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स्वर्ग की रानी प्रार्थना में पोप : शांति की आत्मा के लिए प्रभु से याचना करें

संत पापा फ्राँसिस ने रविवार को स्वर्ग की रानी प्रार्थना के पूर्व विश्वासियों को सम्बोधित करते हुए जीवन में नम्रता एवं सौहार्द में बढ़ने पर बल दिया। उन्होंने हर दिन इस तरह प्रार्थना करने का प्रोत्साहन दिया, "प्रभु मुझे आपकी शांति प्रदान कर, मुझे अपनी आत्मा भेज दे।"

उषा मनोरमा तिरकी

वाटिकन सिटी, रविवार, 21 मई 2022 (रेई) ˸ संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 22 मई को हजारों विश्वास के साथ स्वर्ग की रानी प्रार्थना का पाठ किया, जिसके पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात।

आज की धर्मविधि के सुसमाचार पाठ में, अपने शिष्यों से अंतिम भोज के समय विदा लेते हुए येसु एक व्यवस्थान के रूप में उनसे कहते हैं ˸ मैं तुम्हारे लिए शांति छोड़ जाता हूँ। अपनी शांति तुम्हें प्रदान करता हूँ।” (यो.14:27) आइये हम इस छोटे वाक्य पर चिंतन करें।

मैं तुम्हारे लिए शांति छोड़ जाता हूँ

येसु के ये शब्द स्नेह और शांति प्रकट करते हैं, सब कुछ शांत रहने पर भी यूदस ने विश्वासघात किया, पेत्रुस ने अस्वीकार किया और करीब सभी शिष्य उन्हें छोड़ देंगे। प्रभु इसे जानते हैं। फिर भी वे फटकार नहीं लगाते, वे कठोर शब्दों का प्रयोग नहीं करते, वे कोई रूखा भाषण नहीं देते। व्याकुलता दिखाने के बदले वे अंत तक दयालु बने रहते हैं।

संत पापा ने कहा, "एक कहावत है कि आप उसी तरह मरते हैं जिस तरह जीवन जीते।" वास्तव में, येसु के जीवन का अंतिम समय, उनके सम्पूर्ण जीवन के सार के समान है। वे डर और पीड़ा महसूस करते किन्तु आक्रोश या विरोध को स्थान नहीं देते। वे खुद को कड़वा बनने नहीं देते, वे नहीं छोड़ते, अधीर नहीं होते। वे शांत हैं, एक ऐसी शांति के साथ जो उनके विनम्र हृदय से आती है जिसमें वे भरोसा रखने के आदी है। क्योंकि कोई भी व्यक्ति दूसरों को शांति नहीं दे सकता यदि खुद उसके अंदर शांति न हो।

मैं तुम्हारे लिए शांति छोड़ जाता हूँ

येसु दिखलाते हैं कि विनम्रता संभव है। उन्होंने अत्यन्त कठिन समय में शरीरधारण किया और चाहते हैं कि हम भी उसी तरह व्यवहार करें क्योंकि हम उनकी शांति के वारिस हैं। वे चाहते हैं कि हम दीन, खुले, सुनने के लिए तत्पर, तनाव दूर करने के लिए सक्षम एवं सौहार्दपूर्ण बनें। यह येसु का साक्ष्य देना है और हजार शब्दों एवं कई उपदेशों से बढ़कर है। येसु के शिष्यों के रूप में, आइये हम अपने आप से पूछें कि क्या हम इस तरह व्यवहार करते हैं, क्या हम तनाव दूर करते हैं, संघर्षों को शांत करते हैं? क्या हम किसी के साथ अंतर महसूस करते हैं, हमेशा प्रतिक्रिया देते, फूट पड़ते या बिना हिंसक रूप में नम्र शब्दों और कार्यों से उत्तर देना जानते है?

निश्चय ही, यह विनम्रता आसान नहीं है। हर स्तर पर तनाव दूर करना कितना कठिन है! येसु का दूसरा शब्द हमारी मदद करता है: मैं अपनी शांति तुम्हें प्रदान करता हूँ। वे जानते हैं कि अपने आप से हम शांति प्राप्त नहीं कर सकते, उसके लिए हमें मदद की जरूरत है, कृपा की आवश्यकता है। शांति हमारे लिए अति आवश्यक हैं, जो ईश्वर के सभी वरदानों में से पहला वरदान है। वास्तव में, येसु कहते हैं : "मेरी शांति तुम्हें प्रदान करता हूँ।"(पद. 27) यह शांति क्या है जिसको दुनिया नहीं जानती और प्रभु हमें प्रदान करते हैं? यह पवित्र आत्मा है, येसु की आत्मा। यह हममें ईश्वर की उपस्थिति है, ईश्वर की शांति की शक्ति। पवित्र आत्मा हमारे हृदय को हथियार रहित करते एवं इसे शांति से भर देते हैं। पवित्र आत्मा ही है जो हमारी कठोरता को पिघलाता एवं दूसरों पर आक्रमण करने के प्रलोभन को समाप्त कर देता है। पवित्र आत्मा हमें स्मरण दिलाता है कि हमारे अगल-बगल के भाई-बहनें बाधा अथवा शत्रु नहीं हैं। पवित्र आत्मा ही हमें क्षमा करने और पुनः शुरू करने की शक्ति देता है क्योंकि हम अपनी शक्ति से नहीं कर सकते। यह उनके द्वारा, पवित्र आत्मा के द्वारा हम शांति के पुरूष और स्त्री बन सकते हैं।

संत पापा ने कहा, "प्यारे भाइयो एवं बहनो, कोई भी पाप, असफलता अथवा विद्वेष हमें पवित्र आत्मा के वरदान की आग्रहपूर्वक याचना करने से निरूत्साहित नहीं कर सकता, जो शांति के वरदान प्रदान करते हैं। हम जितना अधिक हृदय को उत्तेजित,  घबराये हुए, असहनशील, अंदर ही अंदर गुस्सा की स्थिति में पाते हैं, उतना ही अधिक प्रभु से शांति की आत्मा के लिए प्रार्थना करें।" हम हर दिन कहना करें : "प्रभु मुझे आपकी शांति दीजिए, आपके पवित्र आत्मा को प्रदान कीजिए। यह एक सुन्दर प्रार्थना है। संत पापा ने अपने अगल-बगल के भाई-बहनों, जिनसे हम हरदिन मिलते हैं और देश के नेताओं के लिए भी यही प्रार्थना करने की सलाह दी।

माता मरियम हमें पवित्र आत्मा का स्वागत करने में मदद करे ताकि हम शांति निर्माता बन सकें।

इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ स्वर्ग की रानी प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

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22 May 2022, 16:40