खोज

फ्राँसिस के गाँव संगठन के सदस्यों को सम्बोधित करते संत पापा फ्रांँसिस फ्राँसिस के गाँव संगठन के सदस्यों को सम्बोधित करते संत पापा फ्रांँसिस  

पोप फ्राँसिस ˸ कलीसिया दुर्बलों के लिए एक स्वास्थ्य देखभाल केंद्र

संत पापा फ्राँसिस ने फ्राँसीसी सामाजिक संगठन "फ्राँसिस के गाँव" के सदस्यों को प्रोत्साहन दिया कि वे कलीसिया की मदद स्वास्थ्य देखभाल केंद्र के रूप में करते रहें और ख्रीस्त को अपने आदर्श के रूप में देखें।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार, 14 मई 2022 (रेई) ˸ संत पापा फ्रांसिस ने शनिवार 14 मई को वाटिकन के क्लेमेंटीन सभागार में "भिलाज दी फ्रांस्वा" (फ्राँसिस के गाँव) के सदस्यों से मुलाकात की।

कलीसिया एक स्वास्थ्य देखभाल केंद्र

संत पापा ने कहा, "फ्राँसिस का गाँव एक कलीसियाई स्थल है। यह एक फिल्ड अस्पताल के समान है जो उन लोगों की अधिक चिंता करता जो पीड़ित हैं तथा सुसमाचार के प्रति निष्ठावान बने रहने हेतु जोखिम उठाने के लिए भी तैयार है।"

उन्होंने कहा, "दुनिया की परिभाषा एक गाँव के रूप में, एक सार्वजनिक स्थल बन चुका है : परिवहन और संचार के साधनों और सामाजिक नेटवर्क के त्वरित विकास से पता चलता है कि हम सभी एक-दूसरे के करीब हो गए हैं। फिर भी, कई लोग तथाकथित विशेषाधिकार प्राप्त अभिजात वर्ग के द्वारा इस गाँव के किनारे छोड़ दिये गये हैं।" संत पापा ने उनसे उम्मीद जताते हुए कहा, "मेरी आशा है कि फ्राँसिस का गाँव एक सच्चे गाँव का निर्माण करने में मदद दे पायेगा, जहाँ ठोस मानवीय संबंध हो, आपसी सहयोग, जरूरतमंद लोगों का ख्याल, पीढ़ियों के लोगों का सहअस्तित्व तथा अपने आसपास की प्रकृति के प्रति सम्मान हो।"  

फ्राँसिस के गाँव का जन्म इस विश्वास के साथ हुआ था कि सभी एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और इसे पर्यावरण से जोड़कर तथा गर्भ में आने से लेकर प्राकृतिक मृत्यु तक मानव जीवन के प्रति सम्मान, प्रार्थना एवं भाईचारा और कई पीढ़ियों को एक साथ लेकर इसे ठोस रूप से अनुभव किया जा सकता है।

येसु हमारे आदर्श

संत पापा ने कहा कि सुसमाचार के अनुसार जीवन इन सभी पहलुओं के संतुलित विचार में पाया जाता है। कई बार हम वैध कारणों के लिए अधिक उत्साहित होते हैं किन्तु बड़ी तस्वीर पर नजर नहीं डाल पाते। हालांकि, मानव व्यक्ति को ही प्यार किया जाना, साथ दिया जाना एवं समृद्ध और रचनात्मक संबंधों के नेटवर्क में डाला जाना चाहिए।

संत पापा ने उन्हें याद दिलाया कि उनकी बुलाहट है अपने अनुभव को केंद्र में रखना, सरल एवं मेहनती जीवन जीना, अपने आंतरिक जीवन पर ध्यान देना और उसे विकासित करना, येसु के साथ संबंध बढ़ाना। उन्होंने कहा कि इसी से हमारे हृदय की प्यार बुझायी जा सकती है।

संत योहन के सुसमाचार में येसु कहते हैं, "मैं मार्ग, सत्य और जीवन हूँ" (यो.14,6) संत पाप ने कहा कि उन्होंने स्वयं अनुभव किया है जिसको फ्राँसिस के गाँव में अनुभव किया जाता है ˸ वे अपनी माता की गोद में और क्रूस पर दुर्बल थे, उन्होंने एक बढ़ाई के रूप में काम किया, प्रकृति और ऋतु परिवर्तन के अनुसार जीया एवं अपने पड़ोसियों को प्यार किया। संत पापा ने येसु को उनके आदर्श के रूप में प्रस्तुत करते हुए कहा कि वे उनके आदर्श हैं और वे अपनी योजनाओं एवं अपने दैनिक जीवन में उन्हीं से प्रेरित ले सकते हैं।

संत पापा ने उन्हें उनके इस आनन्दमय एवं स्वतंत्रता की यात्रा में अपनी प्रार्थना का आश्वासन दिया।  

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

14 May 2022, 14:37