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संत पापा फ्राँसिस संत पापा फ्राँसिस  

स्वर्ग की रानी प्रार्थना ˸ साहसी बनें और पास्का के आनन्द की घोषणा करें

पास्का अठवारे के सोमवार को संत पापा फ्राँसिस ने विश्वासियों को पुनर्जीवित ख्रीस्त के शब्दों, "डरो नहीं" को, अपने हृदय में लेने तथा पास्का के आनन्द का साक्ष्य सच्चाई द्वारा करने का प्रोत्साहन दिया जो हमें स्वतंत्र करता है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

संत पापा फ्राँसिस ने पास्का महापर्व के दूसरे दिन संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में उपस्थित तीर्थयात्रियों एवं विश्वासियों के साथ स्वर्ग की रानी प्रार्थना का पाठ किया। स्वर्ग की रानी प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कह कहा, "पास्का के अठवारे के सभी दिन, एक ही दिन के समान हैं जिनमें पुनरूत्थान के आनन्द को लम्बा खींचा गया है।"

इस प्रकार आज की धर्मविधि हमें पुनर्जीवित प्रभु के बारे, कब्र के पास गई महिलाओं को उनके प्रकट होने के बारे बतलाता है। (मती. 28,8-15) येसु उनसे मिलने जाते एवं उनका अभिवादन करते हैं। तब वे उन्हें दो चीजें बतलाते हैं, जो हमारे लिए भी पास्का उपहार होगा।

डरो नहीं

पहला, वे उन्हें दो सरल शब्दों में फिर आश्वासन देते हैं : "डरो नहीं।"(10) संत पापा ने कहा, "प्रभु जानते हैं कि भय हमारे दैनिक जीवन के शत्रु हैं। वे यह भी जानते हैं कि हमारा भय उस बड़े डर, मौत के डर से उत्पन्न होता है, समाप्त हो जाने, प्रियजनों को खोने, बीमार होने, कभी नहीं कर पाने आदि के डर। लेकिन पास्का में येसु मौत पर विजय पाये हैं। अतः कोई दूसरे इतनी दृढ़ता के साथ नहीं कह सकते, "डरो मत।" प्रभु कब्र के ठीक बगल में ऐसा कहते हैं जहाँ से वे विजयी होकर जी उठे। इस प्रकार वे हमें अपने भय की कब्रों से बाहर निकलने के लिए कहते हैं। वे जानते हैं कि डर हमेशा हमारे दिल के दरवाजे पर रहता है। हमें नहीं डरने के लिए पास्का की सुबह की तरह हरेक सुबह उन्हें बार-बार दुहराते हुए सुनने की जरूरत है, "भाइयो और बहनो, जो ख्रीस्त में विश्वास करते हैं, नहीं डरें, मैं येसु आपसे कह रहा हूँ, मैंने आपके लिए मौत का अनुभव किया है, मैंने तुम्हारी बुराई अपने ऊपर ली है। अब मैं जी उठा हूँ तुम्हें यह बतलाने के लिए कि मैं सदा तुम्हारे साथ हूँ। डरो नहीं।"

जाओ और दूसरों को बतलाओ

संत पापा ने कहा, "किन्तु वास्तव में किस तरह भय से लड़ा जा सकता है? येसु महिलाओं को दूसरी चीज बतलाते हैं जो हमें मदद देगा : जाओ और मेरे भाइयों को बतलाओ कि वे गलीलिया जाएँ, वे वहाँ मुझे देखेंगे। (10) जाओ और घोषणा करो। उन्होंने कहा, "डर हमेशा हमें अपने आपमें बंद कर देता है। दूसरी ओर येसु हमें बाहर निकालते हैं और दूसरों के पास भेजते हैं। यही उपाय है। किन्तु हम कह सकते हैं कि मैं योग्य नहीं हूँ। वे महिलाएँ निश्चय ही योग्य और प्रभु के जी उठने की घोषणा करने के लिए तैयार नहीं थीं किन्तु प्रभु इसकी चिंता नहीं करते। वे चिंता करते हैं कि लोग बाहर जाएँ और उनकी घोषणा करें। क्योंकि पास्का के आनन्द को अपने आपमें नहीं रखना है। ख्रीस्त का आनन्द देने से बढ़ता है, यह बांटने से अधिक होता है। यदि हम अपने आपको खोलते एवं सुसमाचार को धारण करते हैं तब हमारा हृदय बड़ा होता है और हम भय से ऊपर उठते हैं।

चुनौतीपूर्ण मुलाकात, घोषणा

हालांकि, आज का पाठ हमें बतलाता है कि सुसमाचार प्रचार में हमें एक बाधा का सामना करना पड़ सकता है, झूठ का। सुसमाचार एक दूसरी घोषणा के बारे बतलाता है जिसको उन सैनिकों ने की जिन्होंने येसु के कब्र पर पहरा दी थी। "उन्हें मोटी रकम दी गई थी" (12) और समझाकर कहा गया था कि "रात को जब हमलोग सो रहे थे तो ईसा के शिष्य आये और उसे चुरा ले गये।" (13) यही झूठापन है, छिपाने का तर्क, जो सच्चाई की घोषणा करने के विपरीत है। यह हमारे लिए भी एक अनुस्मारक है: शब्दों में और जीवन में असत्य – जो उद्घोषणा को दूषित करता, अंदर भ्रष्ट करता और कब्र में वापस ले जाता है। जबकि पुनर्जीवित प्रभु चाहते हैं कि हम झूठे एवं दोहरेपन की कब्रों से बाहर निकलें।

संत पापा ने कहा, "प्यारे भाइयो एवं बहनो, हम निश्चय ही ठोकर खाते हैं जब समाचारों में, झूठ पाते और लोगों के जीवन तथा समाज में चालबाजी देखते हैं। हम अपने अंदर के झूठ पर भी गौर करें और इन बाधाओं को जी उठे येसु के प्रकाश के सामने रखें। वे छिपी चीजों को प्रकाश में लाना चाहते हैं, हमें पारदर्शी एवं सुसमाचार के आनन्द के जगमगाते साक्षी बनाना चाहते हैं। उस सच्चाई के साक्षी जो हमें स्वतंत्र कर देता है।" (यो. 8:32)

माता मरियम से प्रार्थना

तब उन्होंने माता मरियम से प्रार्थना करते हुए कहा, "माता मरियम, जी उठे प्रभु की माता, हमें अपने भय से ऊपर उठने में मदद दे एवं सच्चाई के लिए उत्साही बना।"

इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ स्वर्ग की रानी प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

संत पापा ने संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में उपस्थित तीर्थयात्रियों का अभिवादन किया एवं सभी को पास्का पर्व की शुभकामनाएँ अर्पित की।  

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18 April 2022, 12:32