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संत पापा फ्राँसिस अतिथि की पुस्तक पर लिखते हुए संत पापा फ्राँसिस अतिथि की पुस्तक पर लिखते हुए 

पोप ने अयाजकों को परमाधिकारी बनने हेतु अधिकृत किया

बुधवार को प्रकाशित एक प्रतिलेख के साथ, संत पापा फ्राँसिस ने समर्पित जीवन एवं प्रेरितिक जीवन के लिए गठित परमधर्मपीठीय धर्मसंघ को अधिकृत किया है कि वह धर्मसंघी समुदायों में अयाजक को "परमाधिकारी" के रूप में सेवा देने की अनुमति दे सकता है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 19 मई 2022 (रेई) ˸ संत पापा फ्राँसिस ने धर्मसमाजी जीवन एवं समर्पित जीवन के लिए गठित धर्मसंघ को अधिकृत किया है कि वह कुछ मामलों में अयाजक को परमाधिकारी का कार्यभार संभालने की अनुमति दे सकता है।

संत पापा ने बुधवार को प्रकाशित एक प्रतिलेख में ऐसा किया, जो कलीसियाई कानून (सीआईसी) के अनुच्छेद 588 के पद संख्या 2 के एक वितरण की संभावना के विषय में है, जो यह निर्धारित करता है कि पुरोहितों के संस्थानों का संचालन पुरोहितों द्वारा किया जाएगा।

परमाधिकारी वे हैं जो अपने सहयोगियों के साथ, पूरी संस्था अथवा उसके कुछ हिस्से का संचालन करते हैं। सीआईसी के अनुसार, वे अपने आपको कार्यालय में पूरी तत्परता से समर्पित करने तथा सदस्यों के साथ मिलकर, ख्रीस्त में भाइयों एवं बहनों के समुदाय का निर्माण करने के लिए बुलाये गये हैं।

प्रतिलेख तीन अलग-अलग मामलों की अनुमति देता है ˸ समर्पित जीवन या प्रेरितिक जीवन के संस्थान के लिए सर्वोच्च मोडेरेटर (मध्यस्थ) अपनी समिति की सहमति से किसी अयाजक को स्थानीय समुदाय के लिए एक सुपीरियर के रूप में नामित कर सकता है; उसी तरह, सर्वोच्च मोडेरेटर, अपनी समिति की सहमति से पहल करते हुए, धर्मसंघ से एक लिखित अनुमति प्राप्त करने के बाद, एक अयाजक को परमाधिकारी नामित कर सकता है; और एक अयाजक एक सर्वोच्च मध्यस्थ के रूप में चुना जा सकता है या ऐसे मामलों के लिए प्रदान करनेवाले कानून के अनुसार, एक अयाजक एक सर्वोच्च मध्यस्थ या मेजर सुपीरियर चुना जा सकता है लेकिन ऐसे चुनाव की पुष्टि धर्मसंघ द्वारा लिखित रूप में की जानी चाहिए।

संत पापा फ्राँसिस ने धर्मसंघ के प्रतिलेख को 11 फरवरी को कार्डिनल जो ब्राज दी अविज के साथ मुलाकात में स्वीकार किया था।

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19 May 2022, 16:12