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प्रेडिकाटे एवान्जेलियुम प्रकाशित, 22.04.2022 प्रेडिकाटे एवान्जेलियुम प्रकाशित, 22.04.2022 

काथलिक कलीसिया समय की मांगों के साथ, सन्त पापा फ्रांसिस

सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा है कि द्वितीय वाटिकन महासभा के बाद से ही काथलिक कलीसिया ने सदैव समय की चुनौतियों को ध्यान में रखकर ही परमधर्मपीठीय रोमी कार्यलयों में सुधार कार्यों को अन्जाम दिया है।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर, वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 22 अप्रैल 2022 (रेई, वाटिकन रेडियो): सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा है कि द्वितीय वाटिकन महासभा के बाद से ही काथलिक कलीसिया ने सदैव समय की चुनौतियों को ध्यान में रखकर ही परमधर्मपीठीय रोमी कार्यलयों में सुधार कार्यों को अन्जाम दिया है।

सुधारों का सिलसिला

कार्डिनल रोड्रिग़ज माराडिगा तथा फेरनानदो प्रादो के बीच परमधर्मपीठीय रोमी कार्यालयों में सुधारों पर सम्पन्न वार्ता पर "प्रेडिकाटे एवान्जेलियुम" शीर्षक से रची गई पुस्तक का प्राक्कथन सन्त पापा फ्राँसिस द्वारा लिखा गया है। इसमें सन्त पापा लिखते हैं कि द्वितीय वाटिकन महासभा के बाद से ही काथलिक कलीसिया ने परमधर्मपीठीय कार्यालयों में सुधारों का सिलसिला शुरु किया था जो अब तक जारी है।

सन्त पापा ने स्मरण दिलाया कि सन्त पापा पौल षष्टम, सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय तथा सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें द्वारा प्रकाशित स्वप्रेरणा से रचित मोतु प्रोप्रियो एवं प्रेरितिक संविधानों में इन सुधारों की पूर्ण विवेचना की गई है तथा नवीन सुसमाचार प्रचार को समर्पित एक अलग परमधर्मपीठीय परिषद की भी स्थापना की गई है।

सन्त पापा फ्राँसिस ने पुस्तक की प्रस्तावना में कहा है कि उनकी परमाध्यक्षीय नियुक्ति के प्रारम्भिक क्षण से ही परमधर्मपीठीय कार्यालयों में सुधारों को ज़रूरी एवं अनिवार्य माना गया था और उन्होंने अपने कार्यों को इसी दिशा में अभिमुख रखा।

धन्यवाद ज्ञापन

प्रस्तावना में सन्त पापा ने मैडरिड के प्रकाशन केन्द्र क्लेरेशियन पब्लिशिंग हाऊस के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया जहाँ से "प्रेडिकाटे एवान्जेलियुम" पुस्तक प्रकाशित की गई है। सन्त पापा ने लिखा, "प्रेस प्रेरिताई" के लिए ये आसान समय नहीं हैं। मैं इस लम्बे और अथक परिश्रम के लिये कार्डिनलों की संपूर्ण परिषद के धैर्यपूर्ण कार्य के लिए आभारी हूं। मैं, विशेष रूप से, कार्डिनल रोड्रिग्ज माराडिगा को परमधर्मपीठ के प्रति अर्पित उनकी निरंतर सेवा के लिए धन्यवाद देता हूं तथा उन्हें इस साक्षात्कार के लिए बधाई देता हूं। मेरा मानना है कि इस पुस्तक में निहित सूक्ष्म और निर्णायक समीक्षा परमधर्मपीठीय रोमी कार्यालयों के कार्यक्रम को पर्याप्त रूप से उजागर करती है। यह स्पष्ट करती है कि परमधर्मपीठीय कार्यालयों का सुधार प्रेरितिक संविधान से कहीं अधिक है। "प्रेडिकाटे एवान्जेलियुम" सुधार के आयामों में से एक है।   

सन्त पापा ने लिखा कि सुधारों की आवश्यकता एक ज़रूरी काम है किन्तु इससे भी अधिक ज़रूरी और महत्वपूर्ण है लोगों के मन और हृदय की गहराई में परिवर्तन।    

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22 April 2022, 11:35