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संत मर्था दल के साथ मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस संत मर्था दल के साथ मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस  (Vatican Media)

मानव तस्करी के खिलाफ संघर्ष हेतु पोप ने की संत मर्था दल की सराहना

संत पापा फ्रांसिस ने संत मर्था दल के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के 100 प्रतिभागियों से वाटिकन में मुलाकात की तथा मानव तस्करी एवं आधुनिक युग की दासता के विभिन्न रूपों को दूर करने के उनके प्रयासों के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।

उषा मनोरमा तिरकी -वाटिकन सिटी

वाटिकन सटी, बृहस्पतिवार, 19 मई 2022 (रेई)˸ संत मर्था दल, कानून प्रवर्तन, सरकार और नागरिक एवं धार्मिक संगठनों को मानव तस्करी और दासता के आधुनिक रूपों को रोकने तथा उनका मुकाबला करने के कार्य में अपने अनुभव और अच्छे कार्यों को साझा करने के लिए एक साथ लाता है।

2014 में स्थापना

वेस्टमिनिस्टर के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल भिंसेन्ट निकोल्स द्वारा संचालित दल की स्थापना 2014 में हुई है, ताकि काथलिक कलीसिया और दुनिया भर में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच, मानव तस्करी के खिलाफ संघर्ष में सहयोग दिया जा सके। जब यह गंभीर संकट बढ़ रहा है और कमजोर लोग अपराधी संगठनों के शिकार अधिक संख्या में हो रहे हैं।  

इसका नाम पोप के आवास के नाम पर रखा गया है जहाँ अप्रैल 2014 में सम्मेलन के प्रतिभागी ठहरे थे और इसके परिणामस्वरूप रोकथाम, प्रेरितिक देखभाल और पुन: एकीकरण में रणनीति विकसित हेतु अंतर्राष्ट्रीय मंच पर एक साथ काम करने के लिए उपस्थित सभी पुलिस प्रमुखों द्वारा एक हस्ताक्षरित 'प्रतिबद्धता की घोषणा' हुई थी।

उस आयोजन के बाद, पुलिस प्रमुख, नागरिक समाज के नेता, धर्माध्यक्ष और धर्मबहनें अपने अनुभवों एवं अच्छे अनुभवों को बांटने के लिए नियमित रूप से एकत्रित होते हैं। वे अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर पर, मानव तस्करी के खिलाफ अपने सहयोग को मजबूत करना चाहते हैं, जिसको संत पापा फ्राँसिस ने "मानवता के खिलाफ अपराध" और ख्रीस्त के शरीर पर एक घाव की संज्ञा दी है।

नये कार्य योजना की प्रस्तुति

इस सप्ताह में आयोजित सभा कोविड-19 महामारी के बाद पहली बार है जब इसे व्यक्तियों की उपस्थिति में सम्पन्न की गई है।  

महामारी के कारण विश्वभर की खराब स्थिति एवं विश्व के कई क्षेत्र, खासकर, यूक्रेन में संघर्ष और अस्थिरता के आलोक में, चर्चा का केंद्रबिन्दु था, गतिविधियों पर फिर से ध्यान कैसे केंद्रित किया जाए और इसे कैसे सक्रिय किया जाए।

इसका उद्देश्य था, स्थानीय एवं प्रांतीय क्रिया-कलापों को मदद देने हेतु नया कार्य योजना बनाना, जिसको सम्मेलन के अंत में बृहस्पतिवार को संत पापा फ्राँसिस को प्रस्तुत किया गया।

आधुनिक रूपों में गुलामी फैलना जारी

संत पापा ने बृहस्पतिवार को प्रतिभागियों से मुलाकात करते हुए उनके कार्यों के लिए धन्यवाद दिया जब उन्होंने वाटिकन के कसिनो पियो चौथे में परमधर्मपीठीय सामाजिक विज्ञान अकादमी में मानव तस्करी पर तीन दिवसीय सभा का समापन किया। संत पापा ने कहा, "आधुनिक युग की दासता अभी भी बढ़ रही है यहाँ तक कि विश्व के विकसित क्षेत्रों में भी।"

व्यक्ति पर ध्यान केंद्रित करना

उन्होंने आशा जतायी कि मानव तस्करी के खिलाफ लड़ाई में कई व्यापक वास्तविकताओं को ध्यान में रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रौद्योगिकी और सोशल मीडिया के जिम्मेदार उपयोग के साथ-साथ हमारे राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक जीवन की एक नई नैतिक दृष्टि की आवश्यकता है, जो लाभ पर नहीं बल्कि व्यक्तियों पर केंद्रित हो।  

पीड़ितों की मदद

संत पापा ने अपने सम्बोधन का समापन "पीड़ितों को मदद करने, साथ देने एवं उनके पुनःएकीकरण और उन्हें चंगाई की प्रक्रिया एवं आत्म सम्मान की खोज करने में सहयोग देने पर जोर देते हुए किया।"

उन्होंने कहा, "हालांकि यह कार्य वास्तव में कठिन है, मैं आपको प्रत्येक व्यक्ति की ईश्वर प्रदत्त गरिमा को बनाए रखने और उन लोगों के मौलिक मानवाधिकारों की रक्षा करने के अपने प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करता हूँ जिन्हें अक्सर भुला दिया जाता है और जिनकी कोई आवाज नहीं है।"

संत पापा ने कहा, "कलीसिया भाईचारे की हर अभिव्यक्ति के लिए आभारी है और उन सभी लोगों की देखभाल करती है जो गुलाम और शोषित हैं, क्योंकि इस तरह, ईश्वर की प्रेमपूर्ण दया प्रकट होती और समाज का ताना-बाना मजबूत एवं नवीनीकृत होता है।"

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19 May 2022, 16:44