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यूक्रेन यूक्रेन  (AFP or licensors)

पोप ˸ कलीसिया को मानव की विध्‍वंसकता से चंगाई पाने में मदद करना

संत पापा फ्राँसिस ने परमधर्मपीठीय ग्रेगोरियन यूनिवर्सिटी के मनोवैज्ञानिक संस्थान की सेवा के 50 साल पूरा होने पर इसकी सराहना की है तथा कहा है कि कलीसिया को, मानव स्वभाव में निहित युद्ध और संघर्ष के विनाश का जवाब देने के लिए दुनिया को सक्षम प्रशिक्षकों को प्रदान करना चाहिए।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सटी, बृहस्पतिवार, 19 मई 2022 (रेई) ˸ बृहस्पतिवार को 50वीं वर्षगाँठ मनाने हेतु परमधर्मपीठीय ग्रेगोरियन यूनिवर्सिटी के मनोवैज्ञानिक संस्थान में एक सम्मेलन का आयोजन किया गया था।

संत पापा फ्राँसिस ने सम्मेलन के प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए प्रेषित अपने संदेश में, विगत वर्षों में कलीसिया को दिए गये संस्थान के योगदान पर चिंतन किया।

उन्होंने कहा, "इग्नासियुस के 'कूरा पर्सनालिस' (व्यक्तिगत देखभाल) के सिद्धांत का अनुसरण करते हुए आपने विशेषज्ञों को तैयार किया है जो आध्यात्मिकता एवं प्रेरितिक मनोविज्ञान तथा शैक्षणिक गतिविधियों को, कलीसिया के विभिन्न भौगोलिक एवं सांस्कृतिक पृष्टभूमि पर एकीकृत करने में सक्षम हैं।   

विश्वास का एक अधिक परिपक्व एवं शुद्ध जीवन

संस्थान की स्थापना 1971 में हुई थी ताकि सेमिनरी में, बुलाहट के प्रशिक्षकों एवं शिक्षकों को, व्यापक मनोवैज्ञानिक तैयारी द्वारा आध्यात्मिक दिशानिर्देश के लिए तैयार किया जा सके।  

संत पापा ने कहा कि संस्थान ने दूसरी वाटिकन महासभा द्वारा विभिन्न विषयों को एकीकृत करने के लिए शुरू की गई चुनौती को उन पुरुषों और महिलाओं की मदद करने के लिए उठाया है जो दूसरों को "विश्वास के अधिक पर्याप्त और परिपक्व जीवन" की ओर ले जाते हैं।

प्रशिक्षण हेतु विशेष मनोवैज्ञानिक संस्थान से जुड़ी 15 अन्य केंद्र हैं जो अफ्रीका, लातीनी अमरीका, अमरीका, एशिया और यूरोप में स्थित हैं।

मानव की विनाशक प्रवृति को उखाड़ फेंकना

संत पापा ने गौर किया कि बृहस्पतिवार के सम्मेलन में अधिक ध्यान अतीत के गौरव पर नहीं बल्कि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने हेतु बहुमूल्य विरासत पर दिया गया।

सम्मेलन की विषयवस्तु "आदम तुम कहाँ हो"? संत पापा ने कहा कि आज के विश्व को खास रूप से प्रभावित करता है, और हमें जगाता एवं निमंत्रण देता है कि हम गंभीरता से अंतःकरण की जाँच करें एवं अपने में बदलाव लायें।  

उन्होंने कहा, "आज दुनिया गंभीर मनोवैज्ञानिक संकट से गुजर रही है, सार्थकता का संकट, जिसका जवाब कलीसिया को उचित और प्रभावी रूप में देना है।"

उन्होंने खेद प्रकट किया कि "युद्ध की भयंकर त्रासदी फिर सामने आ रही है, जो मानव के विनाशक प्रवृति का सबसे बुरा परिणाम है, व्यक्तिगत एवं गतिशील दोनों रूपों में, जिसको पर्याप्त गंभीरता से नहीं लिया गया है, इसका विधिवत उपचार नहीं किया गया है एवं इसे जड़ से समाप्त नहीं किया गया है।"

मानव व्यक्ति को बढ़ावा देना

संत पापा ने कहा कि कलीसिया, ग्रेगोरियन के मनोवैज्ञानिक संस्थान पर बुराई को नहीं कहने हेतु विश्वासियों की मदद करने के उद्देश्य से इसकी "गुणवत्तापूर्ण सेवा" के कारण नजर डालती है ताकि उन लोगों को उठाया जा सके जिनकी प्रतिष्ठा घायल और अपमानित है।

"आपका मिशन मानव व्यक्ति और सुसमाचार की जारी प्रक्रिया को बढ़ावा देने की सेवा हैं जो वास्तविक मानव अस्तित्व में प्रभु येसु मसीह द्वारा प्राप्त मुक्ति के सर्वोच्च उपहार का अनुवाद करके किया जाता है।"

संत पापा ने अपने संदेश के अंत में संस्थान को प्रोत्साहन दिया कि वह एक ऐसी कलीसिया का निर्माण करने में सहायता दे जो आज के पुरुषों और महिलाओं के अस्तित्व की परिधि की ओर जाती है।"

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19 May 2022, 16:54