐसे विश्व की उम्मीद न खोयें जो मानवीय भाईचारा एवं शांति से भरा हो।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 19 मई 2022 (रेई) ˸ बृहस्पतिवार को वाटिकन के लिए नोन रेसिडेशियल राजदूतों का स्वागत करते हुए संत पापा ने गौर किया कि वे अपना मिशन इतिहास के "एक खास चुनौतीपूर्ण समय में" शुरू कर रहे हैं।

नये राजदूत बुरूंडी, संयुक्त अरब अमीरात, पाकिस्तान और कतार का प्रतिनिधित्व करते हैं।

संत पापा ने कहा कि यद्यपि विश्व महामारी के दृष्टिकोण से अपने सामान्य स्थिति में लौटना शुरू कर रहा है, युद्ध का घोर अंधेरा बादल पूर्वी यूरोप पर छा गया है, जो प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से पूरे विश्व को प्रभावित कर रहा है।

मानवता में बेहतरी लाना

संत पापा ने कहा, फिर भी, "इस पैमाने की यह त्रासदी भी मानवता में बेहतर को सामने ला सकती है," जैसा कि हमने महामारी के जवाब में देखा।

जिस तरह आधुनिक तकनीकी युद्ध के खौफ को दिखा सकती है, यह एकात्मता और भाईचारा को भी प्रेरित कर सकती है। उन्होंने मानवीय सहायता प्रदान करने और "खर्च का हिसाब किए बिना संघर्ष से भाग रहे शरणार्थियों" का स्वागत करने के प्रयासों पर प्रकाश डाला।

सभी की देखभाल

साथ ही, संत पापा ने विश्वभर में विभिन्न स्थलों पर कई संघर्षों की याद की, जो समाचार पत्रों का ध्यान बहुत कम अथवा नहीं के बराबर खींच पा रहे हैं।

उन्होंने मानवीय सहयोग एवं भाईचारा की भावना पर जोर दिया, जिसे भौगोलिक स्थिति या अपने स्वार्थ पर आधारित नहीं होना चाहिए। उन्होंने न केवल युद्ध और हिंसक संघर्ष के खिलाफ अपील की बल्कि मानव परिवार में कष्ट देनेवाले अन्याय की अन्य स्थितियों पर भी ध्यान देने का आग्रह किया, खासकर, जलवायु परिवर्तन, गरीबी और भूखमरी।  

अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका

संत पापा ने कहा कि परमधर्मपीठ इन समस्याओं का समाधान पाने हेतु लगातार प्रयास कर रहा है, इस विश्वास के साथ कि समस्याएँ जो पूरे मानव परिवार को प्रभावित करती हैं, उनके हल हेतु अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रत्येक व्यक्ति द्वारा अपनी भूमिका अदा करते हुए एकजुट जवाब की मांग करती हैं।  

इस संदर्भ में राजदूतों की भूमिका पर गौर करते हुए पोप ने कहा कि उनकी जिम्मेदारी, "किसी भी तरह से एक आसान सेवा नहीं है।"

संत पापा ने उन्हें प्रोत्साहन दिया कि वे एक ऐसे विश्व के निर्माण में कभी आशा न खोयें जहाँ भाईचारा और समझदारी की भावना प्रबल हो तथा असहमतियों को शांतिपूर्ण तरीकों से सुलझाया जा सके।"

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19 May 2022, 16:35