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'भाई के खिलाफ उठाए गए भाई के हाथ को निरस्त्र करें' संत पापा फ्राँसिस

संत पापा फ्राँसिस पवित्र शुक्रवार की शाम को क्रूस के मार्ग धर्मविधि की अध्यक्षता की, जिसमें परिवारों ने 14वें पड़ावों में से प्रत्येक के लिए दुख और आशा के अपने अनुभवों के आधार पर चिंतन प्रार्थना की।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

रोम, शनिवार 16 अप्रैल 2022 (वाटिकन न्यूज) : रोम के कोलोसियम में पवित्र शुक्रवार को रोम के समय अनुसार रात्रि 9:15 बजे पारंपरिक क्रूस मार्ग की धर्मविधि 2019 से तीन वर्षों के अंतराल के बाद इस वर्ष फिर शुरु की गई। संत पापा फ्राँसिस ने इस धर्मविधि की अध्यक्षता की। येसु के दुखभोग और क्रूस मार्ग और क्रूस पर येसु की मृत्यु की घटनाओं को याद करते हुए प्रार्थना में उपस्थित 10,000 से अधिक विश्वासियों ने भाग लिया।

हालांकि कोलोसियम में क्रूस मार्ग धर्मविधि की जड़ें कई सदियों पहले की हैं, आधुनिक परंपरा 1964 में शुरू हुई जब संत पापा पॉल षष्टम ने इस आयोजन की अध्यक्षता की। उन्होंने और उसके बाद के सभी परमाध्यक्षों ने 2020 में महामारी आने तक हर साल इस धर्मविधि को जारी रखा।

पिता के शांति के घर में एक परिवार

क्रूस का मार्ग भजन “अडोरमुस ते” ("हम तेरी आराधना करते हैं") के साथ शुरू हुआ। इसके बाद संत पापा फ्राँसिस ने एक प्रारंभिक प्रार्थना का पाठ किया जो मसीह के कष्ट और क्रूस में छिपी शक्ति के साथ-साथ पारिवारिक जीवन के कई पहलुओं और परीक्षणों के बीच मिली आशा को ध्यान में रखता है। पुनर्जीवित येसु ने, मानवता को मुक्ति का उपहार दिया है और हर आंसू को सुखाने और सभी लोगों को "अपने घर को प्यार और शांति के एक महान परिवार" में बदलने का वादा किया है।

एक पड़ाव से दूसरे पड़ाव तक एक-एक परिवार ने क्रूस को ढोया। हर पड़ाव में सुसमाचार पाठ घोषणा की गई और मनन चिंतन करने के बाद लैटिन में पिता हमारे प्रार्थना का पाठ किया गया।  गाना बजानेवालों ने “स्टैबाट मातेर” भजन का एक छंद गाया। (क्रूस मार्ग पर माँ मरिया की पीड़ा पर एक मध्यकालीन लैटिन भजन)

एक युद्ध के विपरीत दिशा में दो परिवार

क्रूस मार्ग के पड़ावों पर मनन चिंतन काथलिक स्वयंसेवी समूहों से जुड़े पंद्रह परिवारों द्वारा लिखा गया था, जिन्होंने दुनिया भर के परिवारों के सामने आने वाले परीक्षणों और क्लेशों के विभिन्न पहलुओं को दर्शाया।

मनन चिंतन का मुख्य आकर्षण 13वें स्टेशन में आया, जिसमें दो महिलाओं को एक साथ क्रूस लेते देखा गया: रोम में रहने वाली अलबीना रूस से और इरीना यूक्रेन से है। ये दो महिलाएँ सहेलियाँ और दोनों नर्स हैं। तैयार मनन चिंतन को पढ़ने के बजाय दोनों महिलाओं ने क्रूस को पकड़े, एक-दूसरे की आँखों में एक नज़र से देखा जो युद्ध में भाइयों के सभी दर्द, शांति और सुलह की अमर आशा को संप्रेषित करती थी। मौन किसी भी शब्द से अधिक प्रभावशाली था।

एक पल का मौन रखा गया और सभी ने ईश्वर से शांति के उपहार के लिए प्रार्थना की।

उक्रेन की इरीना(बायें) और रुस की अलबीना (दायें) क्रूस लेते हुए
उक्रेन की इरीना(बायें) और रुस की अलबीना (दायें) क्रूस लेते हुए

दुख के अंधकार के बीच सुसमाचार का प्रकाश

संत पापा फ्राँसिस ने परिवारों के व्यक्तिगत अनुभव को बोलने का अवसर देते हुए क्रूस मार्ग के लिए कोई प्रवचन या चिंतन प्रस्तुत नहीं किया। धर्मविधि की अंतिम प्रार्थना में, संत पापा ने प्रार्थना की कि खुशियों और दुखों, परीक्षणों और आशाओं के बीच सभी परिवारों के दिलों में सुसमाचार की रोशनी जलती रहे और उन्होंने ईश्वर से क्षमा और शांति को हमारे "विद्रोही हृदयों" पर हावी होने देने के लिए कहा जो हमें पिता ईश्वर से दूर करना चाहते हैं।

प्रार्थनाः "हे प्रभु, हमारे विद्रोही हृदयों को अपने हृदय की ओर ले जा, जिससे हम शान्ति की योजनाओं का अनुसरण करना सीखें। हमें विरोधियों को हाथ मिलाने और आपसी क्षमा द्वारा प्राप्त आनंद का अनुभव करने हेतु प्रेरित कर। भाई के विरुद्ध उठे हुए भाई के हाथ को रोक दे, ताकि जहाँ द्वेष हो, वहाँ मेल-मिलाप बढ़े। हमें कृपा दें कि हम कभी भी मसीह के क्रूस के शत्रुओं के रूप में कार्य न करें और उनके पुनरुत्थान की महिमा में भाग ले सकें। आमेन।"

रोम के कोलोसियम में पवित्र शुक्रवार को पारंपरिक क्रूस मार्ग की धर्मविधि

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16 April 2022, 10:50