खोज

इताली साप्ताहिक पत्रिका "फमिलिया क्रिस्तियाना" के 1,000 पाठकों  एवं स्टाफ से मुलााकत करते संत पापा फ्रांँसिस इताली साप्ताहिक पत्रिका "फमिलिया क्रिस्तियाना" के 1,000 पाठकों एवं स्टाफ से मुलााकत करते संत पापा फ्रांँसिस  (Vatican Media)

संत पापा ने "फमिलिया क्रिस्तियाना" के पाठकों से मुलाकात की

संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार 21 मई को वाटिकन के पौल षष्ठम सभागार में इताली साप्ताहिक पत्रिका "फमिलिया क्रिस्तियाना" के 1,000 पाठकों एवं स्टाफ से मुलाकात की तथा उन्हें संस्थापक धन्य फादर जेम्स अल्बेरियोने के पद्चिन्हों पर चलने का प्रोत्साहन दिया जिन्होंने अपने पुरोहितों से कहा था, "अच्छे विचारों को बोयें ताकि वे अच्छे फल ला सकें।"

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार, 21 मई 2022 (रेई)˸ इटली के अलबा में प्रकाशित साप्ताहिक पत्रिका "फमिलिया ख्रीस्तीयाना" इटली की एक लोकप्रिय पत्रिका है जो अब 90 साल की यात्रा तय कर चुकी है। संत पापा ने इसकी तुलना एक अच्छी दादी से की, जिसने इन वर्षों में बहुत कुछ सीखा और साक्ष्य दिया है।

धन्य जेम्स अल्बेरियोने की भूमिका

पत्रिका की शुरूआत धन्य डॉन जेम्स अल्बेरियोने की प्रेरितिक भावना से हुई है जिन्होंने एक ऐसी पत्रिका की कल्पना की थी जो परिवारों में वास्तविकता, वर्तमान परिस्थितियों, कलीसिया एवं विश्व की बड़ी घटनाओं का ख्रीस्तीय दृष्टिकोण प्रस्तुत करे। इस योजना में उन्होंने पूरे पौलाईन परिवार को शामिल किया।   

अच्छे विचार से अच्छा कार्य

संत पापा ने याद किया कि धन्य फादर अल्बेरियोने ने 1915 में युवा पुरोहितों से कहा था कि वे "अच्छे विचारों को बोयें ताकि अच्छा काम कर पायें: यही वह काम है जो मायने रखता है, धार्मिक विचार, सामाजिक विचार, आर्थिक विचार, सदगुणों के विचार, स्वच्छता के विचार आदि। जब हम जानते हैं कि एक विचार भला कर सकता है, तब एक समाचार पत्र रूचिकर हो सकता है, तब उन्हें बतलाना लाभदायक होता है। यह एक ईश्वर प्रदत्त वरदान है हम इसे फलप्रद बनायें।"

संत पापा ने आज की संस्कृति और संचार के नए व्याकरण में उपस्थित होने एवं सक्रिय रहने तथा ईश्वर के सभी लोगों की सेवा करने के लिए प्रोत्साहित किया, विशेष रूप से, उन लोगों के लिए जो जीवन की परिधि में रह रहे हैं। आज दो विषयवस्तु काफी प्रासंगिक हैं, भाईचारा एवं समग्र पारिस्थितिकी, जबकि उनसे संलग्न होने की पद्धति एक है ˸ संबंधों को मजबूत करने के लिए वार्ता एवं सुनना।  

सच्ची वार्ता के लिए अपने आपसे बाहर निकलने की मांग

वार्ता की आवश्यकता पर ध्यान देते हुए संत पापा ने रेखांकित किया कि इसका अर्थ है साधारण सम्पर्क रखने या मेसेज आदान-प्रदान से आगे जाना। सच्चा संचार गहराई में जाना है जो चीजों को देखने के तरीके या पक्षपात को बदलने की मांग करता है, "बदलते युग के इस अपरिहार्य" समय में विस्तृत क्षितिज की ओर देखने के लिए प्रेरित करता है। संत पापा ने कहा कि संचारकों को एक "बाहरी यात्रा" करने की आवश्यकता है, और इसके लिए बदलते दृष्टिकोण और सोचने के तरीकों की आवश्यकता हो सकती है।

हमेशा सुसमाचार की ओर लौटना

संत पापा ने सदस्यों से कहा कि हरेक व्यक्ति को सुसमाचार की ओर लौटना चाहिए और इसकी निरंतर नवीनता, संदेश एवं मिशन से शक्ति प्राप्त करना चाहिए। यह हमें सुसमाचार की घोषणा में दृढ़तापूर्वक आगे बढ़ने का साहस देगा, और उन तरीकों से पीछे जाने के प्रलोभन को दूर करने में मदद करेगा जो आज हमारे विकास को अवरुद्ध कर सकते हैं।

संत पापा ने इब्रानियों के नाम पत्र की याद करते हुए कहा, "हम उन लोगों में से नहीं हैं जो हटने के कारण नष्ट हो जाते हैं बल्कि हम उन लोगों में से हैं जो विश्वास द्वारा जीवन प्राप्त करते हैं।" (इब्रा. 10:39) उन्होंने कहा कि हम सुसमाचार की शक्ति एवं समुदाय का निर्माण करनेवाले अभिव्यक्तिशील शक्ति द्वारा आगे बढ़ते हैं। इस गरीब और अभिमानी दुनिया को येसु ख्रीस्त से बढ़कर कोई दूसरी बड़ी सम्पति नहीं दी जा सकती है। धन्य फादर जेम्स अल्बेरियोने के शब्दों की याद करते हुए संत पापा ने कहा कि दुनिया को येसु ख्रीस्त मार्ग, सत्य और जीवन की आवश्यकता है।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

21 May 2022, 15:19