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संत पापाः माल्टा प्रेरिताई की मिसाल

संत पापा फ्रांसिस ने अपने बुधवारीय आमदर्शन समारोह में माल्टा की अपनी प्रेरितिक यात्रा का छोटा विवरण प्रस्तुत किया।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, गुरूवार, 06 अप्रैल 2022 (रेई) संत पापा फ्रांसिस ने अपने बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा पौल षष्टम के सभागार  में जमा हुए सभी विश्वासियों और तीर्थयात्रियों का अभिवादन करते हुए कहा, प्रिय भाइयो एवं बहनों, सुप्रभात।

बिगत शनिवार और रविवार को मैंने माल्टा की प्रेरितिक यात्रा पूरी की, एक प्रेरितिक यात्रा जिसकी योजना कुछ समय पहले से की गई थी जिसे कोविड महामारी के कारण स्थागित करना पड़ा था। भूमध्यसागर के बीच में अवस्थित होने पर भी बुहत से लोग माल्टा को नहीं जानते हैं। माल्टा में सुसमाचार का प्रचार बहुत जल्दी हुआ क्योंकि संत पौलुस का जहाज जिस पर वे यात्रा कर रहे थे उस द्वीप के निकट टूटा और जहाज के करीबन दो सौ सत्तर अन्य यात्रियों के संग वे चमत्कारिक ढ़ंग से बचाये गये। प्रेरित चरित हमें यह बतलाता है कि माल्टावासियों ने उनका स्वागत “असमान्य करूणामय ढ़ंग से” किया। संत पापा ने कहा कि मैंने इस शब्द का चयन किया है जो मेरी इस यात्रा का आदर्श-वाक्य था क्योंकि ये हमें उस राह को प्रदर्शित करते हैं जो न केवल हमें प्रवासियों की घटना का सामना करने बल्कि अधिक सामान्य तरीके से दुनिया को और अधिक भ्रातृत्वमय, निवास के योग्य, बना सकता है जो जहाज को टूटने से बचायेगा, जिससे हम सभी भयभीत रहते हैं- जैसे कि हम सभी जानते हैं कि हम एक ही जहाज के सहयात्री हैं। इस संदर्भ में माल्टा हमारे लिए एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

माल्टा, इतिहास और सभ्यता का धनी

भौगोलिक रुप में यह यूरोप और अफ्रीका के बीच समुद्र के क्रेन्द में अवस्थित है जो एशिया को भी छूता है। माल्टा अपने में “गुलाबी हवा” कहलाती है जहाँ हम लोग और संस्कृतियों के मिलन को पाते हैं। यह वह सुन्दर स्थल है जहाँ से हम भूमध्यसागर के क्षेत्र को 360 डिग्री कोणों से देख सकते हैं। आज हम अक्सर “भू-राजनीति” कि चर्चा सुनते हैं, लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि शक्तिशाली राष्ट्र अपने अर्थव्यवस्था के क्षेत्र, आदर्शों और सैन्य शक्ति का विकास करने हेतु प्रभावशाली तर्क का उपयोग करते हैं। इस संदर्भ में माल्टा हमारे लिए “छोटे” देशों के अधिकार और ताकत को प्रस्तुत करता है, एक छोटा देश लेकिन वह अपने इतिहास और सभ्यता में धनी है जो हमें दूसरे तर्क का अनुसरण करने हेतु अग्रसर करता है- जो कि सम्मान और स्वतंत्रता, अंतरों के सह-अस्तित्व में आनंद, सबसे शक्तिशाली देशों के उपनिवेश का विरोध है। द्वितीय विश्व युद्ध उपरांत शांति स्थापना, नई सदी हेतु एक बुनियादी नींव रखी गई, लेकिन दुर्भाग्यवश शक्ति स्थापना की पुरानी प्रतियोगिता शक्तिशाली राष्ट्रों में अब तक बरकरार है। और हम इसे वर्तमान के यूक्रैन युद्ध में साक्षात देख सकते हैं जहाँ राष्ट्र देशों के संघ अपने में पंगु हैं।

हर प्रवासी महत्वपूर्ण

दूसरा पहलू, प्रवासन के संदर्भ में माल्टा एक मुख्य स्थल है। संत पापा योहन पौल तैसीवें के स्वागतकक्ष में मैंने बहुत से शरणर्थियों से मुलाकात की, जिन्हें भयावह यात्राएं करते हुए उस द्वीप पर कदम रखा है। हम उनके साक्ष्यों को सुनने हेतु न थकें क्योंकि ऐसा करने के द्वारा ही हम अपने विकृत विचारों से बाहर निकल पायेंगे जो संचार माध्यमों के द्वारा प्रसारित होता है जिसके माध्यम हम उनके चहेरों, कहानियों, घावों, सपनों और आशाओं से अपने को रूबरू करते हैं। हर प्रवासी अपने में महत्वपूर्ण है, वह कोई एक संख्या नहीं बल्कि हमारी तरह है, अपने मानवीय सम्मान, अपनी जड़ों और अपनी एक संस्कृति में अखंड है। हर व्यक्ति अपने में एक असीमित समृद्धि को धारण करता है कठिनाइयों से बढ़कर है। हम इस बात को न भूले की यूपोप का निर्माण प्रवासियों के हुआ है।

माल्टा शांति का प्रयोगशाला

निश्चित ही, उनका स्वागत एक संगठित रुप में होने की जरुरत है जिसकी देख-रेख हो, और सर्वप्रथम इसे एक अंतरराष्ट्रीय स्तर साथ मिलकर करने की जरुरत है। अप्रवासन की घटनाएं केवल आपातकालीन चीजों के रुप में ही सीमित हो कर न रह जायें, यह हमारे समय की एक निशानी है। हमें इसका अध्ययन करने और इसका विवेचन करने की जरुरत है। यह हमारे लिए संघर्ष की निशानी या युद्ध का कारण बन सकता है। यह हमारे ऊपर निर्भर करता है। वे जिन्होंने माल्टा के योहन तृतीत क्रेन्द हेतु अपने प्राणों की आहूति दी उन्होंने ख्रीस्तीय चुनाव किया यही कारण है कि यह “शांति का प्रयोगशाला” कहलाती है। संत पापा ने कहा कि मैं पूरे माल्टा को शांति का प्रयोगशाला कहना चाहूँगा। वह अपने इस प्रेरिताई को जानती है, और इसकी मिसाल बनती है यदि वह बधुत्व, करुणा और एकता को स्थापित करती है। माल्टा के लोगों ने सुसमाचार के इन मूल्यों को अपने में आत्मसात किया है और हम उनके प्रति कृतज्ञ हैं वे सुसमाचार की ज्योति को अपने में बनाये रखेंगे।

माल्टा प्रेरिताई का डीएनए

यही कारण है कि रोम के धर्माध्यक्ष स्वरुप, मैं वहाँ के लोगों को अपने विश्वास और एकता में सृदढ़ करने हेतु यह तीर्थ किया। तीसरा विन्दु, संत पापा ने कहा कि माल्टा सुसमाचार प्रचार के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है। माल्टा और गोजो, देश के दो धर्माप्रातों से हम बहुत से पुरोहितों और धर्मबुंधों को पाते हैं, इसके साथ ही लोकधर्मी जिन्होंने सारी दुनिया को ख्रीस्तीयता का साक्ष्य प्रस्तुत किया है। ऐसा प्रतीत होता है मानों संत पौलुस ने माल्टावासियों के लिए प्रेरिताई का डीएनए छोड़ा गया हो। यही कारण है कि मेरी यह यात्रा कृतज्ञता की निशानी रही, मैं ईश्वर को माल्टा और गोजो की पवित्र प्रजा के लिए कृतज्ञता के भाव अर्पित करना चाहता था।

कलीसिया की बुलाहट, सुसमाचार प्रचार

हालाँकि, उपभोक्तावाद, नवपूंजीवाद और सापेक्षवाद पर आधारित संप्रदायवाद और भूमंडलीकृत संस्कृति की हवा वहाँ भी बह रही हैं। अतः वहाँ भी अब नवीन सुसमचार प्रचार का समय आ गया है। मेरे पूर्ववर्तियों की भांति मैंने संत पौलुस के तीर्थस्थल की भेंट की जो अपने में स्रोत के पास जाने जैसा था, जिससे सुसमाचार की मौलिकता माल्टा में नवीनता को प्राप्त करे और अपनी प्रसिद्धि धार्मिकता की धरोहर को पुनर्जागृत कर सकें। यह माता मरियम के तीर्थ ता पेनु में झलकता है जहाँ गोजो के द्वीप में हमने गहन प्रार्थना में समय व्यतीत किया। वहाँ मैंने माल्टावासियों के हृदय की धड़कन को महसूस किया जो पवित्र माता मरियम पर अटूट विश्वास रखते हैं। मरियम अपने करूमामय प्रेम में हमारे लिए क्रूसित और पुनर्जीवित येसु ख्रीस्त में सदैव जरूरी चीजों को लेकर आती हैं। वह पवित्र आत्मा की ज्योति से हमारे विश्वास की ज्योति को प्रज्वल्लित करती है जो पीढ़ी दर पीढ़ी हमारे लिए सुसमाचार की घोषणा को खुशी से भर देती है क्योंकि कलीसिया की खुशी सुसमाचार की घोषणा है। हम संत पापा पौलुस छःवें के शब्दों को न भूलें कलीसिया की बुलाहट सुसमाचार का प्रचार करना है; कलीसिया का आनंद सुसमाचार प्रचार में है। हम इसे न भूलें क्योंकि यह कलीसिया की सबसे सुंदर परिभाषा है।

मैं इस अवसर पर माल्टा गणराज्य के राष्ट्रपति और अन्य नागरिक अधिकारियों के प्रति अपनी कृतज्ञता के भाव को नवीनीकृत करता हूँ, जिन्होंने सहृदयता के साथ मेरा स्वागत किया; साथ ही धर्माध्यक्षों और कलीसियाई समुदाय के सभी सदस्यों को, स्वयंसेवकों को और उन सभी को जिन्होंने प्रार्थना करते हुए मेरा साथ दिया। वास्तव में, हम बोते हैं, लेकिन यह ईश्वर है जो इसे बढ़ाते हैं। उनकी अनंत अच्छाई प्रिय माल्टावासियों को शांति और हर अच्छाई के प्रचुर फल प्रदान करें!

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06 April 2022, 14:43