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इराक के मोसुल में एक काथलिक स्कूल घर संघर्ष के कारण ध्वस्त स्थिति में इराक के मोसुल में एक काथलिक स्कूल घर संघर्ष के कारण ध्वस्त स्थिति में  

आशा और सुधार का स्कूल

ईराक के ख्रीस्तीय रविवार को नरसंहार से उबरने के रास्ते में एक महत्वपूर्ण मील के पत्थर को पार करेंगे जब धर्मबहनों का एक समुदाय आधिकारिक तौर पर अपने लंबे समय से प्रतीक्षित स्कूल खोलेगा।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

625 विद्यार्थियों की क्षमता के साथ अल तहिरा सेकेन्डरी स्कूल को कराकोश में 1 मई को खोला जाएगा, जो प्रतिष्ठित नीनवे मैदानों में 13 बहुसंख्यक ख्रीस्तीय कस्बों और गांवों में से सबसे बड़ा है।

अधिकांश संरचनात्मक परियोजनाओं के अनुरूप, जिसमें नीनवे के कब्जे के दौरान दाएश (आईएसआईएस) द्वारा क्षतिग्रस्त इमारतों की मरम्मत करना शामिल है, मिश्रित स्कूल अल-ताहिरा प्राइमरी स्कूल को खेल के मैदान में बनाया गया है, जिसे सिएना के संत कैथरीन की दोमिनिकन धर्मबहनों द्वारा चलाया जाता है।

अल ताहिरा माध्यमिक विद्यालय जिसने फरवरी में अपने प्रथम विद्यार्थी को स्वीकार किया, इसमें तीन मंजिले हैं जिनमें तीन विज्ञान प्रयोगशालाएँ, एक कम्प्यूटर केंद्र, एक बड़ा कॉन्फ्रेंस हॉल, पुस्तकालय और प्रार्थनालय शामिल हैं।  

स्कूल घर के निर्माण में पाँच साल लगे जो इराक की एक बड़ी परियोजना है जिसको एड टू द चर्च इन नीड, अत्याचार एवं अन्य तरह से पीड़ित लोगों के लिए काथलिकों की मदद के द्वारा सहयोग मिला है।

अंतरराष्ट्रीय एड टू द चर्च इन नीड के अध्यक्ष डॉ. थॉमस हैइन जेलडर्न जो स्कूल उद्घाटन समारोह में भाग लेंगे, कहा, "एड टू द चर्च इन नीड, पहल के शुरू से ही शामिल था और इसे सफल बनाने के लिए कई समर्पित लोगों और संगठनों से काम करने का अवसर मिला है, जिसमें अस्ट्रेलियाई सरकार के समर्थन में अस्ट्रेलियाई काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन भी शामिल है।"

एड टू द चर्च इन नीड स्कूल बनाने के लिए आवश्यक 2.1 मिलियन डॉलर का 80 प्रतिशत प्रदान किया है।      

ईराक के लिए अथक सहयोग देने हेतु धन्यवाद देते हुए उपकारकों से उन्होंने कहा, "मैं सिस्टर क्लारा नास, दूसरी दोमिनिकन धर्मबहनों और इस सपने को साकार करने के लिए जितनों ने कड़ी मेहनत की है मैं सबको अपना आभार प्रकट करता हूँ।"

उन्होंने कहा, "आइएसआइएस के इस क्षेत्र के कब्जे के सबसे काले दिनों में, किसने सोचा होगा कि कुछ साल बाद हम एक नए स्कूल के उद्घाटन का जश्न मनाएंगे?"

पिछले महीने स्कूल के चारों ओर एड टू द चर्च इन नीड के प्रतिनिधिमंडल को दिखाते हुए, दोमिनिकन सिस्टर हुडा ने कहा कि स्कूल ऐसे देश में ख्रीस्तीयों के भविष्य को सुरक्षित करने में मदद करने के लिए है जहां संख्या 2003 से पहले दस लाख से गिरकर शायद आज एक लाख पच्चास हजार रह गई है।

उन्होंने कहा, "हम विद्यार्थियों के चरित्र का निर्माण कर रहे हैं कि वे समाज के नेता बनें, जिम्मेदारी लें और हम लोगों को रूकने के लिए कारण दे रहे हैं।"

"यहाँ धर्मबहनों की उपस्थिति, और स्कूल का होना दोनों आशा के चिन्ह हैं जो लोगों को यहाँ ठहरने का कारण देते हैं।

16 साल के विद्यार्थी रामील राबू वादी ने एड टू द चर्च इन नीड को बतलाया कि "इस तरह की इमारतों एवं पढ़ने के अवसर से हमें लगता है कि हमारा भविष्य महान है। हमारा समर्थन करने के लिए धन्यवाद।"

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30 April 2022, 12:21