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परमधर्मपीठीय जर्मन कॉलेज के शिक्षकों एवं सेमिनरी के छात्रों से मुलाकात करते संत पापा परमधर्मपीठीय जर्मन कॉलेज के शिक्षकों एवं सेमिनरी के छात्रों से मुलाकात करते संत पापा  

पोप फ्राँसिस ˸ पुरोहित ख्रीस्त की क्षमाशीलता के साक्षी बनें

संत पापा फ्रांसिस ने बृहस्पतिवार 7 अप्रेल को परमधर्मपीठीय जर्मन कॉलेज के शिक्षकों एवं सेमिनरी के छात्रों का अभिवादन किया तथा पुरोहितों से अपील की कि वे क्षमाशीलता एवं आनन्द का साक्ष्य दें जिसको ख्रीस्त ने हमारे लिए दिया है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

परमधर्मपीठीय ट्यूटनिक (जर्मन) कॉलेज के शिक्षकों और सेमिनरी छात्रों ने संत पापा एड्रियन छटवें  जो बेनेडिक्ट सोलहवें से पहले "जर्मन जगत के" अंतिम पोप थे उनके पोप चुनाव की 500वीं वर्षगांठ के अवसर पर संत पापा फ्रांसिस से मुलाकात की।

यूट्रैक्ट में जन्मे पोप एड्रियन छटवें जो अब नीदरलैंड कहलाता है उस समय रोमन सम्राज्य का हिस्सा था, उन्होंने सम्राट चार्ल्स पाँचवें के शिक्षक के रूप में काम किया था।

वे फ्रांसीसी और स्पेनिश गुटों के बीच एक मध्यमार्ग उम्मीदवार के रूप में पोप चुने गए थे, और पोप के रूप में दो साल से भी कम समय तक सेवा दी।

मेल-मिलाप का मिशन

जर्मन सेमिनरी छोत्रों को सम्बोधित करते हुए संत पापा फ्रांसिस ने पोप अड्रियन छटवें के परमाध्यक्षीय काल एवं उनकी विरासत की याद की जिसको उन्होंने 1522 से 1523 के अपने छोटे राज्य काल में छोड़ दिया।

संत पापा ने कहा, "उन्होंने सबसे बढ़कर कलीसिया और विश्व में मेल-मिलाप को बढ़ावा देने की कोशिश की, संत पौलुस के शब्दों का अभ्यास किया जिसके अनुसार ईश्वर ने मेल-मिलाप की प्रेरिताई को प्रेरितों को सौंप दिया है।"

संत पापा अड्रियन छटवें का शासनकाल प्रोटेस्टंट सुधार और पूर्व में तुर्क विजय के खतरे से प्रभावित था।   

संत पापा ने गौर किया कि उनके पूर्वीधिकारी ने लुथेरनों के साथ मेल-मिलाप करने की कोशिश की एवं रोमन कूरिया के सदस्यों के पापों, जिससे कलीसिया में उथल-पुथल मच गई थी, सार्वजनिक रूप से क्षमा भी मांगी थी।

उन्होंने ओटोमन बलों द्वारा उत्पन्न खतरे को दूर करने के लिए फ्रांसीसी और स्पेनिश शासकों के बीच संबंध बनाने की भी मांग की थी।

पोप अड्रियन छटवें के हरसंभव प्रयास के बावजूद, उनकी असमय मृत्यु ने उनकी किसी भी योजना को पूरा करने नहीं दिया।

संत पापा ने कहा, "हालांकि, विश्वास, न्याय और शांति के एक निडर एवं अथक काम करनेवाले के रूप में कलीसिया में उनकी स्मृति स्थिर है।"

जर्मन सेमिनरी के छात्रों के लिए पोप का उदाहरण आज भी बरकरार है जो उनकी बुलाहट को ख्रीस्त के सेवक के रूप में प्रेरित करता है।     

संत पापा ने कहा, "प्रभु आपकी प्रेरिताई को पोषित करे और उस विश्वास की ओर अग्रसर करे जो हमेशा उनके प्रेम पर आधारित है और आनन्द एवं समर्पण के साथ जीया जाता है।"

समझौते और मेल-मिलाप को बढ़ावा देने के लिए उनकी देखभाल को ध्यान में रखते हुए, " मैं आपसे विशेषकर, प्रायश्चित के संस्कार के सेवकों के रूप में उनके मार्ग का अनुसरण करने का आग्रह करता हूँ।”  

व्यक्तिगत संबंध में क्षमाशीलता एवं दयालुता

जर्मन कॉलेज के सदस्यों को अपने सम्बोधन के अंत में संत पापा ने याद दिलाया कि वे "प्रेम, प्रज्ञा और अधिक दयालुता के साथ पापस्वीकार सुनें।"

उन्होंने कहा, "यह महत्वपूर्ण है। पाप मोचक का काम है क्षमा करना, सताना नहीं। दयालु बनें, एक महान क्षमाकार, कलीसिया आपसे यही उम्मीद करती है।"

पोप ने अंत में कहा कि ख्रीस्त के सभी क्षमाशील भले सेवकों को दूसरों को क्षमा करने जानना चाहिए, अपने संबंधों में दयालु बनें तथा शांति एवं समन्वय के व्यक्ति बनें।    

 

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07 April 2022, 16:49