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संत पापा फ्राँसिस संत पापा फ्राँसिस  

स्वर्ग की रानी प्रार्थना में पोप ˸ हम अच्छाई के लिए उत्साह पा सकें

रविवार को स्वर्ग की रानी प्रार्थना के पूर्व संत पापा फ्राँसिस ने विश्वासियों को "खाली जाल" से परे जाने के लिए प्रेरित किया, जिसको हम अपने जीवन में पाते हैं तथा कहा कि हम साहस के साथ प्रभु की ओर देखें जो हमारे जाल को प्रेम और सांत्वना से भर देंगे और हममें भला काम करने की इच्छा को पुनः जागृत करेंगे।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, रविवार, 1 मई 2022 (रेई) ˸ वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में पास्का के तीसरे रविवार, 1 मई को संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ स्वर्ग की रानी प्रार्थना का पाठ किया, जिसके पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात।

आज की धर्मविधि का सुसमाचार पाठ (यो. 21, 1-19) शिष्य को पुनर्जीवित येसु के तीसरी बार दर्शन देने की घटना का वर्णन करता है। यह एक मुलाकात है जो गलीलिया झील के पास घटित होती है, और सबसे बढ़कर इसमें सिमोन पेत्रुस हैं। यह उनके द्वारा दूसरे शिष्यों को यह कहते हुए शुरू होती है, "मैं मछली मारने जा रहा हूँ।" (3) उनके लिए यह कोई नई बात नहीं थी क्योंकि वे सभी मछुआरे थे। किन्तु उन्होंने अपने इस काम को तब से छोड़ दिया था जब से उन्होंने उसी झील के तट पर येसु का अनुसरण करने के लिए अपना जाल त्याग दिया था। और अब, जब पुनर्जीवित प्रभु इंतजार कर रहे हैं, पेत्रुस जो थोड़ा निराश हो चुका था, दूसरों से पुराने जीवन में लौटने का प्रस्ताव करता है। दूसरे शिष्य इसे स्वीकार कर लेते हैं ˸ "हम भी तुम्हारे साथ चलते हैं।" लेकिन उस रात वे कुछ नहीं पकड़ सके।(3)

खाली जाल से

यह हमारे साथ भी हो सकता है, थकान, निराशा और शायद आलस्य के कारण हम प्रभु को भूल जाते हैं और हमारे बड़े चुनाव की उपेक्षा करते एवं अन्य चीजों से संतुष्ट होने की कोशिश करते हैं। उदाहरण के लिए, परिवार में एक-दूसरे से बातचीत करने के लिए समय नहीं देना, अपने व्यक्तिगत काम के लिए अधिक समय देना, प्रार्थनाओं को भूल जाना, खुद में व्यस्त रहना, उदार नहीं बनना आदि। लेकिन ऐसा करते हुए व्यक्ति निराश हो जाता है। ठीक उसी तरह पेत्रुस की निराशा थी, पेत्रुस खाली जाल के साथ था। संत पापा ने कहा कि यह एक रास्ता है जो वापस लौटाता है और असंतुष्ट कर देता है। येसु ने पेत्रुस के साथ क्या किया? वह वापस झील के तट पर पहुँचा, जहाँ उन्होंने पेत्रुस, अंद्रेयस, याकूब और योहन को चुना था। इन चारों को उन्होंने यहीँ से चुना था। येसु ने उनका तिरस्कार नहीं किया, उन्हें भला-बुरा नहीं कहा। उन्होंने उनके हृदय को छूआ। संत पापा ने कहा कि येसु तिरस्कार नहीं करते बल्कि स्नेह से शिष्यों को बुलाते हैं, "बच्चो।"(5) उसके बाद पहले की तरह शिष्यों को साहस के साथ जाल डालने को कहते हैं और जाल उम्मीद से अधिक भर जाता है।

जाल पूरी तरह भरा हुआ

संत पापा ने कहा, "भाइयो एवं बहनो, जब जीवन में हमारे जाल खाली हो जाते हैं तो हमें दुःखी होने की जरूरत नहीं है, खुशी पाने के लिए अतीत में वापस लौटना आवश्यक नहीं है। यह येसु के साथ पुनः शुरू करने का समय है, पुनः शुरू करने के लिए साहस करने का समय, स्वयं येसु के साथ नाव खोने का समय। संत पापा ने निराशा के सामने तीन शब्दों पर ध्यान देने का प्रोत्साहन दिया ˸ पुनः चलना, फिर शुरू करना, पुनः रवाना होना। यदि ऐसा लगता है कि हम वापस चले गये हैं तो येसु के साथ पुनः चलें, फिर शुरू करें और फिर से रवाना हों। वे हमारा इंतजार कर रहे हैं और वे मेरे लिए, आपके लिए और हम सभी के लिए चिंता करते हैं।

प्रेम विस्मय उत्पन्न करता

पेत्रुस को उस विस्मय की जरूरत थी। जब योहन कहता है कि यह प्रभु हैं, वह पानी में कूद जाता है और येसु की ओर बढ़ता है। संत पापा ने कहा कि यह प्रेम का चिन्ह है क्योंकि प्रेम, आदत, सुविधा और उचित से परे जाता, प्रेम विस्मय, रचनात्मक उत्तेजना और मुक्त लालसा उत्पन्न करता है। इस प्रकार, जब सबसे छोटा योहन येसु को पहचान लेता है तब सबसे बड़ा पेत्रुस उनसे मिलने के लिए झील में कूद जाता है। उस छलांग में पेत्रुस को पहले का सारा उत्साह वापस प्राप्त हो जाता है।  

अच्छाई में गोता लगायें

संत पापा ने विश्वासियों से कहा कि आज पुनर्जीवित ख्रीस्त हमें नये उत्साह का निमंत्रण देते हैं। वे हमें खोने के डर के बिना अच्छाई के लिए गोता लगाने का निमंत्रण देते हैं, क्यों? दूसरों की प्रतीक्षा नहीं करनी है क्योंकि हमें येसु की ओर आगे बढ़ना है और उनके लिए अपना संतुलन खोना है। हमें साहस के साथ अपना संतुलन खोना है और पुनः शुरू करना है। जोखिम उठाना ही संतुलन खोना है। हम अपने आप से पूछें ˸ क्या मैं थोड़ी उदारता के लिए तैयार हूँ अथवा क्या मैं अपने उत्साह को हृदय में रोक लेता हूँ एवं खुद को अपनी आदत या डर में बंद रखता हूँ? येसु कहते, कूदो, गोता लगाओ।

क्या तुम मुझे प्यार करते हो?

इस घटना के अंत में येसु पेत्रुस से तीन बार पूछते हैं ˸ "क्या तुम मुझे प्यार करते हो?" क्योंकि पास्का में येसु चाहते हैं कि हमारा हृदय पुनः जागे, क्योंकि विश्वास ज्ञान का सवाल नहीं है बल्कि प्रेम है। क्या तुम मुझे प्यार करते हो? येसु आपसे और मुझसे पूछते हैं जिनके जाल खाली हैं और बहुधा शुरू करने से डरते हैं। जिन्हें गोता लगाने का साहस नहीं है और जिनमें गोता लगाने की गति नहीं रह गई है। जब येसु ने पेत्रुस से कहा, "क्या तुम मुझे प्यार करते हो?" तब से पेत्रुस ने मछली मारना छोड़ दिया और अपने आपको ईश्वर तथा अपने भाइयों की सेवा के लिए समर्पित किया। इसके लिए उन्होंने अपना जीवन ही अर्पित कर दिया, जहाँ आज हम हैं। पर क्या हम येसु को प्यार करना चाहते हैं?  

संत पापा ने माता मरियम की याद करते हुए कहा, "कुँवारी मरियम जिन्होंने बड़ी तत्परता से प्रभु को "हाँ" कहा, हमें अच्छाई के लिए उत्साह पाने में मदद दे।"

इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ स्वर्ग की रानी प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

देवदूत प्रार्थना के दौरान संत पापा फ्रांसिस का संदेश

 

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01 May 2022, 16:01