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माल्टा के गैंड मास्टर्स पैलेस में संत पापा का स्वागत करते माल्टावासी माल्टा के गैंड मास्टर्स पैलेस में संत पापा का स्वागत करते माल्टावासी 

संत पौलुस के नक्शेकदम पर, तीन परमाध्यक्ष और माल्टा के आदेश

गैर-यहूदियों के प्रेरित संत पौलुस द्वारा खोजे गए पथ का अनुसरण करते हुए माल्टा में संत पापा जॉन पॉल द्वितीय और संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें ने तीर्थयात्रा की थी। संत पापा फ्राँसिस माल्टा की अपनी 36वीं प्रेरितिक यात्रा पर है। सबसे प्राचीन काथलिक धार्मिक आदेशों में से एक द्वारा छोड़े गए अमिट निशान के बीच एक तीर्थयात्रा है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वालेट्टा, शनिवार 02 अप्रैल 2022 (वाटिकन न्यूज) : भूमध्य सागर के मध्य में स्थित छोटे से द्वीप राज्य माल्टा में संत पापा फ्राँसिस अपनी 36वीं प्रेरितिक यात्रा हैं। एक तीर्थयात्रा जो गैर-यहूदियों के प्रेरित संत पौलुस द्वारा खोजे गए पथ का अनुसरण करती है और इसी पथ पर संत पापा जॉन पॉल द्वितीय और संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें ने तीर्थयात्रा की थी। सबसे प्राचीन काथलिक धार्मिक आदेशों में से एक द्वारा छोड़े गए अमिट निशान के बीच एक तीर्थयात्रा है।

1990 और 2001 में संत पापा जॉन पॉल द्वितीय और 2010 में संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें के बाद इस देश में जाने वाले तीसरे परमाध्यक्ष संत पापा फ्राँसिस हैं। भूमध्यसागरीय देश गैर-ख्रीस्तियों के प्रेरित, सत पौलुस के साथ धार्मिक और आध्यात्मिक कहानी से जुड़ा है, जिन्होंने सबसे पहले इस द्वीपसमूह में ख्रीस्तीय विश्वास लाया।

संत पौलुस का पोतभंग

संत पापा फ्राँसिस ने 8 जनवरी 2020 के आम दर्शन समारोह के दौरान अपनी धर्मशिक्षा माला के लिए प्रेरितों के कार्य कलाप से लिया। संत पापा कहते हैं कि सुसमाचार न केवल जमीन से बल्कि समुद्र के रास्ते, एक जहाज पर अपनी यात्रा जारी रखता है जब संत पौलुस को कैसरिया से रोम तक एक कैदी के रूप में ले जाता है ( सी.एफ. प्रेरित चरित 27.1-28.16)। जहाज शुरू से ही प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करता है। जहाज के दूटने के के बाद माल्टा द्वीप पर लैंडिंग होती है। वहाँ के निवासियों ने बड़ा अच्छा व्यवहार किया। "माल्टा में रहना संत पौलुस के लिए उनके द्वारा घोषित किए गए शब्द को 'शरीर' प्रदान करने का अनुकूल अवसर बन जाता है और इस तरह संत पौलुस बीमारों के उपचार में करुणा की प्रेरिताई का प्रयोग करते हैं और यह सुसमाचार का एक नियम है: जब एक विश्वासी ईश्वर के मुक्तिदायी प्रेम का अनुभव करता है तो वह इसे अपने लिए नहीं रखता, बल्कि इसे दूसरों के साथ साझा करता है।"

संत जोवान्नी बतिस्ता गिरजाघर में संत पापा जॉन पॉल द्वितीय (25-05-1990)
संत जोवान्नी बतिस्ता गिरजाघर में संत पापा जॉन पॉल द्वितीय (25-05-1990)

1990 में जॉन पॉल द्वितीय की तीर्थयात्रा

माल्टा "संत पौलुस के उपदेश का द्वीप, विश्वास, वीरता और भक्ति का एक द्वीप" है। संत पापा जॉन पॉल द्वितीय 1990 में पहली बार इस देश में गए थे। उन्होंने 25 मई को, संत योहन बपतिस्ता महागिरजाघर में पुरोहितों, धर्मसंघियों और धर्मबहनों से मुलाकात करते हुए, संत पापा जॉन पॉल द्वितीय ने ये शब्द कहे: मैं माल्टा द्वीप, संत पौलुस के उपदेश के द्वीप, विश्वास, वीरता और भक्ति के एक द्वीप की यात्रा करते हुए अत्यंत प्रसन्न हूँ। आज मैं संत पौलुस की भावना को साझा करता हूँ, उसने लिखा है: "आपके प्रति हमारी ममता तथा हमारा प्रेम यहाँ तक बढ़ गया था कि हम आपको सुसमाचा के साथ अपना जीवन भी अर्पित करना चाहते थे।" (1 थेसल 2: 8 ) पवित्र आत्मा द्वारा निर्देशित, मैं यहां प्राचीन विश्वास की पुष्टि करने के लिए आया कि राष्ट्रों के प्रेरित ने यहां ख्रीस्तीय धर्म की शुरुआत की। मैं एक तीर्थयात्री के रूप में, व्यक्तिगत रूप से आपकी स्थानीय कलीसिया की जीवन शक्ति का अनुभव करने के लिए, उन सभी लोगों की वर्तमान और पिछली उपलब्धियों को श्रद्धांजलि देने के लिए आया हूँ, जिन्होंने ईश्वर की महिमा और दुनिया के उद्धार के लिए उदारता से सुसमाचार को जीते हुए विश्वास, आशा और प्रेम के कार्यों को सम्पन्न दिया है और जब माल्टा में कलीसिया तीसरी सहस्राब्दी की प्रतीक्षा कर रही है, तो मैं और भी अधिक शानदार भविष्य के लिए प्रोत्साहन और आशा देना चाहता हूँ।

2001 में जॉन पॉल द्वितीय की तीर्थयात्रा

संत पापा जॉन पॉल द्वितीय मई 2001 में फिर माल्टा आए। इस प्रेरितिक यात्रा के दौरान, मदीना शहर में संत पापा ने काथलिक धर्म के इतिहास में पहले माल्टीज़ डॉन डोरो प्रीका की संत घोषणा, संत पिएत्रो मठ की मठाधीश सिस्टर अदेओदाता पिसानी और फ्रायर माइनर नाज्जू फालज़ोन के धन्य घोषणा समारोह का अनुष्ठान किया। इन्होंने क्रीमिया युद्ध के दौरान माल्टीज़ सैनिकों की सहायता की थी। उद्घाटन समारोह के दौरान, 8 मई, 2001 को, उन्होंने माल्टीज़ लोगों को इन शब्दों से संबोधित किया:”मैं दूसरी बार माल्टा में हूँ। ईसा मसीह के जन्म की दो हजारवीं वर्षगांठ पर मैं जो जयंती तीर्थयात्रा कर रहा हूँ, वह मुझे माल्टा ले आई है।मुक्ति के इतिहास से जुड़े कुछ स्थानों पर जाने के बाद, सिनाई पर्वत पर, पवित्र भूमि में और अब एथेंस और दमिश्क में, संत पौलुस के नक्शेकदम पर मेरी तीर्थयात्रा मुझे आपके पास लाती है…। प्रिय माल्टीज़ दोस्तों, अपनी ख्रीस्तीय बुलाहट का ध्यान रखें! अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत पर गर्व करें! भविष्य को आशा के साथ देखें और इस नई सहस्राब्दी को एकजुटता और शांति का समय बनाने के लिए, जीवन के लिए प्रेम और ईश्वर की सृष्टि के सम्मान के लिए अपने आप को नए जोश के साथ प्रतिबद्ध करें!”

संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें ने संत पौलुस के ग्रोटो का दौरा किया। (17 अप्रैल, 2010)
संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें ने संत पौलुस के ग्रोटो का दौरा किया। (17 अप्रैल, 2010)

माल्टा में संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें की प्रेरितिक यात्रा

संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें  17 और 18 अप्रैल 2010 को माल्टा का प्रेरितिक यात्रा की थी। वे 60 ईस्वी में द्वीप पर संत पौलुस के पोतभंग की 1950 वीं वर्षगांठ मनाने माल्टा पहुँचे थे। । पहले दिन उन्होंने संत पौलुस के ग्रोटो का दौरा किया। उन्होंने माल्टीज़ लोगों को इन शब्दों से संबोधित किया, ”माल्टा की मेरी तीर्थयात्रा संत पौलुस की गुफा में मौन प्रार्थना के एक क्षण के साथ शुरू हुई, जिसने सबसे पहले इन द्वीपों में विश्वास लाया। मैं उन अनगिनत तीर्थयात्रियों के नक्शेकदम पर आया, जिन्होंने सदियों से इस पवित्र स्थान में प्रार्थना की, खुद को, अपने परिवारों और इस राष्ट्र की समृद्धि को गैर-ख्रीस्तियों के प्रेरित की मध्यस्ता में सौंप दिया। मैं आप लोगों के बीच आकर अत्यंत प्रसन्न हूं और मैं आप सभी को प्रभु में बड़े स्नेह के साथ अभिवादन करता हूं। संत पौलुस के जहाज के टूटने और माल्टा में तीन महीने तक उनके प्रवास ने आपके देश के इतिहास में एक अमिट छाप छोड़ी है। माल्टा पहुंचने से पहले उनके साथियों को उनके शब्दों को प्रेरित चरित में पाते हैं और मेरी प्रेरितिक यात्रा के लिए आपकी तैयारी का एक विशेष विषय था, "यद्यपि हमारा जहाज अवश्य ही किसी टापू से टकराकर टूट जाएगा।" (प्रेरित चरित 27:26) - ये शब्द ईश्वर के रहस्यमय भविष्य मूल संदर्भ में अज्ञात और अडिग भरोसे के सामने साहस का निमंत्रण है। संत पुब्लियुस द्वारा दिए गए उदाहरण के बाद, माल्टा के लोगों द्वारा अन्यजाति के लोगों का गर्मजोशी से स्वागत किया गया था। ईश्वर की योजना में, संत पुब्लियुस इसलिए ख्रीस्तीय धर्म में आपके पिता बने।”

संत पौलुस ने पुब्लियुस के पिता को ठीक किया और उसने माल्टा के बीमार लोगों को ठीक किया। उन्होंने ईश्वर के वचन का प्रचार किया, माल्टा में पहला युखरीस्तीय समारोह मनाया और रोमन गवर्नर संत पब्लियुस सहित पहले ख्रीस्तियों को बपतिस्मा दिया, जो बाद में द्वीप के पहले धर्माध्यक्ष बने।

माल्टा द्वीप समूह
माल्टा द्वीप समूह

माल्टा द्वीपसमूह

माल्टा सिसिली और उत्तरी अफ्रीकी तट के बीच मध्य भूमध्य सागर में 316 वर्ग किलोमीटर का एक द्वीपसमूह है। यह एक ऐसा राष्ट्र है जो रोमन, मूर, नाइट्स ऑफ सेंट जॉन, फ्रेंच और ब्रिटिश शासकों के उत्तराधिकार से संबंधित ऐतिहासिक स्थलों के लिए जाना जाता है। इसमें कई किले, महापाषाण मंदिर और हॉल और दफन कक्षों के भूमिगत परिसर हैं। इसकी राजधानी वालेत्ता है और 2020 की जनगणना अनुसार इसकी आबादी 525,285 है और 85 प्रतिशत लोग काथलिक हैं। वे देश के दो धर्मप्रांत – माल्टा महाधर्मप्रांत और गोज़ो धर्मप्रांत में रहते हैं। रोमन काथलिकवाद का माल्टीज़ संस्कृति पर बड़ा प्रभाव है। धार्मिक उत्सवों के कारण आसपास विभिन्न परंपराएं विकसित हुई हैं, विशेष रूप से जो कस्बों और गांवों के संरक्षक संतों का सम्मान करती हैं। सन् 1126 ई. में येरूसालेम के संत जॉन के होस्पिटलर्स द्वारा अपनाया गया आठ-पॉइंटेड माल्टीज़ क्रूस, आमतौर पर माल्टा की पहचान के साथ जुड़ा हुआ है, और ये क्रूस देश के यूरो सिक्के पर मुद्रित है। माल्टा की आधिकारिक भाषाएं माल्टीज और अंग्रेजी हैं। सदियों से, इसने अंग्रेजी, इताली और फ्रेंच से प्राप्त कई शब्दों को शामिल किया है। इताली भी व्यापक रूप से यहां बोली जाती है।

माल्टा का महाधर्मप्रांत

माल्टा का महाधर्मप्रांत 246 वर्ग किमी में फैला हुआ है और इसमें करीब 368,000 काथलिक 70 पल्लियों में रहते हैं। यहां 278 धर्मप्रांतीय पुरोहित और 19 धर्मप्रांतीय सेमिनरियन  दर्शनशास्त्र और ईश शास्त्र का अध्ययन कर रहे हैं। महाधर्मप्रांत में 378 धर्मसंधी पुरोहित और 753 धर्मबहनें  सेवारत हैं।  महाधर्मप्रांत में  67 शैक्षणिक संस्थान,  45 परोपकारी संस्थान हैं जो द्वीप में आने वाले प्रवासियों और शरणार्थियों की सेवा में समर्पित हैं।

माल्टा महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष चार्ल्स जूड स्किकलुना हैं।  जिनका जन्म 15 मई, 1959 को टोरंटो में हुआ। वे 11 जुलाई 1986 को एक धर्मप्रांतीय पुरोहित बने। 6 अक्टूबर 2012 को सान लियोन के  धर्माध्यक्ष चुने गए और 24 नवंबर 2012 को उनका धर्माध्यक्षीय अभिषेक हुआ।  2015 को वे माल्टा महाधर्मप्रांत के महाधर्माधअयक्ष नियुक्त हुए साथ ही 27 फरवरी, 2015 को वे विश्वास एवं धर्म सिद्धांत के लिए बने धर्मसंघ के सहायक सचिव का कार्यभार संभाला।

वालेट्टा का गैंड मास्टर पैलेस
वालेट्टा का गैंड मास्टर पैलेस

राजधानी वलेट्टा का ग्रैंड मास्टर पैलेस

संत पापा के माल्टा पहुँचने पर माल्टा गणतंत्र के राष्ट्रपति श्री जोर्ज विलियम वेला और उनकी पत्नी ने ग्रैंड मास्टर पैलेस के आंतरिक प्रांगण में उनका स्वागत किया और लिफ्ट में उनके साथ पेज चैंबर में दूसरी मंजिल गये। निजी बैठक के बाद उन्होंने उपहारों का आदान-प्रदान किया फिर वे पास के एंबेसडर चैंबर गये। जहां वे कुछ मिनटों के लिए प्रधान मंत्री से मुलाकात की।

1571 में राजधानी वैलेटा के केंद्र में बना ग्रैंड मास्टर पैलेस, माल्टीज़ राष्ट्रपति का आधिकारिक निवास है। संत जॉन के शूरवीरों के ग्रैंड मास्टर्स की महल, इसे मैजिस्ट्रल पैलेस के रूप में जाना जाता था, जिसे बाद में फ्रांसीसी काल (1798-1800) के दौरान नेशनल पैलेस और ब्रिटिश काल (1800-1964) के दौरान गवर्नर्स पैलेस का नाम दिया गया।

यह केंद्रीय प्रांगण इतालवी वास्तुकला का उदाहरण है। मार्च 1566 में पहला पत्थर रखे जाने के बाद, नए शहर वैलेटा में आर्किटेक्ट जेरोलामो कैसर द्वारा एक परियोजना के आधार पर, इमारत सबसे पहले बनाई गई थी। ग्रैंड मास्टर्स पैलेस कला के कार्यों का एक समृद्ध भंडार है, जिनमें से अधिकांश ऑर्डर ऑफ संत जॉन के समय के हैं। सबसे महत्वपूर्ण कार्यों में निस्संदेह टेपेस्ट्री का सेट है जिसे लेस टिंटर्स डेस इंडेस के नाम से जाना जाता है, जिसे विशेष रूप से ग्रैंड मास्टर रेमन डी पेरेलोस वाई रोकाफुल (1697-1720) द्वारा पेरिस में प्रसिद्ध गोबेलिन कारख़ाना में ग्रेट काउंसिल हॉल के लिए प्रस्तुत किया गया था। पैलेस 1921 में पहली संवैधानिक संसद से वर्तमान विधानसभाओं तक माल्टा की लगातार संसदों की सीट थी, 2015 में यह प्रतिनिधि सभा वलेट्टा के प्रवेश द्वार पर अपनी विशिष्ट सीट पर चली गई। महल के राजकीय कक्ष और शस्त्रागार जनता के लिए खुले हैं।

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02 April 2022, 15:21