खोज

2018-03-13 संत पापा फ्राँसिस और कॉप्टिक ऑर्थोडोक्स प्राधिधर्माध्यक्ष तावाद्रोस द्वितीय 2018-03-13 संत पापा फ्राँसिस और कॉप्टिक ऑर्थोडोक्स प्राधिधर्माध्यक्ष तावाद्रोस द्वितीय  

"पवित्र आत्मा हमें पहले से कहीं अधिक एकजुट करे" संत पापा

एक संदेश जो "शांति के भाईचारे का आलिंगन" है, कॉप्ट ख्रीस्तियों और काथालिकों के बीच दोस्ती के नौवें दिन संत पापा फ्राँसिस ने मिस्र के कॉप्टिक ऑर्थोडोक्स प्राधिधर्माध्यक्ष को संबोधित किया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

आइवरी कोस्ट, बुधवार 11 मई 2022 (वाटिकन न्यूज) : 10 मई, प्रतिबद्धता और दोस्ती के वादे को नवीनीकृत करने, साथ ही युद्ध और महामारी के इन दिनों में "पीड़ित मानव परिवार" पर "सांत्वना" का आह्वान करने का भी अवसर है। इस प्रकार संत पापा फ्राँसिस ने इस अवसर पर अपने "प्रिय भाई", मिस्र के कॉप्टिक ऑर्थोडोक्स प्राधिधर्माध्यक्ष तावाद्रोस द्वितीय को भेजे संदेश में, दो कलीसियाई वास्तविकताओं के बीच "मसीह में निरंतर मित्रता" को रेखांकित किया।  दो महत्वपूर्ण तिथियों को ध्यान में रखते हुए, संत पापा ने उल्लेख किया है कि अगले वर्ष वे वाटिकन में अपनी पहली बैठक की 10वीं  वर्ष मनाएंगे। साथ ही मई 1973 में संत पापा पॉल छठवें और प्राधिधर्माध्यक्ष शेनौडा तृतीय के बीच ख्रीस्तीय एकता वर्धक ऐतिहासिक लेख की 50 वीं वर्षगांठ भी होगी। ।

एक साथ पूर्ण सहभागिता की यात्रा में

संत पापा ने कहा, "आध्यात्मिक बंधन" से एकजुट होकर संत मारकुस और संत पेत्रुस की अध्यक्षता, जिसके लिए आभारी होना चाहिए। उन्होंने दोस्ती के सटीक अर्थ को रेखांकित करने के लिए कई बार संत योहन के सुसमाचार को उद्धृत किया है: मसीह कहते हैं - 'अगर आप मेरे मित्र हैं, तो आप मेरी आज्ञा का पालन करेंगे।' हम ख्रीस्तीय भाईचारे की अपनी तीर्थयात्रा को जारी रख सकते हैं' "ख्रीस्तियों के बीच एकता हासिल करने का सबसे पक्का तरीका मित्रता है, क्योंकि इसमें हम मसीह का चेहरा देखते हैं, जो हमें दास नहीं बल्कि मित्र कहते हैं और वे प्रार्थना करते हैं कि 'हम सभी एक हो जायें'।"

संत पापा फ्राँसिस अपनी निरंतर आध्यात्मिक निकटता का आश्वासन देते हुए संत अथानासियुस की मध्यस्ता में सौंपते हैं," जिसका जीवन और शिक्षण "दोनों कलीसियाओं को प्रेरित करता है, उसे पूर्ण और दृश्यमान सहभागिता की ओर मार्गदर्शन करता है" और आने वाले पेंतेकोस्त समारोह में पवित्र आत्मा का आह्वान करता है। क्योंकि "पवित्र आत्मा हमें पहले से कहीं अधिक एकजुट करता है और हमारे पीड़ित मानव परिवार पर विशेष रूप से महामारी और युद्ध के इन दिनों में सांत्वना के उपहार देता है।"

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

11 May 2022, 15:57